भारतीय पुरूष क्रिकेट टीम की तुलना में महिला खिलाड़ियों का दबदबा हमेशा फीका ही नजर आता है. जिस तरह से विराट टीम लगातार अपमे खेल में परिवर्तन करते हुए टीम को एक के बाद एक जीत दिला रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ महिला टीम का प्रदर्शन कुछ मगहीने में बेहद खराब रहा है. इसके पीछे की वजह क्या है. ये तो कहना मुश्किल है. लेकिन हाल ही में इंग्लैंड टीम की पूर्व क्रिकेटर ईशा गुहा (Isa Guha) ने भारतीय महिला टीम (India women team) के कर्ता धर्ता को लेकर कई सवाल खड़े किए हैं.
पूर्व महिला इंग्लिश क्रिकेटर ने किया बड़ा दावा
दरअसल बीते रविवार को इंग्लिश महिला क्रिकेटर ने पुरुष और महिला क्रिकेट के बीच असमानता मौजूद होने का दावा किया है. इसके साथ ही उन्होंने इस बात की आस भी जताई है कि, यदि पुरुष टीम के जितना ध्यान उन पर भी दिया जाए तो भारतीय महिला टीम भी उसी तरह से बेहतरीन प्रदर्शन कर सकती है.
ईशा गुहा (Isa Guha) ने ये सारी बातें अपने ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट के जरिए एक के बाद कई ट्वीट करते हुए कही है. अपने लिखित बयान में उन्होंने महिला टीम के ऐसे विभागों का जिक्र भी किया है, जिन खेल हितधारकों को इस पर काम करने की आवश्यकता है. ताकि महिला और पुरूष दोनों के बीच समानता लाई जा सके.
महिला खिलाड़ियों पर ध्यान देने की जरूरत
इंग्लैंड महिला क्रिकेट टीम की इस पूर्व खिलाड़ी ने अपने इंटरनेशनल करियर में कुल 8 टेस्ट मैच, 83 वनडे और 22 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं. उनका मानना है कि, महिला खेल के भलाई के लिए मजबूत खिलाड़ी संघ का होना बेहद जरूरी है. साथ ही उनका कहना है कि, महिला क्रिकेटरों को बराबरी पर पहुंचने के लिए खेल पर ज्यादा काम करना होगा. इसी सिलसिले में अपने ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट से एक ट्वीट करते हुए ईशा गुहा (Isa Guha) ने लिखा कि,
‘महिलाओं को तरक्की के लिए एहसानमंद महसूस कराया जाता है. लेकिन, बराबरी पर पहुंचने के लिए अभी काफी काम करने की जरूरत है (सिर्फ सैलरी की समानता नहीं). इसके लिए खिलाड़ी संघ अहम हिस्सा हैं. भारतीय महिला टीम तब दमखम दिखाएगी जब उनके खेल पर भी उतना ही फोकस किया जाएगा जितना ध्यान पुरुषों पर दिया जाता है.’
इंग्लिश क्रिकेटर ने किया ऐसा ट्वीट
इसके बाद एक और ट्वीट करते हुई ईशा गुहा (Isa Guha) ने लिखा कि,
‘पुरुष खिलाड़ी अलग लेवल के हैं. लेकिन, फिर भी खिलाड़ियों के भलाई के लिए जमीनी स्तर पर इक्वेशन होनी चाहिए. भुगतान/कॉन्ट्रेक्ट का समय, सपोर्ट के लिए अच्छा नेटवर्क, अच्छा घरेलू ढांचा, मातृत्व प्रावधान, संन्यास की प्लानिंग जैसी चीजें खिलाड़ी संघ के जरिए हासिल की जा सकती हैं.’
Women are made to feel grateful for progress but there is still so much to be done to reach equity (& that isn’t just equal pay). Players associations are a vital part of reaching this. 🇮🇳 women will dominate the 🌍 stage when as much thought goes into the their game as the men https://t.co/W4ouvLe21x
— Isa Guha (@isaguha) May 23, 2021
While the men are at a different level there are still base level equities in player welfare. Things like payment/contract times, well-being support networks, domestic structure prof support, maternity provisions, retirement planning are all things can be gained from having a pa
— Isa Guha (@isaguha) May 23, 2021