दुनिया की सबसे बड़ी क्रिकेट लीग आईपीएल (IPL) का पहला संस्करण 2008 में शुरू किया गया था. तब से लेकर आज तक 13 सीजन खेले जा चुके हैं और 14वां वर्तमान में खेला जा रहा है. आईपीएल के पूर्व चैयरमैन ललित मोदी को इसका मास्टरमाइंड और जनक माना जाता है. ललित मोदी को भी कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप का भान है और इसीलिए वो बीसीसीआई और भारतीय खिलाड़ियों पर गुस्सा भी हो गए. वो इस बात से निराश हैं कि बीसीसीआई और किसी खिलाड़ी ने जरुरतमंदों की मदद नहीं की है.
बहुत कुछ कर सकता है बीसीसीआई : ललित मोदी
आईपीएल (IPL) के पूर्व चेयरमैन ललित मोदी ने अंग्रेजी अखबार मिड डे को इंटरव्यू दिया है. जिसमें उन्होंने भारतीय खिलाड़ियों और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के लिए गुस्सा जाहिर किया है. उनका कहना है कि सभी का रुख बहुत ही गलत है. बीसीसीआई को 700 से 800 करोड़ रुपये दान कर देना चाहिए. ये पैसे कोरोना से जूझ रहे मरीजों के लिए बहुत ज्यादा प्रभावी सिद्ध होंगे. इन पैसों से वैक्सीन, ऑक्सीजन और वेंटिलेटर सभी का इंतजाम आराम से हो जाएगा. यही नहीं बीसीसीआई चाहे तो किसी भी स्टेडियम को अस्थाई अस्पताल का भी रूप दे सकती है.
नहीं देख रहे हैं आईपीएल (IPL)
ललित मोदी का कहना है कि वो पिछले तीन दिन से आईपीएल (IPL) नहीं देख रहे हैं. क्योंकि ना तो बीसीसीआई और खिलाड़ी देश के लिए कुछ भी नहीं कर रहे हैं. यहां तक की एक भी बार भारतीय क्रिकेटरों ने काली पट्टी भी नहीं पहनी. मोदी का कहना है कि भारतीय क्रिकेट बोर्ड को चाहिए कि वो पिछले और इस साल के आईपीएल से होने वाली कमाई का 10 फीसद तो दान कर ही सकती है. इस देश ने क्रिकेट को सर-आँखों पर बैठाया है. अब क्रिकेट की बारी है. आपको बता दें कि ललित मोदी इस वक्त लंदन में रहते हैं और उन पर आईपीएल में वित्तीय लेनदेन में गड़बड़ी करने का आरोप है.
आईपीएल को रद्द नहीं करना चाहिए
कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप की वजह से सभी तरफ से आईपीएल (IPL) को रद्द करने की मांग उठ रही है. इस मुद्दे पर ललित मोदी का कहना है कि आईपीएल को रद्द नहीं किया जाना चाहिए. ऐसा करने से कई परिवारों की आजीविका पर सीधा असर पड़ेगा. मोदी ने साथ ही यह भी कहा कि किसी भी परिवार से उनकी आजीविका का साधन मत छीनिए. कुछ घरेलू क्रिकेटर्स सिर्फ आईपीएल के दम पर ही पैसे कमाते हैं. उनकी पूरे साल की कमाई इससे ही होती है, उनसे यह मत छीनिए.