रणजी में जमकर बोला करुण नायर का बल्ला, गेंदबाजों की धज्जियां उड़ाते हुए खेली 328 रन की ऐतिहासिक पारी
Published - 25 Nov 2025, 09:14 AM | Updated - 25 Nov 2025, 09:18 AM
भारतीय बल्लेबाज करुण नायर (Karun Nair) अपनी धैर्य भरी पारी के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने कई ऐसी पारियां खेली हैं जिन्हें भूल पाना फैंस के लिए बिल्कुल आसान नहीं है। भले अंततराष्ट्रीय क्रिकेट में उन्हें ज्यादा मौका नहीं मिली लेकिन रणजी ट्रॉफी में अपने बल्ले का जोर दिखाया है। इस बीच उन्होंने 3278 रनों की ऐतिहासिक पारी खेली, जिसने गेंदबाजों को हैरान और दर्शकों को हैरत में डाल दिया।
पहले ही सत्र से दबदबा बनाते हुए, नायर की टाइमिंग, धैर्य और पावर हिटिंग की उत्कृष्ट कृति ने रिकॉर्ड तोड़ दिए। उनकी इस पारी ने न केवल उनकी टीम के विशाल स्कोर को आधार प्रदान किया, बल्कि भारत के सबसे तकनीकी रूप से प्रतिभाशाली लाल गेंद के बल्लेबाजों में से एक के रूप में उनकी प्रतिष्ठा को भी पुष्ट किया।
रणजी में जमकर बोला Karun Nair का बल्ला
करुण नायर (Karun Nair) की रणजी ट्रॉफी में 328 रनों की शानदार पारी भारतीय घरेलू क्रिकेट इतिहास की सबसे यादगार पारियों में से एक है। असाधारण धैर्य, बेजोड़ तकनीक और अटूट एकाग्रता का परिचय देते हुए, नायर ने 560 गेंदों का सामना करते हुए 46 चौके और एक छक्का लगाया।
यह मैराथन पारी 2015 के रणजी ट्रॉफी फाइनल में खेली गई थी, जहां कर्नाटक और तमिलनाडु के बीच एक बेहद अहम मुकाबला था। उनके तिहरे शतक ने न केवल कर्नाटक को एक मजबूत स्थिति में पहुँचाया, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंच के लिए तैयार एक बल्लेबाज की परिपक्वता और कौशल का भी प्रदर्शन किया।
इसी ऐतिहासिक प्रदर्शन ने उनके टीम इंडिया में प्रवेश के द्वार खोले, जहां उन्होंने आगे चलकर टेस्ट क्रिकेट में तिहरा शतक लगाया - एक ऐसा कारनामा जो बहुत कम भारतीय खिलाड़ियों ने ही किया है।
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Karun Nair के शानदार प्रदर्शन से कर्नाटक की जीत
2015 का रणजी ट्रॉफी फाइनल एकतरफा रहा, जिसका मुख्य कारण Karun Nair की शानदार पारी थी। पहले बल्लेबाजी करते हुए, तमिलनाडु केवल 134 रन ही बना सका और कर्नाटक के अनुशासित गेंदबाजी आक्रमण के आगे पूरी तरह से ध्वस्त हो गया।
कर्नाटक ने इस मौके का भरपूर फायदा उठाया और नायर के 328 रनों और बाकी खिलाड़ियों के दमदार योगदान की बदौलत अपनी पहली पारी में 762 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया।
तमिलनाडु पर दबाव बहुत ज्यादा था, और हालांकि कर्नाटक अपनी दूसरी पारी में केवल 411 रन ही बना सका, लेकिन इससे कोई खास फर्क नहीं पड़ा। भारी बढ़त हासिल करने के साथ, कर्नाटक ने एक पारी और 217 रनों से मैच अपने नाम कर लिया और शानदार अंदाज़ में ट्रॉफी अपने नाम कर ली।
Karun Nair की पारी मैच का सबसे यादगार प्रदर्शन रही - एक ऐसा प्रदर्शन जिसने न केवल खेल का रुख बदल दिया, बल्कि उनका नाम रणजी ट्रॉफी की लोककथाओं में दर्ज हो गया।
Karun Nair का घरेलू दिग्गज से अंतरराष्ट्रीय तिहरा शतक बनाने वाले तक सफर
Karun Nair का करियर अपार संभावनाओं और अंतरराष्ट्रीय मंच पर खुद को स्थापित करने की चुनौतियों, दोनों को दर्शाता है। घरेलू क्रिकेट में उनके शानदार प्रदर्शन ने उन्हें भारतीय टेस्ट टीम में जगह दिलाई, जहां उन्होंने नाबाद 303 रनों की शानदार पारी खेलकर सुर्खियां बटोरीं और टेस्ट क्रिकेट में तिहरा शतक लगाने वाले दूसरे भारतीय खिलाड़ी बने।
अपने संक्षिप्त अंतरराष्ट्रीय करियर में, करुण नायर ने 10 टेस्ट मैच की 15 पारियों में 64.62 की प्रभावशाली औसत से 579 रन बनाए। उन्हें एकदिवसीय मैचों में सीमित अवसर मिले, जहां उन्होंने केवल दो मैचों में 46 रन बनाए। हालांकि, उनका प्रथम श्रेणी करियर असाधारण रहा है - 125 मैच और 9,277 रन घरेलू सर्किट पर उनकी निरंतरता और प्रभुत्व को दर्शाते हैं।
अपने बेहतरीन बल्लेबाजी कौशल के बलबूते Karun Nair ने प्रशंसकों और चयनकर्ताओं दोनों को अपनी अपार क्षमता का एहसास दिलाया है। 2015 के रणजी फाइनल में उनकी 328 रन की मैराथन पारी उनकी उत्कृष्टता, दृढ़ संकल्प और अवसर पर खरे उतरने की क्षमता का एक शाश्वत प्रमाण है।
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ऑथर के बारे में
यह लेखक Cricketaddictor का एक सदस्य है जो क्रिकेट से जुड़ी खबरों और विश्लेषण पर लिखता है।