भारतीय टीम के स्टार सलामी बल्लेबाज़ केएल राहुल (KL Rahul) ने लंबे समय के बाद टीम में वापसी की है. जून महीने में साउथ सीरीज से पहले राहुल चोट के चलते टीम से बाहर हो गये थे. इसके बाद वो हर्निया की सर्जरी के लिए जर्मनी गये थे. नेशनल क्रिकेट अकेडमी (NCA) में फिटनेस टेस्ट को पास करके अब वो ज़िम्बाब्वे दौरे के लिए टीम के साथ जुड़ चुके हैं.
टीम में वापसी के साथ ही राहुल को एक बड़ी ज़िम्मेदारी भी सौंपी गयी है. ज़िम्बाब्वे दौरे के लिए लगभग तीन महीने बाद वापसी कर रहे राहुल को कप्तान बनाया गया है. सीरीज का पहला मुकाबला खेला जा रहा है. ऐसे में मैच से पहले प्रेस कांफ्रेस में केएल राहुल ने एमएस धोनी और रोहित शर्मा से तुलना पर बड़ा बयान दिया है.
उनके जैसा नहीं बनना चाहता - KL Rahul
भारतीय टीम के लिए सलामी बल्लेबाज़ की भूमिका निभाने वाले राहुल ने पहले वनडे से पहले प्रेस कांफ्रेस में पत्रकारों के सवालों का जवाब दिया. और इसी दौरान उनसे एक रिपोर्टर ने पूछा कि उन्होंने महेंद्र सिंह धोनी, विराट कोहली और रोहित शर्मा की कप्तानी में कई मैच खेले हैं तो क्या वो महान एमएस धोनी या कोहली की कप्तानी की कॉपी करना चाहेंगे?
इस सवाल के जवाब में राहुल (KL Rahul) ने जवाब देते हुए कहा,
"मैं मैदान के अंदर जाकर कोई और नहीं हो सकता हूं. तब मैं खुद के लिए निष्पक्ष नहीं रहूंगा. मैं अपने आप में कुछ बनने की कोशिश करता हूं और अन्य खिलाड़ियों को जैसा वो खेलना चाहते हैं, वैसा रहने देना चाहता हूं.
जो नाम आपने लिए, मैं इन लोगों के साथ अपनी तुलना भी नहीं कर सकता, उनके नंबर्स और उपलब्धि देश के लिए उन्होंने जो किया है उसके मामले में कहीं अधिक है और मैं नहीं, मुझे नहीं लगता कि एक ही सांस में कोई भी नाम लिया जा सकता है."
टीम में वापसी के लिए टीम प्रबंधन को कहा शुक्रिया
राहुल (KL Rahul) की माने तो भारतीय टीम मैनेजमेंट युवा खिलाड़ियों के बीच एक अच्छा माहौल बनाए रखने में सक्षम रही है. इस तरह आने वाले युवा खिलाड़ी और सीनियर खिलाड़ी के बीच में रिश्ते बेहतर बने हैं. इस माहौल में खिलाड़ी अच्छे से महान बनने तक का सफ़र तय करने में सफल होता है. लोकेश राहुल ने कहा,
"यह इस तरह का माहौल है जो एक खिलाड़ी को एक अच्छे खिलाड़ी से एक महान खिलाड़ी में बदलने में मदद कर सकता है, वह अपनी टीम के लिए अधिक मैच जीतने वाली काफी अधिक पारी खेल सकता है."
भारतीय कप्तान ने टीम मैनेजमेंट की तारीफ करते हुए कहा,
"एक खिलाड़ी के लिए चयनकर्ताओं, कोच और कप्तान का समर्थन हासिल करना बहुत महत्वपूर्ण होता है. यह आपको इतना आत्मविश्वास देता है कि आपकी मानसिकता स्पष्ट हो जाती है और आप आवश्यक चीजों पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं.
आप दो महीने के लिए बाहर हो सकते हैं लेकिन वे यह नहीं भूले हैं कि आपने पिछले दो-तीन वर्षों में टीम और देश के लिए क्या किया है. खिलाड़ी वास्तव में ऐसे माहौल में कामयाब होते हैं."