Asia Cup 2023: हांगकांग में एशियाई क्रिकेट परिषद महिला इमर्जिंग एशिया कप 2023 (Asia Cup 2023) का फाइनल मुकाबला भारत और बांग्लादेश की U-19 महिला टीमों के बीच खेला गया. भारतीय महिला टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 7 विकेट के नुकसान पर निर्धारित 20 ओवरों में 127 रन बनाए.
वहीं इस खिताबी मुकाबले को जीतने के लिए बांग्लादेश को 128 रन चाहिए थे, लेकिन भारतीय गेंदबाजों ने शानदार गेंदबाजी करते हुए बांग्लादेश को 96 रन पर ऑलआउट कर दिया और टीम इंडिया ने 32 रनों एशिया कप का पहला संस्करण अपने नाम कर लिया. इस मुकाबले जीतकर ऋषभ पंत (Rishabh Pant) की बहन श्वेता सहरावत (Shweta Sehrawat) ने इतिहास रचा दिया.
ऋषभ पंत की बहन ने भारत को Asia Cup 2023 में बनाया चैंपियन
भारतीय U-19 महिला क्रिकेट टीम ने एशियाई क्रिकेट परिषद महिला इमर्जिंग एशिया कप 2023 (Asian Cricket Council Women's Emerging Asia Cup 2023) का खिताब जीतकर हांंगकांग की धरती पर तिरंगा लहरा दिया. भारत और बांग्लादेश (INDW vs BANW) के बीच खेले गए फाइनल मुकाबले में भारत ने बांग्लादेश को 39 रनों धूल चटा दी और भारत ने एशिया कप की चमचमाती ट्रॉफी पर कब्जा जमा लिया.
ये खिताबी मुकाबला ऋषभ पंत (Rishabh Pant) की बहन श्वेता सहरावत (Shweta Sehrawat) के नेतृत्व में खेला गया. वह U-19 में भारतीय महिला क्रिकेट की कप्तान है. उन्होंने दिल्ली के सोनेट क्लब से कोचिंग ली. इस क्लब से भारतीय टीम के विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत भी खेले है. श्वेता सहरावत इसलिए पंत को अपना भैय्या मानती है.
भारतीय कप्तान ने एशिया कप 2023 का खिताब जीतकर अपने क्लब भैय्या यानी पंत का नाम रौशन कर दिया. जिसके बाद सोशल मीडिया पर अफवाह उड़ गई कि ऋषभ पंत की बहन ने भारत को एशिया कप जिताया, लेकिन इस दावे में पूर्ण रूप से सच्चाई नहीं है.
Shweta Sehrawat के सपनों में पिता ने भरी जान
श्वेता सहरावत (Shweta Sehrawat) एशिया कप 2023 (Asia Cup 2023) के फाइनल मुकाबले में 13 रन बनाकर भले ही आउट हो गई हो, लेकिन इस साल खेल गए U-19 विश्वप में उनकी बल्लेबाजी को नहीं भूलाया जा सकता है. श्वेता सहरावत ने अंडर-19 वर्ल्ड कप-2023 में कोहराम मचा दिया था.
श्वेता ने लगातार दूसरे मैच में हाफ सेंचुरी जड़ी थी. उन्होंने साउथ अफ्रीका के खिलाफ नाबाद 92 रनों की पारी खेली थी. उसके अलावा अब संयुक्त अरब अमीरात के खिलाफ 74 रन ठोके डाले.
उनकी इस कड़ी मेहनत का पूरा श्रेय उनके पिता संजय को जाता है. जिन्होंने अपनी बेटी को सपनों को पूरा करने अपनी पूरी ताकत झोंक दी.उनकी बेटी के पीछे कड़ा संघर्ष छिपा है. श्वेता के पिता संजय ने उनकी क्रिकेच जर्नी पर बात करते हुए कहा था कि
''मैं अपनी बड़ी बेटी (स्वाति) को सॉनेट क्रिकेट क्लब ले जाता था और श्वेता मेरे साथ जाती थी. मुझे उसका पहला शॉट आज भी याद है. अंडर-14 लड़कों के खिलाफ निडर होकर खेलने वाली 7 साल के बच्ची को देखकर मैं हैरान रह गया. अगले दिन मैंने उसे सभी किट दिलवाए और उसकी क्रिकेट यात्रा शुरू हो गई''
श्वेता सहरावत के अकादमी केवल थीं दो लड़कियां
क्रिकेट को हमेशा लड़को का ही खेल माना गया है. लेकिन लड़कियों ने इस धारणा को गलत साबित कर दिखाया है. आज दुनिया की सबसे मशहूर खिलाड़ियों में टीम इंडिया की पूर्व कप्तान मिताली राज का आता है. वह लाखों युवा लड़कियों की मार्गदर्शक है. उन्हें देखकर लड़किय़ों ने क्रिकेट खेलने में रूची दिखाई है.
भारत को एशिया कप 2023 (Asia Cup 2023) जीताने वाली श्वेता सहरावत (Shweta Sehrawat) की कहानी भी किसी फिल्मी पर्दे से कम नहीं है. एक तरफ जहां पिता लड़को साथ खेलने की अनुमती देते हैं, वहीं दूसरी तरफ श्वेता के पिता ने लड़कों के साथ खेलने के लिए 4 साल दिए. उन्होंने बताया कि
''वह जिस अकादमी में खेलती थी वहां केवल दो लड़कियां थीं. लगभग चार साल तक वह लड़कों के साथ खेली और इससे उसका डर खत्म हो गया''