आईपीएल 2021 (IPL 2021) की शुरूआत बेहद नजदीक है, और उससे पहले ही एक के बाद एक बुरी खबर सामने आ रही है, जिसके चलते फ्रेंचाइजियों के साथ ही खिलाड़ियों की भी परेशानी बढ़ चुकी है. 9 अप्रैल को दुनिया की सबसे बड़ी और रोमांचक लीग का तड़का लगने वाला है, लेकिन दिल्ली कैपिटल्स (Delhi Capitals) को एक बड़ा झटका लग चुका है. इस रिपोर्ट के जरिए आपको ये भी बताएंगे कि, कोरोना संक्रमित होने के बाद फिर से टीम में किसी खिलाड़ी को वापसी करना कितना मुश्किल है.
आईपीएल से पहले दिल्ली कैपिटल्स को लगा बड़ा झटका
दरअसल महज 5 दिन पहले दिल्ली के लिए स्पिनर अक्षर पटेल (Axar Patel) के तौर पर बुरी खबर सामने आई है. स्पिनर गेंदबाज की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई है. मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में दिल्ली कैपिटल्स और चेन्नई सुपर किंग्स के बीच पहला मैच खेला जाना है, लेकिन इस मुकाबले में अक्षर पटेल की मौजूदगी न के बराबर मानी जा रही है.
कोरोना महामारी के लगातार बढ़ते केसेस को ध्यान में रखते हुए बीसीसीआई प्रोटोकॉल को लेकर बेहद सख्त हो गई है , और हाल ही में कुछ नियम बनाए हैं, ऐसे में किसी भी खिलाड़ी के कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद फिर से आईपीएल 2021 (IPL 2021) में वापसी के रूल्स को एसओपी (Standard Operating Procedure) का नाम दिया गया है.
जानिए क्या कहता है एसओपी नियम
आईपीए 2021 (IPL 2021) एसओपी नियम के अनुसार किसी भी खिलाड़ी के कोरोना संक्रमित होने के बाद उसे कम से कम 10 दिन तक आइसोलेशन में रहना होगा. ऐसे में यह बात स्पष्ट हो जाती है कि, अक्षर पटेल अपनी टीम की तरफ से पहला मुकाबला नहीं खेल सकेंगे. लेकिन आइसोलेशन के बाद भी उनका कोरोना टेस्ट होगा, और अगर उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो उन्हें फिर से आइसोलेशन में ही भेजा जाएगा.
एसओपी नियम के आधार पर, कोरोना संक्रमित होने के बाद खिलाड़ी को बायो-सिक्योर माहौल से बाहर किसी एक तय की गई जगह पर खुद को आइसोलेट करना जरूरी होगा. 10 दिन के लिए तब खिलाड़ी को आइसोलेट किया जाएगा, जब उसमें कोरोना से जुड़े लक्षण दिखाई देने लगेंगे. साथ ही इस दौरान खिलाड़ी के सैंपल भी लिए जाने का नियम है, जब तक आरटी-पीसीआर रिपोर्ट भी पॉजिटिव आती है.
ऐसे हालात में खिलाड़ी को अस्पताल में किया जाएगा एडमिट
10 दिन के आइसोलेशन के दौरान खिलाड़ी को आराम करना होगा, और किसी भी तरह की प्रैक्टिस से बचना होगा. हालांकि टीम के डॉक्टर आईपीएल 2021 (IPL 2021) के दौरान प्लेयर पर अपनी नजरें बनाए होंगे. लेकिन आइसोलेशन के समय अगर लक्षण लगातार बढ़ते हैं या फिर खिलाड़ी की तबीयत और भी ज्यादा खराब हो जाती है, तो उसे अस्पताल में एडमिट कराया जाएगा. ऐसे में खिलाड़ी टीम से तब तक नहीं जुड़ सकेगा, जब तक कि आरटी-पीसीआर रिपोर्ट नेगेटिव नहीं आ जाती है.