ग्लेन मैक्सवेल ने आईपीएल 2020 में खराब फॉर्म के लिए अनिल कुंबले और केएल राहुल को ठहराया जिम्मेदार

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ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी ग्लेन मैक्सवेल जिसको उनके फैंस एक आक्रामक बल्लेबाजी के लिए जानते हैं. आईपीएल-2020 के 13वें सीजन में मैक्सवेल के साथ एक दम उल्टा हो रहा है, उनकी सारी मेहनत बेकार जा रही है. उन्होंने इसका जिम्मेदार अपनी भूमिका में लगातार बदलाव को ठहराया है, जबकि देश के लिए खेलते हुए उनकी भूमिका एक दम स्पष्ठ होती है.
मैक्सवेल ने पीटीआई से क्या कहा?
किंग्स इलेवन पंजाब के ग्लेन मैक्सवेल इंग्लैंड के सफल दौरे के बाद आईपीएल में आया है. इंग्लैंड दौरे पर उन्होंने 7वें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए 90 गेंदों पर 108 की पारी खेलकर एलेक्स कैरी के साथ मिलकर टीम को सीरिज जीताने में अहम भूमिका निभाई थी.
वही दुबई में पीटीआई से बात करते हुए विक्टोरिया के इस बल्लेबाज ने बताया कि कैसे ऑस्ट्रेलिया की ओर से खेलते हुए उन्हें अपनी छमता का अहसास हुआ और आईपीएल में उनके प्रदर्शन में निरंतरता की कमी का क्या कारण है. उन्होंने कहा कि
" मैं आईपीएल और ऑस्ट्रेलिया करियर की तुलना नहीं करूंगा. मैंने जिस तरह से इंटरनेशनल क्रिकेट में खेला, यह मेरी स्पष्ट भूमिका के कारण था. मुझे पता है कि खिलाड़ी मेरे साथ किस भूमिका से बल्लेबाजी करेंगे."
आईपीएल में क्यों नहीं कर पा रहे प्रभावित
पिछले साल मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों से उबरने के बाद ऐसा लगता है कि मैक्सवेल इंटरनेशनल क्रिकेट में अपनी सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में हैं. हालांकि ऐसा इंडियन प्रीमियर लीग में हुए अभी तक मुकाबलों के तौर पर उनके प्रदर्शन के बारे में नहीं कहा जा सकता है.
जहां वह मौजूदा समय में 7 मैचों में उन्होंने 14.5 की औसत से मात्र 58 रन बना पाए हैं. ऑस्ट्रेलिया के प्रदर्शन को हर बार रहते हुए आईपीएल उनकी अच्छी-खासी मांग रही है और किंग्स इलेवन पंजाब ने इस बार उन्हें नीलामी में 10 करोड़ 75 लाख रुपये में खरीदा.
मैक्सवेल ने कहा कि
"आईपीएल के अधिकांश मैचों में संभवता मेरी भूमिका बदल जाती है. आईपीएल में काफी टीमें अपनी टीमों में काफी बदलाव करती है. ऑस्ट्रेलिया के ढांचे में अधिकांश मैचों में हमारी समान एकादश होती है, हम सभी को अपनी भूमिका काफी अच्छी तरह पता है."
इंडियन प्रीमियर लीग में होता है काफी बदलाव
ग्लेन मौजूदा सीजन में पांचवें नंबर पर बल्लेबाजी कर रहे हैं और उन्होंने कहा कि
"उनकी भूमिका शीर्ष चार बल्लेबाजों का समर्थन करना है. जब आप आईपीएल के लिए साल में सिर्फ दो महीने एक साथ होते हैं तो काफी बदलाव होता है. आप हमेशा टीम में सही संतुलन चाहते हैं. टूर्नामेंट की शुरुआत में किसी खिलाड़ी को जब आप टीम में चुनते हो, तो शायद आगे बढने पर आपको लगता है कि टीम उतनी संतुलित नहीं है."