दुनिया की सबसे बड़ी क्रिकेट लीग आईपीएल (IPL) पर भी कोरोना वायरस का प्रकोप शुरू हो चुका है. लीग शुरू होने के पहले तीन खिलाड़ी कोरोना से संक्रमित हुए थे. जिसके बाद से पूरा टूर्नामेंट बायो बबल में करवाया जा रहा है. बावजूद इसके हाल में कोलकाता टीम के दो खिलाड़ी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. जिसके बाद से आईपीएल को रद्द करने की मांग फिर से तेज हो गई. अब बायो बबल पर भी सवाल उठने लगे हैं. वैसे चाहे जितना कहा जाए, आईपीएल को रद्द करना कोई आसान काम नहीं है.
विश्व क्रिकेट को मिलते हैं 5 हजार करोड़
कोरोना के प्रकोप को देखते हुए सभी जगह से आईपीएल (IPL) को रद्द करने की मांग होती रही है. लेकिन, यह इतना आसान नहीं है. चलो एक नजर में समझते हैं कि यह मुश्किल क्यों है और इससे कितना नुकसान हो सकता है. टेलीग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक विश्व क्रिकेट की इकॉनमी लगभग 15 हजार करोड़ की है.
जिसका 33 प्रतिशत अर्थात 5 हजार करोड़ सिर्फ आईपीएल से आता है. इसी वजह से दुनिया के कई क्रिकेट बोर्ड बीसीसीआई का आईपीएल के आयोजन करने में सहयोग कर रहे हैं. अभी कुछ महीने पहले ही भारत ने ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया था, जिससे उन्हें 2 हजार करोड़ रुपये मिले थे.
आईपीएल की वैल्यू है 47 हजार करोड़ की
आपको बता दें कि 2019 में आईपीएल (IPL) की वैल्यू लगभग 47 हजार करोड़ रुपयों की है. इस साल बीसीसीआई को आईपीएल से लगभग 3 हजार करोड़ की कमाई होने की उम्मीद है. बोर्ड की ओर से इस साल लगभग 2 हजार से भी ज्यादा मुकाबले कराए गए.
जिनके खिलाड़ियों, कोच, स्टाफ और अंपायर सभी को फीस दिया जाना है. अगर आईपीएल को कैंसिल किया जाना है तो फिर इन सभी की फीस के साथ ही बोर्ड की कमाई पर भी बहुत ही ज्यादा असर पड़ेगा. यही नहीं इस लीग के खिलाड़ियों की भी कमाई पर असर पड़ेगा.
विदेशी खिलाड़ियों ने नहीं की शिकायत
आईपीएल (IPL) में लगभग सभी देशों के खिलाड़ी खेलते हैं. ऐसे में अगर इस लीग को रद्द किया गया तो सभी देशों पर सीधा असर पड़ेगा. सभी देशों को वित्तीय रूप से मदद मिलती है. खैर यह कोई कारण नहीं है. लेकिन, सीएसके के सीईओ कासी विश्वनाथन का कहना है कि अभी तक उनके किसी भी विदेशी खिलाड़ी ने शिकायत नहीं की है. ऐसे में आईपीएल को निशाना बनाया जाना कोई हल नहीं है.