कुलदीप यादव के कमबैक ने पूरी तरह बर्बाद कर दिया इन 2 स्पिनरों का करियर, अब कभी नहीं कर पाएंगे टीम इंडिया में वापसी

Published - 17 Sep 2025, 05:09 PM | Updated - 17 Sep 2025, 11:37 PM

Kuldeep Yadav 2

Kuldeep Yadav : एशिया कप 2025 में कुलदीप यादव (Kuldeep Yadav) ने धमाकेदार वापसी करते हुए भारतीय गेंदबाज़ी को नई धार दी है। उनके लगातार शानदार प्रदर्शन ने न सिर्फ टीम इंडिया को मजबूती दी है, बल्कि चयनकर्ताओं का भरोसा भी पूरी तरह से जीत लिया है।

उनके इस प्रर्दशन के कारण कुछ स्पिनरों का करियर अब लगभग अंधेरे में जाता दिख रहा है, क्योंकि टीम से बाहर बैठे वे सिर्फ मौके का इंतज़ार कर रहे हैं। कुलदीप के कमबैक के बाद इन दो स्पिनर्स का करियर बर्बाद नज़र आ रहा हैं। आइये एक नज़र डालते हैं उन दो स्पिन गेंदबाज़ों पर...

Kuldeep Yadav ने किया शानदार कमबैक

कुलदीप यादव (Kuldeep Yadav) का करियर 2019 वर्ल्ड कप के बाद काफी कठिन दौर से गुज़रा। उनका प्रदर्शन गिरा, आत्मविश्वास कम हुआ और चोटों ने भी परेशान किया। कई बार उन्हें टीम से बाहर बैठना पड़ा।

लेकिन 2022 से उन्होंने जिस तरह से वापसी की है, वह किसी कहानी से कम नहीं है। आईपीएल हो या अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट, उन्होंने हर मौके पर खुद को साबित किया।

टीम इंडिया के लिए कुलदीप न सिर्फ मिडिल ओवर्स में विकेट झटक रहे हैं, बल्कि डेथ ओवर्स तक कप्तान को विकल्प दे रहे हैं। उनकी सबसे बड़ी ताकत है उनकी गेंदबाज़ी में लगातार बदलाव और बल्लेबाज़ों को पढ़ने की कला।

कुलदीप यादव (Kuldeep Yadav) ने आगमी एशिया कप 2025 में शानदार प्रदर्शन करते हुए टीम को जीत दिलाई , उन्होंने दो मैचों में युएई और पाकिस्तान के खिलाफ क्रमश : 4 और 3 विकेट झटके और दोनों मुक़ाबलों में उन्हें मैन ऑफ द मैच चुना गया। यही कारण है कि वर्ल्ड कप और एशिया कप जैसे बड़े टूर्नामेंट्स में वह टीम के मुख्य स्पिनर बन चुके हैं।

कुलदीप यादव के कमबैक ने इन दो स्पिन गेंदबाज़ों के करियर पर लगाया ब्रेक?

भारतीय क्रिकेट में हमेशा से ही स्पिनरों की भरमार रही है। हर दौर में टीम इंडिया के पास बेहतरीन स्पिन विकल्प मौजूद रहे हैं। 2017 से 2020 तक युजवेंद्र चहल और कुलदीप यादव (Kuldeep Yadav) की जोड़ी को "KULCHA" के नाम से जाना जाता था। इस जोड़ी ने सीमित ओवरों के क्रिकेट में बल्लेबाज़ों को खूब परेशान किया।

लेकिन समय बदलने के साथ चहल का फॉर्म गिरा और कुलदीप चोटों से जूझने लगे। इसी बीच रवि बिश्नोई जैसे युवा लेग स्पिनर ने भारतीय टीम में जगह बनाई और अच्छा प्रदर्शन भी किया।

मगर पिछले दो वर्षों में कुलदीप यादव (Kuldeep Yadav) ने ऐसा कमबैक किया कि एक बार फिर वह भारतीय स्पिन आक्रमण के मुख्य हथियार बन गए।

उनकी निरंतरता, विकेट लेने की क्षमता और बड़े मैचों में प्रदर्शन ने सिलेक्टर्स को मजबूर कर दिया कि उन्हें ही पहला विकल्प माना जाए। इस स्थिति ने सीधे तौर पर युजवेंद्र चहल और रवि बिश्नोई के करियर को प्रभावित किया है।

युजवेंद्र चहल की गिरती पकड़

चहल एक समय भारतीय सीमित ओवर टीम के सबसे भरोसेमंद स्पिनर माने जाते थे। उनकी गुगली और फ्लाइट से बड़े-बड़े बल्लेबाज़ फंसते थे। लेकिन पिछले कुछ सालों में उनका प्रदर्शन अस्थिर रहा है। आईपीएल में भी वह कई बार रन लुटाते दिखे।

सबसे बड़ी चुनौती यह रही कि चहल दबाव में विकेट नहीं निकाल पाए, जबकि कुलदीप लगातार मैच जिताऊ प्रदर्शन कर रहे थे। चहल आईपीएल में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद भी उन्हें भारतीय टीम के 15 सदस्य दल में चुना तो जाता था लेकिन प्लेइंग XI में अपनी जगह नहीं बना पा रहे थे।

उनकी जगह उनके साथी खिलाड़ी कुलदीप यादव (Kuldeep Yadav) को खिलाया जाता था। चहल भारतीय टीम में 3 टी20 वर्ल्ड कप (2021, 2022 और 2024) टीम का हिस्सा थे लेकिन उन्हें किसी भी टूर्नामेंट में एक भी मैच खेलने का मौका नहीं मिला। कुलदीप यादव की मौजूदगी और उनके शानदार प्रदर्शन के कारण टीम मैनेजमेंट उन्हें लगभग भुला ही चुका है।

रवि बिश्नोई के लिए वापसी का रास्ता मुश्किल

रवि बिश्नोई ने अंडर-19 क्रिकेट से ही अपनी पहचान बनाई थी। उन्होंने शुरुआती अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में भी प्रभावित किया और भविष्य के स्टार के रूप में देखे जाने लगे। लेकिन कुलदीप यादव (Kuldeep Yadav) की शानदार वापसी ने उनके लिए रास्ता बेहद कठिन बना दिया है।

बिश्नोई की सबसे बड़ी कमजोरी यह रही है कि वह लंबे स्पेल में लगातार प्रभावी नहीं रह पाए। टी20 क्रिकेट में वह उपयोगी रहे हैं, लेकिन वनडे में उनकी पकड़ नहीं बन पाई। दूसरी ओर कुलदीप (Kuldeep Yadav) का अनुभव और बड़े मैचों में प्रदर्शन उन्हें हर बार टीम में प्राथमिकता दिलाता है।

क्या अब इन दो स्पिन गेंदबाज़ों की वापसी संभव है?

युजवेंद्र चहल और रवि बिश्नोई के लिए वापसी का रास्ता बेहद मुश्किल होता जा रहा है। चहल की उम्र अब 34 के पार है और टीम इंडिया भविष्य की तैयारी में युवा विकल्पों पर ज्यादा भरोसा कर रही है। वहीं बिश्नोई के पास समय है, लेकिन उन्हें घरेलू क्रिकेट और आईपीएल में लगातार प्रदर्शन करके साबित करना होगा कि वह कुलदीप का विकल्प बन सकते हैं।

मगर सच यही है कि फिलहाल भारतीय टीम में स्पिनर की पहली पसंद कुलदीप यादव (Kuldeep Yadav) ही हैं। अगर उनका फॉर्म इसी तरह बरकरार रहा, तो चहल और बिश्नोई को लंबे समय तक टीम इंडिया में जगह पाना मुश्किल हो सकता है।

युजवेंद्र चहल के अंतरराष्ट्रीय करियर पर एक नज़र

भारतीय टीम के दिग्गज लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल ने साल 2016 में जिम्बाब्वे के खिलाफ अपना अंतरराष्ट्रीय डेब्यू किया। चहल अपनी गुगली और लगातार विकेट लेने की क्षमता के लिए मशहूर रहे।

वनडे क्रिकेट में उन्होंने अब तक 72 वनडे मैच खेले हैं और 121 विकेट झटके हैं। उनका बेस्ट प्रदर्शन 6/42 है, जो भारतीय स्पिनरों में सबसे बेहतरीन प्रदर्शनों में गिना जाता है। वहीं टी20 क्रिकेट में चहल का करियर और भी प्रभावशाली रहा है।

उन्होंने 80 टी20I मुकाबलों में 96 विकेट लिए हैं। टी20I में उनका बेस्ट प्रदर्शन 6/25 है। वह लंबे समय तक भारत के सबसे भरोसेमंद टी20 गेंदबाज़ों में से एक रहे।

हालांकि हाल के वर्षों में उनका प्रदर्शन उतार-चढ़ाव भरा रहा और नए स्पिनरों के उभरने के बाद उन्हें टीम में जगह बनाए रखने में दिक्कत आई।

रवि बिश्नोई के अंतरराष्ट्रीय करियर पर एक नज़र

युवा लेग स्पिनर रवि बिश्नोई ने 2022 में वेस्टइंडीज़ के खिलाफ टी20 इंटरनेशनल में डेब्यू किया। अपनी तेज़ गूगली और आक्रामक रवैये के लिए मशहूर बिश्नोई जल्दी ही चर्चा में आ गए।

उन्होंने अब तक 42 टी20I मैच खेले हैं और 61 विकेट लिए हैं। उनका बेस्ट प्रदर्शन 4/13 रहा हैं । वह डेथ ओवर्स में भी गेंदबाज़ी करने की क्षमता रखते हैं, जिससे कप्तानों को विकल्प मिलता है। वनडे क्रिकेट में उनके पास केवल एक मैच का अनुभव हैं जिसमे उन्होंने मात्र एक ही विकेट हासिल किया हैं।

भारतीय टीम में कड़ी प्रतिस्पर्धा और कुलदीप यादव (Kuldeep Yadav) के शानदार प्रदर्शन के चलते उनकी वापसी होना आसान नहीं है।

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कुलदीप यादव एक बाएं हाथ के कलाई स्पिनर हैं, जिन्होंने 2017 में भारत के लिए डेब्यू किया और अपनी चाइनामैन गेंदबाज़ी से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पहचान बनाई।

युजवेंद्र चहल ने भारत के लिए 70 से ज्यादा वनडे खेले हैं जिसमें उन्होंने 120 से अधिक विकेट लिए हैं, वहीं 80 से ज्यादा टी20I मुकाबलों में उनके नाम करीब 100 विकेट दर्ज हैं। दूसरी ओर, रवि बिश्नोई ने अब तक 40 से ज्यादा टी20I मैच खेले हैं और 60 से अधिक विकेट झटके हैं। वनडे क्रिकेट में उन्होंने सिर्फ एक मैच खेला है जिसमें उन्हें 1 विकेट मिला।