आईपीएल (IPL) के बीच में ही कुछ खिलाड़ियों के कोरोना संक्रमित होने से टूर्नामेंट को बीच में ही रोक दिया गया. चार खिलाड़ी, एक कोच और पांच सपोर्टिंग स्टाफ कोरोना ग्रसित पाए गए थे. लेकिन, मन में सवाल ये उठता है कि कोरोना तो लीग शुरू होने से पहले भी था. यहां तक कि नितीश राणा, अक्षर पटेल और देवदत्त पडिक्कल निगेटिव होने के बाद ही आईपीएल में खेलने आ सके थे. वैसे आपकों बता दें कि व्यूअरशिप भी आईपीएल को टालें की मुख्य वजहों में से एक थी.
14 प्रतिशत तक गिरी टीआरपी
खिलाड़ियों की सुरक्षा का हवाला देकर बीसीसीआई ने आईपीएल (IPL) को स्थगित तो कर दिया. लेकिन, उन्होंने यह नहीं बताया कि कोरोना की वजह से उनकी टीआरपी में 14 प्रतिशत तक की गिरावट आ गई थी. ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च कौंसिल (BARC) ने इस आंकड़े को बताया है. उनका कहना है कि कोरोना से परेशान होकर लोगों ने आईपीएल से मुंह मोड़ लिया था. अगर आईपीएल जारी रहता तो फिर ना तो बीसीसीआई को ज्यादा फायदा होता और ना ही ब्रॉडकास्टर को. यही नहीं व्यूअरशिप कम होने से विज्ञापनों के रेट भी कम करने पड़ सकते थे.
हो रहा था आईपीएल का विरोध
देश में आईपीएल के रोमांच के साथ ही कोरोना वायरस के भी हालात काफी बेकाबू हो रहे थे. जिस कारण आईपीएल (IPL) का भी विरोध शुरू होने लगा था. लेकिन, अगर BARC की रिपोर्ट को देखें तो आईपीएल का 14 वां संस्करण अगर स्थगित ना होता तो भी उसके दर्शक कम हो रहे थे. पिछले साल (2020) में प्रति मैच व्यूअरशिप 8.34 मिनट (बिलियन) और प्रति मैच क्यूम्यूलेटिव रीच (मिनट) 116 रही. जबकि इस साल (2021) प्रति मैच व्यूअरशिप 6.62 मिनट (बिलियन) औत क्यूम्यूलेटिव रीच (मिनट) 105 ही रही. बीसीसीआई ने सभी खिलाड़ियों को बायो बबल में रखा, बावजूद इसके खिलाड़ी संक्रमित हो गए. यह भी दर्शकों का मोह भंग होने का मुख्य कारण रहा.
सिर्फ एक कारण से नहीं बंद होते बड़े टूर्नामेंट
इंडियन प्रीमियर लीग जैसे बड़े टूर्नामेंट शुरू होने के दो-तीन महीने पहले ही विज्ञापनों की बुकिंग हो जाती है. हालाँकि एक- दो बदलाव की गुंजाईश रखी जाती है. सभी बड़े एडवर्टाइजर्स आईपीएल जैसे टूर्नामेंट से जुड़ना चाहते हैं. ऐसे में सिर्फ एक कारण (कोरोना) की वजह से आईपीएल (IPL) जैसे बड़े टूर्नामेंट रोके नहीं जा सकते. स्टार इंडिया को उम्मीद थी कि पिछले सीजन की तुलना में इस बार ज्यादा लोग IPL देखेंगे। उस हिसाब से विज्ञापन के रेट भी बढ़ाए गए थे। पिछले साल दस सेकंड के स्लॉट के 11-12 लाख रुपए तय किए गए थे। इस बार ये दर बढ़ाकर 13 लाख रुपए कर दी गई थी। सीजन तलने से हॉटस्टार के सब्सक्राइबर भी कम हो सकते हैं.