कोविड-19 के बीच भारतीय महिला क्रिकेट टीम को इंग्लैंड दौरे पर जाना है। इसके लिए शनिवार को भारतीय टीम का ऐलान हो गया है। ऑल इंडिया सीनियर वुमन्स सलेक्शन कमेटी ने शुक्रवार को इंग्लैंड के खिलाफ एक टेस्ट, तीन वनडे और तीन टी20 सीरीज के लिए 18 सदस्यीय स्क्वाड का ऐलान किया। इस टीम में झारखंड की विकेटकीपर-बल्लेबाज चेहरा इंद्राणी रॉय (Indrani Roy) को सिलेक्ट किया गया है।
धोनी को आदर्श मानती हैं Indrani Roy
भारतीय महिला क्रिकेट टीम को अगले महीने इंग्लैंड दौरे पर जाना है। जहां, तीनों फॉर्मेट के लिए विकेटीकपर-बल्लेबाज इंद्राणी रॉय (Indrani Roy) को स्क्वाड में शामिल किया है। इंद्राणी ने मार्च-अप्रैल में खेले गए घरेलू वनडे 76 की औसत और 86.52 के स्ट्राइक रेट से सबसे ज्यादा 456 रन बनाए थे। Indrani Roy दिग्गज महेंद्र सिंह धोनी को अपना आदर्श मानती हैं। चयन के बाद जब उनसे अगले टार्गेट के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने दैनिक जागरण से बात करते हुए उन्होंने बताया,
"मेरा सपना वर्ल्ड कप में देश के लिए खेलना है। मैं अपने आदर्श महेंद्र सिंह धोनी की तरह टीम के लिए फीनिशर की भूमिका निभाना चाहती हूं। मैं उनके पुराने मैचों के की विडियो देखकर उनकी तरह बल्लेबाजी और कीपिंग का अभ्यास करती हूं।"
कोरोना संक्रमण से पहले झारखंड वुमंस टीम के कैंप में धोनी से मुलाकात हुई थी। उन्होंने मुझे कीपिंग और बल्लेबाजी के टिप्स दिए।
पिता चाहते थे करुं पढ़ाई
किसी भी युवा खिलाड़ी को क्रिकेट में बड़ा मुकाम हासिल करने के लिए अपने करियर में किसी ना किसी बाधा का सामना करना ही पड़ता है। Indrani Roy का सफर भी इतना आसान नहीं था। उन्होंने भी परिस्थितियों से लड़कर खुद को इस मुकाम पर पहुंचाया है। जब उनसे पूछा गया कि क्रिकेट खेलने के लिए उन्होंने किन चुनौतियों का सामना किया, तो उन्होंने कहा,
"मैने जब क्रिकेट खेलना शुरू किया, तो पापा ने विरोध किया। पापा चाहते थे कि मैं दीदी की तरह पढ़ाई पर अपना फोकस रखूं। मैच के लिए ज्यादातर समय घर से बाहर रहने की वजह से पढ़ाई डिस्टर्ब हो रही थी। मेरे क्लास में मार्क्स भी खराब आने लगे। ऐसे में पापा नहीं चाहते थे कि पढ़ाई में बाधा हो और मेरे कम नंबर आए। मैने प्रैक्टिस करना बंद कर दिया था।"
"तब मेरे कोच पाचू गोपाल मांझी ने मेरे पापा को आकर समझाया। वहीं मेरी मां ने भी पापा से अनुरोध किया कि क्रिकेट की ट्रेनिंग के जाने दें। बाद में पापा ही मुझे ट्रेनिंग लेकर एकेडमी लेकर जाने लगे। मां सराकरी जॉब करती थी, इसलिए उनके पास टाइम नहीं होता था।"
झारखंड से खेलने का मिला था ऑफर
Indrani Roy बंगाल से हैं, मगर वह पिछले कुछ सालों से झारखंड के लिए खेल रही हैं। अब जब उन्हें अंतरराष्ट्रीय टीम में चुना गया है, तब भी वह झारखंड टीम का ही हिस्सा थीं। वह झारखंड में रेलवे की नौकरी भी करती हैं। उन्होंने बंगाल से झारखंड तक के सफर के बारे में बताते हुए कहा,
"मैंने 2014-15 से बंगाल से अंडर-19 में घरेलू क्रिकेट की शुरुआत की। मुझे सीनियर टीम में भी बतौर विकेटकीपर बल्लेबाज के तौर पर टीम में जगह मिली। लेकिन 2017 में मुझे बंगाल टीम में जगह नहीं मिली। ऐसे में विभिन्न क्लबों से मैच खेलने के देश के अलग-अलग कोने में जाने लगी।"
"झारखंड में आयोजित क्लब मैच में मैं खेल रही थी तो मुझे आरएन सिंह सर ने देखा और झारखंड टीम से खेलने का ऑफर दिया। इसके बाद मैं पिछले तीन सालों से झारखंड की ओर से अंडर-23 और सीनियर टीम में खेल रही हूं। झाखंड से बतौर ओपनर मेरा लगातार शानदार प्रदर्शन रहा।"