इंडिया-इंग्लैंड के बीच खेले गये दूसरे वनडे मैच में इंग्लैंड टीम ने 6 विकेट से जीत लिया है। मैच जीतने के साथ ही इंग्लैंड ने सीरीज में 1-1 से बराबरी कर ली है। सीरीज का पहले मैच भारत ने 66 रन से जीता था। आप को बता दें कि दोनों ही मैचों में भारत ने इंग्लैंड को 300 से ज्यादा रनों का लक्ष्य दिया था। लेकिन, इंग्लैंड टीम के बल्लेबाजों जॉनी बेयरस्टो (124 रन), बेन स्टोक्स (99) और जेसन रॉय ने 55 रन बनाकर भारतीय टीम से मैच छीन लिया। जिनकी तारीफ भारतीय कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) ने भी किया है।
स्टोक्स और बेयरस्टो की साझेदारी ने छीना मैच
मैच हारने के बाद भारतीय कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) ने पोस्ट प्रेजेंटेशन सेरेमनी में इंग्लैंड के बल्लेबाजों की तारीफ करते हुए कहा कि-
"हमने बोर्ड पर काफी अच्छे रन टांगे थे। लेकिन, हम ज्यादा समय तक मैच में नहीं बने रह पाए. नई गेंद के साथ हमने अच्छी शुरुआत की थी। लेकिन, इंग्लैंड ने जल्दी ही शतकीय साझेदारी कर मैच हमसे छीन लिया। हमने बहुत अच्छी बल्लेबाजी की, लेकिन उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाए। पीछा करते हुए टीम ने बहुत ही अच्छा प्रदर्शन किया है।
यही नहीं जॉनी बेयरस्टो और बेन स्टोक्स की साझेदारी ने हमसे मैच पूरी तरह से छीन लिया। उन्होंने हमसे किसी भी तरह से मौका नहीं दिया। हालांकि ओस की कोई भूमिका नहीं रही और गेंद भी अच्छे से आ रही थी। हार का हम कोई बहाना नहीं बनाएंगे। लेकिन, जब दुनिया की दो बेहतरीन टीमें आपस में भिड़ती हैं तो मैच रोमांचक ही होगा। पिछले मैच में हम हावी थे तो दूसरे मैच में उन्होंने बाजी मार ली।"
हार्दिक को फिटनेस सही करने की जरुरत
मैच खत्म होने के बाद कोहली (Virat Kohli) से जब पूछा गया कि हार्दिक पांड्या (Hardik Pandya) से गेंदबाजी क्यों नहीं करवाई. तो कोहली बोले कि-
"हार्दिक को अभी भी अपनी बॉडी लैंग्वेज पर काम करने की जरुरत है। उनकी फिटनेस अभी सही नहीं है। उनकी बल्लेबाजी तो अच्छी है लेकिन, गेंदबाजी के लिए उन्हें और काम करने की जरुरत है। टी20 मैचों में अच्छी गेंदबाजी कर लेने से आप वनडे मैचों में अच्छा कर सको, ये जरुरी नहीं है। हम चाहते हैं कि हार्दिक पूरी तरह से फिट हो जाएं। क्योंकि वो टीम का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।"
मैं शतक के लिए नहीं खेलता
भारतीय कप्तान ने विराट कोहली (Virat Kohli) ने आगे कहा कि
" मैंने कई बार शतक बनाए हैं, लेकिन मैं शतक के लिए नहीं खेलता। मैं बस कोशिश करता हूं कि टीम जीत जाए। क्योंकि जरुरी नहीं कि आप के शतक बनाने से टीम जीत ही जाए। आप करियर के आखिरी में आप नंबर्स को नहीं देखते बल्कि यह मायने रखता है कि आपने खेल कैसा खेला है।"