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Sairaj Bahutule : भारतीय टीम (Team India Sri Lanka Tour) श्रीलंका दौरे पर पहुंचेगी। श्रीलंका दौरे के लिए भारतीय टीम का ऐलान हो चुका है। इस सीरीज के साथ ही भारत के कोच के तौर पर गौतम गंभीर का कार्यकाल शुरू हो जाएगा। गंभीर के हेड कोच चुने जाने के बाद सबकी नजर इस बात पर टिकी है कि टीम इंडिया का बैटिंग, बॉलिंग और फील्डिंग कोच किसे चुना जाएगा। कुछ कोचिंग स्टाफ के नाम पर सहमति बन गई है।

लेकिन बॉलिंग कोच के नाम पर अभी सहमति नहीं बन पाई है, इसलिए श्रीलंका दौरे के लिए पूर्व लेग स्पिनर साईराज बहुतुले को अंतरिम बॉलिंग कोच की जिम्मेदारी दी गई। यह दिग्गज कौन है, यह सवाल हर किसी के मन में रहा होगा, तो चलिए इसका जवाब देते हैं।

Sairaj Bahutule कौन हैं?

  • आपको बता दें कि साईराज बहुतुले (Sairaj Bahutule) ने भारत के लिए दो टेस्ट और आठ वनडे मैच खेले हैं।
  • बाथुले एक ऑलराउंडर थे जिन्होंने मुंबई के क्रिकेट ग्राउंड पर क्रिकेट का ककहरा सीखा था।
  • उन्होंने सचिन तेंदुलकर और विनोद कांबली के साथ भी खेला है।
  • वे आईपीएल में हेड कोच का पद भी संभाल चुके हैं। उन्होंने भारत के लिए 2 टेस्ट और 8 वनडे मैच खेले हैं।
  • उन्होंने 188 फर्स्ट क्लास मैचों में 630 विकेट भी लिए हैं, जबकि 143 लिस्ट ए क्रिकेट मैचों में उन्होंने 197 विकेट लिए हैं।

अनिल कुंबले की वजह से नहीं मिली जगह

  • लेकिन साईराज बाथुले का नाम तब चर्चा में आया जब उन्होंने 1997-98 के ईरानी कप टूर्नामेंट में 13 विकेट लिए।
  • उनके प्रदर्शन ने सनसनी मचा दी थी। 24 साल की उम्र में साईराज के इस कारनामे ने चयनकर्ताओं का ध्यान खींचा और उन्हें श्रीलंका के खिलाफ वनडे मैच में टीम इंडिया में डेब्यू करने का मौका मिला।
  • इस दौरे पर सचिन तेंदुलकर भारत के कप्तान थे। शानदार प्रदर्शन के बाद इस मराठी खिलाड़ी ने 2001 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट डेब्यू किया।
  • लेकिन उनका करियर भारत के लिए सिर्फ 2 टेस्ट मैचों तक ही सीमित रहा।
  • कारण अनिल कुंबले जैसे स्थापित स्पिनरों के कारण उचित अवसर न मिलना था, इसलिए साईराज कभी अपनी जगह स्थायी नहीं बना पाए।

कोमा में चले गए साईराज

  • सिर्फ साईराज बहुतुले (Sairaj Bahutule) का करियर ही नहीं बल्कि उनकी निजी जिंदगी भी उतार-चढ़ाव से भरी रही,
  • जब 17 साल की उम्र में उनका कार एक्सीडेंट हुआ था। इस एक्सीडेंट में उनके पैर की हड्डी टूट गई थी।
  • वे कोमा में भी चले गए थे। इतना ही नहीं, इस एक्सीडेंट में उनके दोस्त विवेक सिंह की मौत हो गई थी।
  • इतने भयानक एक्सीडेंट के बाद उनके लिए अपने पैरों पर खड़ा होना तो दूर की बात क्रिकेट खेलना भी बड़ी बात थी। लेकिन उनके पिता की मेहनत ने उन्हें वापस मैदान पर ला खड़ा किया

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