3 कारण, क्यों विराट कोहली को अब दे देना चाहिए कप्तानी से इस्तीफा
Published - 10 Feb 2021, 06:45 PM

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विराट कोहली की कप्तानी वाली भारतीय क्रिकेट टीम को इंग्लैंड के खिलाफ खेले गए पहले टेस्ट मैच में 227 रनों की करारी हार का सामना करना पड़ा। इस हार ने ना केवल भारत को चल रही टेस्ट सीरीज में 0-1 से पीछे कर दिया है बल्कि आईसीसी टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में भी भारत का पहुंचना अब मुश्किल हो गया है।
अब यदि भारतीय क्रिकेट टीम को टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचना है, तो अब बचे हुए सीरीज के तीनों ही मैचों में जीत दर्ज करनी होगी। अब यदि इस बीच विराट कोहली की कप्तानी की बात करें, तो पिछले काफी वक्त से विराट कोहली की कप्तानी पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
उनके नेतृत्व में टीम का प्रदर्शन निराशाजनक होता जा रहा है। ऐसे में दिग्गज खिलाड़ी व अनुभवी कप्तान होने के चलते विराट कोहली को खुद ही कप्तानी छोड़ देनी चाहिए। तो आइए इस आर्टिकल में आपको उन 3 कारणों के बारे में बताते हैं, जिसके चलते विराट को खुद ही कप्तानी से इस्तीफा दे देना चाहिए।
3 कारणों से विराट कोहली को छोड़ देनी चाहिए कप्तानी
1- तीनों फॉर्मेट की कप्तानी का दबाव बल्लेबाजी पर दिख रहा
भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली 2014 से टेस्ट व 2017 से सीमित ओवर क्रिकेट की कप्तानी कर रहे हैं। इस बात में कोई शक नहीं है कि विराट ने खुद को अच्छा कप्तान साबित किया है, लेकिन अब उनकी कप्तानी का दबाव उनकी बल्लेबाजी पर भी नजर आने लगा है।
अपनी बड़ी-बड़ी पारियों के लिए मशहूर विराट कोहली के बल्ले से शतक आए लंबा वक्त बीत चुका है। 2019 के आखिर में उन्होंने बांग्लादेश के साथ खेले गए डे-नाइट टेस्ट में शतक लगाया था, उसके बाद से अब तक कोई बड़ी पारी नहीं आई है। ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि कप्तान विराट कोहली पर अत्यधिक दबाव है, जिसे वह टेस्ट कप्तानी से इस्तीफा देकर हल्का कर सकते हैं।
विराट की पिछली 9 पारियों पर गौर करें, तो शतक के बाद उन्होंने क्रमश: 2, 19, 3, 14, 74, 4, 11, 72 रनों की पारी खेली है। इनमें आपको दो अर्धशतक नजर आ रहे होंगे, लेकिन विराट के कद के अनुसार ये पारियां कुछ खास नहीं हैं।
2- लगातार हार रही है टीम
भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली का टेस्ट में विनिंग प्रतिशत 57.89 का है। उनकी कप्तानी में भारत ने अब तक 57 मैच खेले हैं, जिसमें से 33 जीते हैं और 14 हारे हैं। ये जीत का औसत धीरे-धीरे खराब होता जा रहा है। जी हां, विराट ने अपनी कप्तानी में आखिरी बार बांग्लादेश के खिलाफ घरेलू मैदान पर डे -नाइट टेस्ट मैच जीता था।
उसके बाद टीम न्यूजीलैंड दौरे पर गई और विराट की कप्तानी में किवी टीम ने 2-0 से क्लीन स्वीप कर दिया। इसके बाद कोरोना वायरस के चलते भारत ने लंबे वक्त तक टेस्ट क्रिकेट नहीं खेला, लेकिन फिर टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गई।
जहां, एडिलेट टेस्ट मैच में विराट कोहली की कप्तानी में भारत को एक शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा, जब दूसरी पारी में भारतीय टीम सिर्फ 36 रन के न्यूनतम स्कोर पर ऑलआउट हो गई। लगातार मिल रही हार को देखते हुए कप्तान कोहली को टेस्ट फॉर्मेट से इस्तीफा दे देना चाहिए।
3- अजिंक्य रहाणे की कप्तानी का ट्रैक रिकॉर्ड 100 %
जब ऑस्ट्रेलिया दौरे पर विराट कोहली की कप्तानी में भारत ने पहले टेस्ट मैच में शर्मनाक हार का सामना किया था। उसके बाद विराट पैतृक अवकाश के लिए भारत लौट आए और कप्तान अजिंक्य रहाणे के हाथों में आ गई।
अजिंक्य रहाणे ना केवल बॉक्सिंग डे टेस्ट में शतक लगाकर टीम जीत दिलाई बल्कि सीरीज में टीम को 2-1 से जीत भी दिलाई, जिसकी एडिलेट टेस्ट के बाद शायद ही किसी ने उम्मीद की थी। इसी के साथ रहाणे ने अपनी कप्तानी का ट्रैक रिकॉर्ड 100 प्रतिशत बनाए रखा।
रहाणे ने ऑस्ट्रेलिया में बचे हुए तीन मैचों में कप्तानी की और 2 में जीत और सिडनी टेस्ट क ऐतिहासिक रूप से ड्रॉ पर पहुंचाया। इससे पहले रहाणे ने 2016 में अफगानिस्तान के खिलाफ और 2017 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ विराट कोहली के चोटिल होने के बाद टीम की कमान संभालते हुए टीम को जीत दिलाई थी। रहाणे की कप्तानी को देखते हुए विश्व क्रिकेट में कुछ वक्त से विराट कोहली की जगह रहाणे को कप्तानी सौंप देने की बात चल रही है।