"मेरे अंदर से क्रिकेट का कीड़ा नहीं जा रहा था", आपका भी दिल जीत लेगी इस दिव्यांग क्रिकेटर की कहानी
Published - 20 Jun 2022, 12:25 PM

IWPL: जब कोई इंसान कुछ कर गुजरने की ठान लेता है तो उसे दुनिया की कोई ताकत भी नहीं रोक सकती है। आज हम आपके लिए इंडियन व्हीलचेयर प्रीमियर लीग के गलियारे से एक ऐसी प्रेरणादायक कहानी लेकर आए हैं, जिसे जानने के बाद आपको अपने जीवन की तमाम कठिनाई बौनी लगने लगेगी।
दरअसल, हम बात कर रहे हैं, IWPL में दिल्ली चार्जर्स के कप्तान सुनील चौधरी की। पोलियो से ग्रस्त होने के बावजूद इस इंसान ने अपने क्रिकेट खेलने के जुनून को इस कदर अपनाया कि आज ये खिलाड़ी दुनिया से कंधे से कंधा मिलाकर चल रहा है।
पोलियो होने के बाद भी नहीं छोड़ा क्रिकेट का साथ
IWPL में दिल्ली चार्जर्स टीम के कप्तान सुनील चौधरी बचपन से ही पोलियो से ग्रस्त होने के चलते दोनों पैरों से दिव्यांग है। इन तमाम परेशानियों के बावजूद सुनील के भीतर क्रिकेट के प्रति प्रेम कूट-कूट कर भरा हुआ है। यही वजह है कि उनको जिंदगी ने भी क्रिकेट उनको खुद से जुड़े रहने का मौका दिया। खुद अपनी कहानी साझा करते हुए सुनील ने कहा,
मैं दोनों पैरों से दिव्यांग हूं, मगर शुरुआत से ही मुझे खेलों में रुचि रही है। पहले मुझे खेले में शर्म बहुत आती थी क्योंकि उस समय व्हीलचेयर पर बैठे व्यक्ति को किसी ने क्रिकेट खेलते नहीं देखा था।मैं अपना जीवन ऐसे व्यतीत नहीं करना चाहता था। घर चलाने के लिए मैं नौकरी भी कर रहा था, मगर खेल का कीड़ा मेरे अंदर से नहीं जा रहा था। इस वजह से मैं लोकल और नेशल टूर्नामेंट में कमेंट्री भी किया करता था।
एक फोन कॉल से मिला IWPL में मौका
सुनील की जिंदगी सिर्फ एक फोन कॉल के बाद बदल गई थी। उन्हें नचबलिए 6 के रनरअप विनोद ठाकुर (जो दोनों पैरों से दिव्यांग हैं) का व्हीलचेयर क्रिकेट के लिए कॉल की थी। जिसके बाद से उनका क्रिकेट का सफर शुरू हुआ। लगातार प्रदर्शन करने के बाद उन्हें IWPL में भी मौका दिया गया है। इस पूरे किस्से को साझा करते हुए सनील कहते है कि,
एक दिन अचानक मुझे नचबलिए 6 के रनरअप विनोद ठाकुर का व्हीलचेयर क्रिकेट के लिए कॉल आया और उस एक कॉल ने मेरी जिंदगी पलट दी, ऐसा मानों की उस दिन से मैंने अपनी दूसरी पारी का आगाज किया। ट्रायल के दौरान जब मैंने बैट पकड़ा तो मुझे ऐसा लगा कि दुनिया की सारी खुशियां खुद मेरे पास खुद चलकर आ रही है।
अब मैं नौकरी करने के साथ-साथ क्रिकेट भी खेलता हूं। IWPL के पहले सीजन में बतौर खिलाड़ी सिलेक्ट हुआ था, मगर मेरे प्रदर्शन और नेतृत्व की क्षमता को देखते हुए मुझे अगले ही सीजन कप्तानी सौंप दी गई