भारतीय टीम (Team India) ने यादगार प्रदर्शन करते हुए 2023 के आईसीसी अंडर-19 महिला टी20 विश्व कप का ताज अपने नाम कर लिया। रविवार (29 जनवरी 2023) को साउथ अफ्रीका के पोचेफस्ट्रूम में हुए फाइनल मुकाबले में टीम इंडिया (Team India) ने इंग्लैंड को 7 विकेट से करारी शिकस्त दी। इसी जीत के साथ ही भारतीय महिला क्रिकेट टीम का विश्व कप जीतने का सपना भी पूरा हो गया।
बता दें इससे पहले भारत की सीनियर अथवा जूनियर महिला टीम कभी भी यह खिताब नहीं जीत पाई थी। हैरान कर देने वाली बात यह भी है कि दल में शामिल सभी 15 सदस्यों को यहाँ तक पहुँचने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा है। आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से उन सभी 15 खिलाड़ियों के बारे में बताएंगे, जिन्होंने भारतीय महिला क्रिकेट टीम को एक नई उम्मीद दी है:-
1.) शेफाली वर्मा (Shafali Verma)
कप्तान शेफाली वर्मा (Shafali Verma) ने इस पूरे विश्व कप में गेंद और बल्ले से गजब का खेल दिखाया है। शेफाली ने 15 साल की उम्र में ही भारत की सीनियर महिला टीम (Team India) के लिए डेब्यू कर लिया था। रोहतक की रहने वाली शेफाली पूर्व सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग की तरह ही विस्फोटक बैटिंग करने में कुशल हैं। शेफाली अगले महीने होने वाले आईसीसी महिला टी20 वर्ल्ड कप में भी यह खिलाड़ी टीम इंडिया का हिस्सा हैं।
2.) श्वेता सहरावत (Shweta Sehrawat)
देश की राजधानी दिल्ली की रहने वाली श्वेता सहरावत (Shweta Sehrawat) इस विश्व कप में सबसे ज्यादा रन ठोकने वाली बल्लेबाज रहीं। टीम इंडिया की उप-कप्तान श्वेता ने कुल सात मुकाबलों में 99 की जबरदस्त औसत से 297 रन बनाए हैं। जिसमें उनके तीन अर्धशतक भी शामिल थे।
3.) सौम्या तिवारी (Saumya Tiwari)
फाइनल मैच में मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज सौम्या तिवारी (Saumya Tiwari) ने नाबाद 24 रनों की जानदार पारी खेली। जिसके बदोलत टीम को आसान जीत मिली। भोपाल में जन्मीं सौम्या भारतीय टीम के पूर्व कप्तान विराट कोहली की जबरदस्त फैन भी हैं। इसी कारण टीम में उनको ‘अपना विराट’ भी कहते हैं।
4.) गोंगाडी त्रिशा (Gongadi Trisha)
फाइनल मैच में गोंगाडी त्रिशा (Gongadi Trisha) ने उपयोगी 24 रन बनाए थे। त्रिशा का जन्म तेलंगाना राज्य के बद्राचलम में हुआ था। वहीं गोंगाडी त्रिशा के पिताजी ने तो अपनी बेटी का क्रिकेट करियर बनाने के वास्ते खुद की जॉब तक छोड़ दी थी और हैदराबाद में ही शिफ्ट हो गए। यह खिलाड़ी राउंड-आर्म एक्शन के साथ-साथ लेग-स्पिन गेंदबाजी भी करने में माहिर हैं।
5.) ऋचा घोष (Richa Ghosh)
विकेटकीपर बल्लेबाज के तौर पर टीम में शामिल ऋचा घोष ने मात्र 16 साल की उम्र में ही भारत की सीनियर महिला टीम में अपनी जगह भी बना ली थी। ऋचा घोष के पास बड़े शॉट्स खेलने में जबरदस्त महारत हासिल है। भारत की ओर से वूमेन्स ODI में सबसे फास्ट फिफ्टी जड़ने का रिकॉर्ड भी ऋचा के नाम दर्ज है। सिलीगुड़ी की निवासी ऋचा ने हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हुई टी20 सीरीज में भी कई विस्फोटक पारियां खेली थीं।
6.) हर्षिता बसु (Harshita Basu)
ऋचा घोष की तरह हर्षिता बसु (Harshita Basu) भी एक कमाल की विकेटकीपर हैं और वह निचले क्रम में आकर टीम के लिए तेजी से रन स्कोर करने की काबिलियत भी रखती हैं। स्कूप शॉट हर्षिता के पसंदीदा शॉट्स में से ही एक शॉट है। पश्चिम बंगाल के हावड़ा में पैदा हुईं हर्षिता मैदान पर बहुत एक्टिव भी रहती हैं और वह तकनीकी तौर पर मजबूत भी हैं।
7.) टिटास साधु (Titas Sage)
फाइनल मैच में दो विकेट चटकाकर टिटास साधु (Titas Sage) ने प्लेयर ऑफ द मैच खिताब अपने नाम किया। टिटास साधु को भारतीय टीम (Team India) का भविष्य भी कहा जा रहा है। पश्चिम बंगाल की टिटास साधु के पास दिग्गज पूर्व गेंदबाज झूलन गोस्वामी की जैसे ही गेंद को स्विंग और बाउंस कराने की महारथ हासिल हैं।
8.) मन्नत कश्यप (Mannat Kashyap)
बाएं हाथ की ऑलराउंडर मन्नत कश्यप (Mannat Kashyap) का प्रदर्शन भी बहुत शानदार रहा है। कश्यप ने अपने 6 मैचों में 10.33 के एवरेज से कुल 9 विकेट चटकाए हैं। मन्नत पटियाला में पैदा हुईं और उन्होंने अपने बचपन में अधिकतर क्रिकेट लड़कों के साथ ही खेली है।
9.) अर्चना देवी (Archana Devi)
टीम इंडिया की जीत में स्पिन गेंदबाजों का बहुत खास रोल रहा। जिसमें से 18 साल की अर्चना देवी ने भी अहम भूमिका निभाई। अर्चना ने सभी 7 मैचों में हिस्सा लिया और इसी दौरान उन्होंने आठ विकेट भी चटकाए। अर्चना की माँ दूसरों के खेतों में मजदूरी भी कर चुकी हैं।
10.) पार्श्वी चोपड़ा (Parshvi Chopra)
दाएं हाथ की लेग स्पिनर पार्श्वी चोपड़ा (Parshvi Chopra) इस विश्व कप भारत की ओर से सबसे सर्वाधिक विकेट लेने वाली गेंदबाज रहीं। पार्श्वी ने कुल 6 मैच खेलकर सात की औसत से शानदार 11 विकेट चटकाए। पिता के कहने पर ही उन्होंने अपने स्केटिंग के सपने को पीछे छोड़ क्रिकेटर बनने का निर्णय लिया।
11.) सोनम यादव (Sonam Yadav)
फिरोजाबाद की रहने वाली सोनम यादव (Sonam Yadav) के पिता भी एक मजदूर हैं। सोनम के भाई को भी क्रिकेट में बहुत दिलचस्पी थी, परंतु उसका करियर ज्यादा उड़ान नहीं भर पाया। सोनम यादव बाएं हाथ की स्पिनर हैं और अपनी गति में मिश्रण भी करती हैं, इसी के साथ उन्हें फ्लाइट से बल्लेबाजों को छकाने में काबिलियत हासिल है।
12.) सोपदांधी यशश्री (Sopdandhi Yashshree)
हर्ले गाला के चोटिल होने के बावजूद भी सोपदांधी यशश्री को इस बार स्क्वॉड में शामिल किया गया था। सोपदांधी ने इस विश्व कप में सिर्फ एक मैच खेला जो की स्कॉटलैंड के खिलाफ था। सोपदांधी दाएं हाथ की एक मीडियम पेसर हैं और सोपदांधी घरेलू क्रिकेट में हैदराबाद का प्रतिनिधित्व भी करती हैं।
13.) फलक नाज (Falak Naz)
तेज गेंदबाज फलक नाज (Falak Naz) का एक्शन स्किडी है और इसके साथ-साथ वह अपनी टीम के बाकी तेज गेंदबाजों जितनी लंबी भी नहीं है। लेकिन, फलक की लेंथ और लाइन एकदम सटीक रहती हैं। जिसके चलते वह विकेट लेने में सफल रहती हैं। हालाँकि, उन्हें इस विश्व कप में भी एक भी मैच मौका तक नहीं मिला।
14.) शबनम एमडी (Shabnam MD)
दाएं हाथ की तेज गेंदबाज शबनम एमडी (Shabnam MD) शानदार रनअप और हाई-आर्म एक्शन के साथ बॉल फेंकती हैं। आंध्रप्रदेश के विशाखापट्टम में जन्मी शबनम नई गेंद के साथ शुरुआत से ही सटीक रहती हैं और बॉल को अपने दोनों तरफ घुमाती भी हैं।
15.) सोनिया मेंधिया (Sonia Mendhia)
हरियाणा के लिए घरेलू क्रिकेट में शानदार खेल खेलने वाली सोनिया मेंधिया (Sonia Mendhia) एक ऑफ स्पिनर और दाएं हाथ की अद्भुत बल्लेबाज भी हैं। वह निचले मध्य क्रम में बढ़िया स्ट्राइक-रेट के साथ ही बल्लेबाजी करती हैं। और बीच वाले ओवरों में अपनी कमाल की गेंदबाजी से विरोधी बल्लेबाजों की रनगति पर ब्रेक लगाने का कोशल भी रखती हैं।