चेन्नई सुपर किंग्स को मैदान पर बेहद परेशान करने वाला ये बल्लेबाज आज जी रहा है गुमनामी की जिन्दगी

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अगर आप आईपीएल के पुराने फैंस हैं तो आपको पॉल वाल्थटी का नाम जरुर याद होगा. किंग्स इलेवन पंजाब का वो बल्लेबाज जिसने साल 2011 में रनों की सुनामी ला दी थी. अपनी ताबड़तोड़ बल्लेबाज के चलते वाल्थटी रातों रात स्टार बन गए थे. हर गेंद पर वो तोड़तोड़ हमले करते थे. जबतक वो क्रीज पर रहते छक्के-चौके की बारिश होती रहती थी. लेकिन ऐसा क्या हुआ कि वो आईपीएल से लुप्त हो गए और लोग उन्हें भूल गए.
वाल्थटी की ताबड़तोड़ पारी
सबसे पहले पॉल वाल्थटी की उस पारी को याद कर लेते हैं जिसने रातों-रात उन्हें एक स्टार बना दिया था. 13 अप्रैल 2011 का दिन था. महोली के मैदान पर महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी वाली चेन्नई सुपर किंग्स की टीम ने किंग्स इलेवन पंजाब के सामने 189 रनों का लक्ष्य रखा था.
जबाव में उतरी पंजाब की टीम से लोगों को ज्यादा उम्मीद नहीं थी. लेकिन 10 ओवर के खेल में ही वाल्थटी ने तहलका मचा दिया. एडम गिलक्रिस्ट के साथ पारी की शुरुआत करने आए वाल्थटी में मैदान पर रनों की बारिश कर दी.
उन्होंने 52 गेंदों पर शतक ठोक दिया. सिर्फ 63 गेंदों पर 120 रन. इस दौरान उन्होंने 19 चौके और 2 छक्के लगाए. उन्होंने स्टाइरिस से लेकर आश्विन और मोर्कल हर्गेंद्बाज पर ताबड़तोड़ हमले किए. 2011 के आईपीएल में वाल्थटी 14 मैचों में 463 रन बनाए थे.
कहां हैं पॉल वाल्थटी ?
आईपीएल 2011 के सीजन में हीरो रह चुके वाल्थटी का बल्ला आईपीएल के अगले सीजन में नहीं चला. कलाई में चोट के चलते उनका इंटरनेशनल क्रिकेट में खेलने का अपना टूट गया. ये वो खिलाड़ी था जिसने अपनी बल्लेबाजी से अपनी टीम को खुश किया था बल्कि अपने फैन्स को मंत्रमुग्ध कर दिया था.
चोट के चलते वो पुरानी फॉर्म में कभी नहीं लौट सके. वाल्थटी इन दिनों एयर इंडिया के लिए खेलते हैं. वो एयर इंडिया के लिए ही नौकरी करते हैं. साल 2018 में लोगों ने उन्हें मुंबई टी20 लीग देखा, लेकिन वो अपना पुराना रंग नहीं दिखा सके.
उनके टैलेंट को देखते हुए लोगों को उम्मीद थी को वो भारत के लिए खेल सकते हैं. लेकिन ऐसा नहीं हो सका. क्योंकि चोट और क्रिकेट से काफी लंबे समय तक दूर रहने से वो क्रिकेट पर वापस पकड़ नहीं बना सके. साथ ही उन्हें फिर कभी मौका नहीं मिला भारत के लिए खेलने का.
तकदीर का तमाशा
तकदीर ने हर बार वाल्थटी की उमीदें जगाकर दगा दे दी. साल 2001 में उन्हें मुमबई की रणजी टीम के संभावित खिलाड़ियों में जगह दी गई. अगले साल उन्हें अंडर-19 वर्ल्ड कप में खेलने का मौका मिला. वर्ल्ड कप में बांग्लादेश के खिलाफ मैच में उनकी आँखों में चोट लग गई. इसके बाद वो रणजी का मैच कभी नहीं खेल पाए. इसके बाद साल 2012 में कलाई में चोट ने उन्हें आईपीएल से भी दूर कर दिया. सिर्फ 28 साल की उम्र में ही वो क्रिकेट से गायब हो गए.