भारत और इंग्लैंड के बीच 5 मैचों की सीरीज का आखिरी मुकाबला एजबेस्टन में खेला जा रहा है. जिसमें इंग्लैंड के बल्लेबाज जॉनी बेयरस्टो (Jonny Bairstow) ने भारत के खिलाफ 5वें टेस्ट की पहली पारी में शानदार शतक लगाया. वह इन दिनों अच्छी लय में नजर आ रहे हैं. वहीं इस खिलाड़ी की पारिवारिक कहानी आपको इमोशनल कर सकती है, क्योंकि पिता ने सुसाइड कर लीं और मां को कैंसर था फिर भी इस खिलाड़ी ने हार नहीं मानी और अपने जुझारूपन से क्रिकेट की दुनिया में अपना लोहा मनवाया.
फॉर्म में चल रहे हैं Jonny Bairstow
जॉनी बेयरस्टो (Jonny Bairstow) को इंग्लैंड टीम का अहम खिलाड़ी माना जाता है, क्योंकि उन्होंने इस टीम के लिए कई मैच जिताऊ पारियां खेली हैं. बेयरस्टो अपनी दमदार बल्लेबाजी के दम पर हारे हुए मैच को जिताने का दमखम रखते हैं. वह इन दिनों अच्छी फॉर्म में नजर आ रहे हैं. उन्होंने इंडिया के खिलाफ 5 पारियों में 3 शतक लगाकर 483 रन अपने खाते में जोड़े.
8 साल की उम्र में पिता ने कर लिया था सुसाइड
जॉनी बेयरस्टो (Jonny Bairstow) जब 8 साल के थे, तब उनके पिता ने 5 जनवरी 1998 को सुसाइड कर लिया था और उनकी मां कैंसर से जंग लड़ रही थीं. बेयरस्टो का बचपन ऐसी मुश्किल परिस्थितियों में गुजरा. उस मुश्किल समय से निकलकर बेयरस्टो ने क्रिकेट की दुनिया में अपना सिक्का जमाया. जो अपने आप में काबिल ए तारीफ है.
जानकारी के लिए बता दें कि, उनके पिता डेविड बेयरस्टो एक क्रिकेटर थे. उन्होंने भी क्रिकेट की दुनिया में काफी संघर्ष किया. उन्होंने इंग्लैंड के लिए 4 टेस्ट और 21 वनडे खेले. डेविड ने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में लगभग 14 हजार रन बनाए. 10 शतक और 73 अर्धशतक लगाए. वहीं जॉनी बेयरस्टो अपने पिता को याद करते हुए काफी भावुक हो गए. उन्होंने आगे कहा,
‘यह बहुत विशेष था. मैं भाग्यशाली रहा कि मैं पूरी दुनिया घूम सका और दुनिया के सभी लोगों के पास मेरे पिता की कुछ अच्छी यादें हैं.’
'पिता की मौत के अगले दिन मां ने मुझे स्कूल भेजा'
जॉनी बेयरस्टो (Jonny Bairstow) की पारिवारिक कहानी वाकई काफी भावुक कर देने वाली है. क्योंकि जब किसी के परिवार में बाप सुसाइड कर ले और मां घातक बीमारी से जूझ रही हो. उस मुश्किल घड़ी में अपने आप को संभाल पाना आसान नहीं होता. बेयरस्टो ने अपने एक इंटरव्यू में बताया था कि,
'पिता की मौत के अगले दिन मां का बर्थडे था. उस दिन मां ने मुझे और बहन को स्कूल भेजा. मां कहती थी कि अब हालात से हमें ही निपटना होगा. उसी पल मैंने सोच लिया कि चाहें कुछ भी हो जाए मैं भी क्रिकेटर बनूंगा.'