IPL 2022 (IPL 2022) के 15वें सीजन के लिए नीलामी होनी है और उसमें कुछ ही वक्त बाकी है. ऑक्शन की ये प्रक्रिया बेंगलुरू में 12 और 13 फरवरी को होगी. इस बार मेगा नीलामी में दुनियाभर के 590 खिलाड़ियों पर बोली लगेगी. दिलचस्प बात तो यह है कि ऑक्शन में इस बार 8 नहीं बल्कि कुल 10 टीमें हिस्सा लेंगी. यानी की रोमांच पहले से दोगुना होगा.
हर साल की तरह टूर्नामेंट से पहले नीलामी को लेकर फैंस भी एक्साइटेड हैं. इसी तरह का रोमांच साल 2008 में देखने को मिला था जब पहली बार टूर्नामेंट का आगाज हुआ था. पहली नीलामी इसलिए भी खास थी क्योंकि इस दौरान आईपीएल 2008 (IPL 2008) नीलामी सबसे पहले किसी भारतीय पर नहीं बल्कि ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज पर बोली लगी थी.
आईपीएल के पहले सीजन में शेन वॉर्न पर लगी थी बोली
2008 की बात है जब पहली बार इस तरह के मेगा इवेंट की शुरूआत भारत में हुई थी. टूर्नामेंट का पहला सीजन में अप्रैल में शुरु हुआ था. वहीं फरवरी में खिलाड़ियों की नीलामी हुई थी. उस नीलामी में सिर्फ उन खिलाड़ियों पर बोली लगी थी जो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में एंट्री कर चुके थे. वहीं नीलामी से पहले ही सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली, राहुल द्रविड़, वीरेंद्र सहवाग और युवराज सिंह को ‘आइकन प्लेयर’ के तौर पर उनके राज्यों ने अपनी फ्रेंचाइजी में उन्हें शामिल कर लिया था.
इसके बाद 20 फरवरी को पहली बार नीलामी हुई और इसमें बोली के तौर पर सबसे पहला नाम शेन वॉर्न (Shane Warne) का आया था. शेन वॉर्न उस वक्त तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर को अलविदा कह चुके थे. लेकिन लेग स्पिन के इस जादूगर को खरीदने के लिए टीमों में कॉम्पिटिशन काफी तेज था. इस दौरा उन्हें राजस्थान रॉयल्स आईपीएल 2008 (IPL 2008) में होने वाले सीजन के लिए खरीदने में कामयाब रही थी. लीग की सबसे सस्ती फ्रेंचाइजी राजस्थान उन्हें 4 लाख 50 हजार अमेरिकी डॉलर की बोली के साथ अपनी टीम सो जोड़ लिया था.
ऑक्शन प्रक्रिया पूरी होने के बाद BCCI ने राजस्थान पर लगाया था जुर्माना
राजस्थान ने शेन वॉर्न को सिर्फ टीम से जोड़ा ही नहीं बल्कि उनको कप्तानी की जिम्मेदारी भी दे दी थी. शेन वॉर्न के अलावा इस फ्रेंचाइजी ने साउथ अफ्रीका के दिग्गज कप्तान ग्रेम स्मिथ, भारतीय बल्लेबाज मोहम्मद कैफ, ऑलराउंडर यूसुफ पठान और शेन वॉटसन जैसे खिलाड़ियों को भी ऑक्शन में खरीद लिया था. हैरानी की बात तो यह थी कि इस ऑक्शन में राजस्थान रॉयल्स ने सबसे कम खर्च में ही खिलाड़ियों को अपनी टीम में शामिल कर लिया था.
इसलिए अंजाम भी टीम को भुगतना पड़ा. बीसीसीआई ने उन्हें आईपीएल 2008 (IPL 2008) के नीलामी में सबसे खर्च के लिए सजा भी दी. नीलामी के नियमों के मुताबिक हर फ्रेंचाइजी को कम से कम 33 लाख डॉलर खर्च करने होते थे. लेकिन, राजस्थान ने सिर्फ 29 लाख डॉलर खर्च किए. ऐसे में भारतीय बोर्ड ने फ्रेंचाइजी को सजा देते हुए बची हुई करीब 4 लाख डॉलर की रकम जुर्माने के तौर पर वसूल ली.
राजस्थान ने पहले सीजन में सभी चौंकाते हुए खिताब किया था अपने नाम
आईपीएल 2008 (IPL 2008) के पहले सीजन का जब आगाज हुआ तो राजस्थान रॉयल्स की टीम को सबसे कमजोर आंका जा रहा था. वॉर्न, स्मिथ और वॉटसन जैसे नामों के अलावा टीम में एक भी स्टार खिलाड़ी नहीं दिख रहा था. लेकिन, इस पहले सीजन में वो हुआ जिसकी किसी ने कल्पना तक नहीं की थी. इस फ्रेंचाइजी ने सभी को चौंका दिया. शेन वॉर्न की काबिल कप्तानी में टीम ने फाइनल तक का सफर तय किया. फिर टूर्नामेंट में खिताब की सबसे बड़ी दावेदार एमएस धोनी की कप्तानी वाली सीएसके को हराकर इस लीग का पहला खिताब भी अपने नाम किया था.