ENG W vs IND W: भारतीय महिला क्रिकेट टीम की दिग्गज तेज गेंदबाज झूलन गोस्वामी (Jhulan Goswami) आज यानि 24 सितंबर को अपने करियर का आखिरी इंटरनेशनल मैच खेलने के लिए मैदान में उतरी है। इंग्लैंड दौरे पर गई टीम इंडिया इंग्लैंड के खिलाफ वनडे सीरीज का अंतिम और तीसरा मैच खेलने वाली है।
यही मुकाबला झूलन के करियर का आखिरी मैच भी होने वाला है। इस सीरीज की घोषणा से पहले ही झूलन ने 20 साल के अपने लंबे करियर का अंत करने का निर्णय किया था। झूलन की क्रिकेट विरासत को देखते हुए भारतीय कप्तान हरमनप्रीत कौर (Harmanpreet Kaur) भावुक हो गई।
Jhulan Goswami की विदाई पर भावुक हुईं हरमनप्रीत कौर
झूलन गोस्वामी (Jhulan Goswami) ने अपनी आँखों के सामने ही भारतीय महिला क्रिकेट को फलते फूलते देखा है। 19 साल की उम्र में क्रिकेट में अपना सब कुछ झोंकने के इरादे से उतरी झूलन ने 20 साल तक देश में महिला क्रिकेट के वजूद को बनाया और फिर ऊंचाइयों पर भी पहुंचाया। एक लंबे अरसे से भारतीय महिलाओं ने झूलन को अपना प्रेरणा स्त्रोत माना है।
ठीक इसी प्रकार भारतीय कप्तान हरमनप्रीत कौर की जिंदगी में भी दिग्गज गेंदबाज का खासा प्रभाव रहा है, अब जब झूलन अपना आखिरी मैच खेलने उतरी तो हरमन की आंखे डबडबा गई। इसके साथ ही कौर ने टॉस के वक्त भी झूलन को सम्मान देते हुए उनसे ही टॉस की प्रक्रिया भी करवाई।
यहां देखें वीडियो -
Harmanpreet Kaur in tears for Jhulan Goswami's last match #ENGvIND | #ThankYouJhulan pic.twitter.com/I8no7MhBSq
— Pooja (Captain Healy) (@Alyssa_Healy77) September 24, 2022
इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास पर बोली Jhulan Goswami
झूलन गोस्वामी (Jhulan Goswami) के नाम अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 353 विकेट हैं जो महिलाओं के खेल में सबसे अधिक है। महिला विश्व कप में सर्वाधिक विकेट (43) लेने का रिकॉर्ड भी उनके नाम है। वह महिला एशिया कप की तीन बार विजेता हैं और दो भारतीय टीमों का हिस्सा थीं जो विश्व कप - 2005 और 2017 के फाइनल में पहुंचने में सफल रहीं। तीसरे वनडे की पूर्व संध्या पर, झूलन गोस्वामी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया था जहां उन्होंने अपनी शानदार यात्रा के बारे में बात की थी। झूलन ने कहा,
"खैर, आप जानते हैं कि जब मैंने शुरुआत की थी, मैंने इतने लंबे समय तक खेलने के बारे में कभी नहीं सोचा था। यह एक अच्छा अनुभव था, हर पल मैंने आनंद लिया है और मैंने सीखा है। जाहिर है, मिताली और मैं U19 के दिनों से साथ खेल रहे हैं, मैदान पर और बाहर हमारे बीच बहुत अच्छा रिश्ता था। लेकिन यह सिर्फ टीम इंडिया को एक अलग लंबाई में ला रहा था कि वह क्या था और आज यह पूरी तरह से अलग है।"
"यह एक यात्रा है, हमें विश्वास था कि हम महिला क्रिकेट का चेहरा बदल सकते हैं, हमें विश्वास था कि हम दुनिया की शीर्ष तीन-चार टीमों में शामिल हो सकते हैं और यह एक दिवसीय प्रक्रिया थी, यह एक लंबी प्रक्रिया थी।"