कोरोना वायरस के कहर ने आईपीएल (IPL) को भी अपनी चपेट में ले ही लिया. जिस कारण आईपीएल खिलाड़ियों के लगातार संक्रमित होने के मामले सामने आ रहे थे. इस बढ़ते हुए संक्रमण को देखते हुए बीसीसीआई ने आईपीएल को स्थगित कर दिया है. अब बाकि बचे मैचों के लिए नई तारीख तय की जाएगी. वैसे भी कोरोना की वजह से पिछले दो साल से आईपीएल को बिना दर्शकों के करवाया जा रहा है. जिस कारण इसकी ब्रांड वैल्यू गिर गई और अब इसके स्थगित होने से भी काफी ज्यादा असर पड़ा है.
3.6 फीसद गिरी IPL की ब्रांड वैल्यू
आईपीएल (IPL) को कोविड-19 के बढ़ते प्रकोप के कारण पछले साल यूएई में अयोजित करवाया गया था. उस वक्त भी एक भी दर्शक स्टेडियम में मौजूद नहीं था. इस कारण आईपीएल की ब्रांड वैल्यू 2019 की तुलना में 3.6 प्रतिशत कम हो गई थी. यही नहीं खाने-पीने के सामानों की बिक्री से भी टीमों को लगभग 20 फीसद तक का रेवेन्यू होता था. डफ एंड फेल्प्स नाम की कम्पनी पिछले 7 साल से आईपीएल की ब्रांड वैल्यू की रिपोर्ट जारी करती है. वैसे अभी इस साल का तो डाटा नहीं मिल सका है, लेकिन पिछले साल नुकसान जरूर हुआ था.
बीसीसीआई को होगा 2000 करोड़ का नुकसान
डफ एंड फेल्प्स कम्पनी के रिपोर्ट के अनुसार क्लोज डोर मैच होने के बाद भी आईपीएल (IPL) को ज्यादा नुकसान नहीं हो रहा था. घरों में रहने के कारण लोग आईपीएल को बहुत देख रहे थे. जिससे ब्रॉडकास्टर्स को काफी ज्यादा फायदा हो रहा था. साथ ही आईपीएल की व्यूवरशिप और ऐड रेवेन्यू में भी काफी इजाफा हुआ था.
अभी तो कोरोना के कारण आईपीएल को सिर्फ स्थगित ही किया गया है. लेकिन, अगर किसी कारण की वजह से इसे रद्द किया जाना पड़ा तो बीसीसीआई (BCCI) को लगभग 2 हजार करोड़ का नुकसान होगा. यही नहीं टी20 विश्व कप की मेजबानी पर भी इसका बुरा असर पड़ेगा.
चेन्नई सुपर किंग्स पर हुआ बुरा असर
आईपीएल (IPL) के स्थगित होने से ना सिर्फ बोर्ड को बल्कि टीमों को भी काफी ज्यादा नुकसान हो सकता है. टूर्नामेंट को पहले से ही बंद दरवाजों के पीछे से आयोजित किया जा रहा है. जो पहले से ही नुकसानदेह है, उसके बाद लीग का ना होना और बड़ा नुकसान है. पिछले साल के लीग की रिपोर्ट के अनुसार अगर टीमों की ब्रांड वैल्यू पर नजर डाली जाए तो चेन्नई औपर किंग्स और कोलकाता नाईट राइडर्स दोनों को ही नुकसान उठाना पड़ा. चेन्नई की ब्रांड वैल्यू में 16.5 फीसद तो केकेआर की ब्रांड वैल्यू में 13.7 फीसद की कमी हुई थी. वहीं फाइनल खेलने वाली दिल्ली कैपिटल्स को सबसे कम सिर्फ 1 प्रतिशत का ही नुकसान हुआ था.