इन 5 मौकों पर अपने फैसले से भारतीय खिलाड़ियों ने जीत लिया सबका दिल, आज भी फैंस को मुंहजुबानी याद हैं वो वाक्ये
Published - 20 Jun 2022, 09:32 AM

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Indian Players: किसी भी खेल में अगर खिलाड़ी को कामयाब होना है तो उसको एक ही मंत्र का पालन करना होता है, उसे खुद से ज्यादा और खुद से पहले अपनी टीम के बारे में सोचना होता है। क्रिकेट भी ऐसे ही खेलों में से एक खेल है। बता दें कि, ऐसा टीम इंडिया में कई बार देखने को मिला है जब भारतीय खिलाड़ियों (Indian Players) ने अपने ऊपर अपने साथी खिलाड़ी को रखा है।
भारतीय टीम ने इतिहास में कई यादगार जीत हासिल की है। इसी दौरान कई ऐसे पल देखने को मिले हैं जिसने हमें ये मानने में मजबूर कर दिया कि क्रिकेट भारतीय खिलाड़ियों (Indian Players) के लिए महज एक गेम नहीं बल्कि धर्म है। आज हम आपको इस खास लेख में भारतीय क्रिकेट इतिहास की 5 सबसे निस्वार्थ कार्य के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसने टीम इंडिया को वर्ल्ड में नंबर-1 बना दिया है।
Indian Players के इन नि:स्वार्थी काम ने भारत को बनाया विश्व में No-1
धोनी ने कोहली को दिया था गोल्डन चांस
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टीम इंडिया ने साल 2014 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ टी20 वर्ल्ड कप का सेमीफाइनल मैच खेला था। इस मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए दक्षिण अफ्रीका ने निर्धारित 20 ओवर में 176 रन का अच्छा स्कोर बनाया। जवाब में भारतीय टीम ने विराट कोहली की 44 गेंदों में 72 रन की शानदार पारी के दम पर यह टारगेट हासिल किया। टीम इंडिया को जीत के लिए एक रन की दरकार थी।
ऐसे में स्ट्राइक चोर पर एमएस धोनी मौजूद थे। उन्होंने बुरहान हेंड्रिक्स के 19वें ओवर की आखिरी गेंद खेली और रन बनाने की कोशिश नहीं की। इसकी वजह ये थी कि वें विराट कोहली के बल्ले से विनिंग रन चाहते थे। फिर विराट ने 20वें ओवर की पहली गेंद पर विनिंग शॉट जड़कर टीम इंडिया को जीत दिला दी।
राहुल द्रविड़ ने युवाओ की खातिर लिया था बड़ा फैसला
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मैदान पर राहुल द्रविड़ के अथक रवैये ने कई युवा क्रिकेटरों को वर्षों से प्रेरित किया है। वह एक बुद्धिमान व्यक्ति और एक उत्कृष्ट बल्लेबाज थे। राहुल द्रविड़ ने भारतीय टीम के लिए लगभग 16 साल तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेला और एकदिवसीय और टेस्ट क्रिकेट दोनों में दस हजार से अधिक रन बनाए। मार्च 2012 में, उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने का फैसला किया।
उन्होंने यह घोषणा अपने घरेलू मैदान बैंगलोर के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में की। 200 लोगों से भरे कमरे में, जिसमें उनके परिवार और साथी शामिल थे। द वॉल ऑफ इंडियन क्रिकेट ने कहा कि वह चाहते हैं कि अगली पीढ़ी के क्रिकेटर अब मेरी जगह लें। द्रविड़ के लिए यह खेल की भावना को बनाए रखने के बारे में था। राहुल के इस निस्वार्थ भाव ने टीम इंडिया में युवा खिलाड़ियों (Indian Players) के लिए दरवाजे खुल गए।
कुंबले के लिए श्रीनाथ ने दिखाई दरियादिली
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टीम इंडिया के पूर्व कोच और सफल लेग स्पिनर अनिल कुंबले ने 7 फरवरी 1999 को दिल्ली के फिरोज शाह कोटला मैदान में एक टेस्ट मैच की एक पारी में पाकिस्तान के सभी 10 खिलाड़ियों को आउट कर विश्व रिकॉर्ड बनाया था। इसी के साथ कुंबले ये कारनामा करने वाले दूसरे गेंदबाज बने। कुंबले से पहले इंग्लैंड के जिम ने ये कमाल किया था। उन्होंने साल 1956 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ये कारनामा किया था। ब
ता दें कि कुंबले ने अपने 132 टेस्ट मैच में 619 विकेट चटकाई है। इसी मैच में कुंबले ने बेस्ट बॉलिंग प्रदर्शन करते हुए 14 विकेट अपने नाम की। ये उनके करियर का माइल स्टोन साबित हुआ। लेकिन जब अनिल 9 विकेट ले चुके थे तब दूसरी तरफ से गेंदबाजी कर रहे जवागल श्रीनाथ ने वाइड गेंदबाजी शुरू कर दी और चाहते थे कि आखिरी विकेट भी अनिल कुंबले को मिले।
उथप्पा के फैसले ने रोहित को बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड का सरताज
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टीम इंडिया के मौजूदा समय के कप्तान रोहित शर्मा ने 13 नवंबर 2014 में 264 रनों बना अपनी पारी को हमेशा के लिए यादगार बना दिया। 2014 में कोलकाता के ऐतिहासिक ईडन गार्डन्स में श्रीलंका के खिलाफ खेले गए चौथे वनडे में रोहित ने यह स्पेशल पारी खेली थी। रोहित शर्मा ने टीम इंडिया के लिए 173 बॉल्स पर 33 चौकों सुर नौ छक्कों की मदद से 264 रन बनाए थे।
बता दें कि हिटमैन की इस यादगार पारी में रॉबिन उथप्पा ने अहम रोल निभाया था। दरअसल, रॉबिन ने टीम इंडिया की पारी के अंतिम ओवेरों में रॉबिन ने बड़ा फैसला लेते हुए रोहित शर्मा को वर्ल्ड रिकॉर्ड का सरताज बनाया। इस मैच के दौरान रॉबिन ने सेलफलेस होते हुए अपने अर्धशतक को नजरअंदाज किया रोहित शर्मा को स्ट्राइक देने का निर्णय किया, जिसके बदौलत रोहित शर्मा 264 रन के पहाड़नुमा स्कोर बनाया और वर्ल्ड रिकॉर्ड कायम किया।
जब विराट को गौतम ने दिया था अपना मैन ऑफ द मैच
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टीम इंडिया के पूर्व खिलाड़ी (Indian Players) गौतम गंभीर ने भी विराट कोहली के लिए बहुत बड़ा त्याग किया था। विराट कोहली ने श्रीलंका के खिलाफ वनडे इंटरनेशनल क्रिकेट में अपना पहला शतक जड़ा था। वह 114 गेंदों पर 107 रन बनाकर पवेलीयन लौट गए थे। उनके अलावा गौतम गंभीर ने नाबाद रहकर 150 रन बनाते हुए टीम इंडिया को 7 विकेट से जीत दिलाई।
मैच खत्म होने के बाद मैच प्रेज़न्टैशन में उन्हें मैन ऑफ द मैच का अवॉर्ड देने के लिए बुलाया गया, गंभीर अवॉर्ड लेने के लिए आगे तो गए लेकिन उन्होंने वहाँ जाकर रवि शास्त्री से कहा कि विराट कोहली को बुलाए और उन्हें मैन ऑफ द मैच दें।
क्योंकि इस अवॉर्ड के हकदार वो हैं। इसके बाद रवि शास्त्री ने कहा कि गौतम गंभीर चाहते हैं कि विराट कोहली को यह मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार मिले, इसके बाद विराट पहुंचे और उन्हें एक लाख रुपये का चेक, एक ट्रॉफी और एक मोबाइल मिला।
ऑथर के बारे में

मानवी नौटियाल एक उत्साही और अनुभवी स्पोर्ट्स जर्नलिस्ट हैं, जिन्हें खेलों की दुनिया से गहरा लगाव है।... रीड मोर