सेना का सिर्फ 1 जवान पूरी टीम इंडिया पर पड़ गया भारी, एशिया कप में इसके आगे बुरी तरह हारी भारतीय टीम
Published - 06 Sep 2025, 03:27 PM | Updated - 06 Sep 2025, 03:28 PM

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एशिया कप (Asia Cup 2025) शुरू होने में मात्र दो दिन का समय बचा हैं। एशिया 2025 का आगाज़ 9 सितम्बर से सयुंक्त अरब अमीरात (UAE) में होगा। इस टूर्नामेंट में आठ टीमें हिस्सा लेंगी, जिन्हें चार टीमों के साथ दो ग्रुप में बांटा गया हैं। ग्रुप ए में भारत, पाकिस्तान, ओमान और मेज़बान यूएई शामिल है, जबकि ग्रुप बी में श्रीलंका, बांग्लादेश, अफ़ग़ानिस्तान और हॉन्ग कॉन्ग शामिल है।
आज हम आपको बताएँगे की कैसे एशिया कप (Asia Cup) में इस टीम का सेना का सिर्फ 1 जवान पूरी भारतीय टीम पर भारी पड़ गया , जिसके सामने वीरेंद्र सहवाग, गौतम गंभीर, रोहित शर्मा और युवराज सिंह जैसे बड़े बल्लेबाज़ों ने भी घुटने टेक दिए थे। आइये जानते हैं कौन हैं वो खिलाड़ी?
Asia Cup में सेना का जवान पड़ा भारतीय बल्लेबाज़ों पर भारी
यह बात हैं साल 2008 की जब एशिया कप (Asia Cup) का आयोजन पाकिस्तान में हुआ था। उस टूर्नामेंट का फाइनल भारत और श्रीलंका के बीच कराची के मैदान पर खेला गया। कराची में खेले गए 2008 एशिया कप (Asia Cup) के फाइनल में पहले बल्लेबाज़ी करते हुए श्रीलंका ने सनत जयसूर्या के शानदार शतक की बदौलत 273 रन बनाये थे।
श्रीलंका के विस्फोटक सलामी बल्लेबाज़ सनत जयसूर्या ने 114 गेंदों पर 9 चौके और 5 छक्को की मदद से शानदार 125 रनों की पारी खेली थी। फाइनल में भारत को 274 रनो का लक्ष्य मिला था, जिसका पीछा करने उतरी भारतीय टीम के लिए एक जवान भारी पड़ गया और उसने भारत को लक्ष्य तक पहुँचने से रोक दिया, साथ ही एशिया कप जीतने के सपने को भी तोड़ दिया।
Asia Cup में मेंडिस ने तोड़ी भारतीय बल्लेबाज़ों की कमर
2008 एशिया कप (Asia Cup) के फाइनल में 274 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम के सलामी बल्लेबाज़ गौतम गंभीर और वीरेन्द्र सहवाग ने ओपनिंग करते हुए टीम को एक मजबूत शुरुआत देने की कोशिश की और दोनों ने मिलकर 36 रन की साझेदारी बनाई। हालांकि, इस साझेदारी को श्रीलंका के तेज गेंदबाज चामिंडा वास ने गंभीर का विकेट निकालकर तोड़ दिया। इसके बाद भारतीय बल्लेबाजों के सामने अजंता मेंडिस ने अपनी स्पिन का जादू चलाया।
श्रीलंका के सेकंड लेफ्टिनेंट मेंडिस ने इतनी सटीक और प्रभावशाली गेंदबाज़ी का प्रदर्शन किया जिसके सामने भारतीय बल्लेबाज उनके जाल में फंसते हुए नज़र आये जिससे पूरी टीम के बल्लेबाज़ी क्रम को ध्वस्त कर दिया। भारत ने 39.3 ओवरों में 173 रनों पर सिमट गई ।
Asia Cup 2008 फाइनल में गिरे 10 विकेटों में से 6 विकेट अकेले अजंता मेंडिस ने अपने नाम किये। फाइनल में उन्होंने 8 ओवर में, 1 मेडन सहित केवल 13 रन खर्च किये और वीरेंद्र सहवाग , रोहित शर्मा , युवराज सिंह और सुरेश रैना जैसे बड़े बल्लेबाज़ों के अहम विकेट चटकाए।
अजंता मेंडिस के इस शानदार प्रदर्शन ने फाइनल में श्रीलंका को जीत दिलाई और भारतीय टीम को 100 रन से हार का सामना करना पड़ा। उनके इस अद्भुत खेल के लिए उन्हें मैच का प्लेयर ऑफ़ द मैच भी चुना गया।
क्रीज़ से कर्तव्य तक: अजंता मेंडिस की अनोखी कहानी
श्रीलंका के जादुई स्पिनर अजंता मेंडिस श्रीलंकाई सेना में कैसे शामिल हुए, इसकी कहानी भी क्रिकेट से शुरू होती है। बात है साल 2003-04 की जब श्रीलंका की आर्टिलरी क्रिकेट कमेटी ने उन्हें आर्मी अंडर-23 डिवीजन 11 के खिलाफ खेलते हुए देखा।
इस प्रदर्शन ने सेना के अधिकारियों का ध्यान खींचा और उन्हें श्रीलंकाई सेना में शामिल होने का अवसर मिला। शुरुआती प्रशिक्षण पूरी करने के बाद मेंडिस सेना में गनर के पद पर नियुक्त हुए। लेकिन एशिया कप (Asia Cup) 2008 के फाइनल में भारत के खिलाफ शानदार प्रदर्शन के बाद उन्हें पहले सर्जेंट और फिर सेकंड लेफ्टिनेंट के पद से सम्मानित किया गया।
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अजंता मेंडिस का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर
अजंता मेंडिस को क्रिकेट की दुनिया में “मिस्ट्री स्पिनर” के नाम से जाना जाता है। 11 मार्च 1985 को मोरातुवा, श्रीलंका में जन्मे मेंडिस की गेंदबाजी में ऑफ-ब्रेक, लेग-ब्रेक, फ्लिपर और टॉप-स्पिन जैसी विविधताएँ शामिल थीं, जो बल्लेबाजों के लिए हमेशा चुनौतीपूर्ण साबित हुईं।
मेंडिस ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 2008 में पदार्पण किया। उनके वनडे डेब्यू में उन्होंने वेस्ट इंडीज के खिलाफ तीन विकेट लिए और पहले ही मैच में ध्यान खींचा। इसी साल टेस्ट क्रिकेट में भारत के खिलाफ उन्होंने आठ विकेट लेकर अपना प्रभाव दिखाया। अक्टूबर 2008 में टी20 अंतरराष्ट्रीय में भी उनका पदार्पण हुआ, जहाँ उन्होंने अपनी विविध गेंदबाजी से विपक्षी बल्लेबाजों को परेशान किया।
मेंडिस ने सभी प्रारूपों में शानदार प्रदर्शन किया। वनडे में उन्होंने 152 विकेट, टी20 में 66 और टेस्ट में 70 विकेट लिए। टी20 इंटरनेशनल में मेंडिस इकलौते गेंदबाज़ हैं जिन्होंने एक पारी में दो बार छह विकेट लेने का रिकॉर्ड बनाया हैं। यह रिकॉर्ड टी20 इंटरनेशनल में आज भी उनके नाम हैं।
अंतरराष्ट्रीय करियर के अलावा मेंडिस ने आईपीएल में कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) और पुणे वारियर्स इंडिया (PWI) का हिस्सा रह चुके हैं । अगस्त 2019 में उन्होंने संन्यास क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास ले लिया था।
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