संजय बांगर ने महेंद्र सिंह धोनी को बताया ग्रेट फिनिशर, बताया क्या रही है उसकी असल वजह

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इंटरनेशनल स्टार पर महेंद्र सिंह धोनी का करियर काफी सनसनीखेज रहा हैं. क्रिकेट के रूप में अपना हर सपना पूरा करने वाले 39 वर्षीय महेंद्र सिंह धोनी ने टीम इंडिया को नया जन्म दिया है आईपीएल में भी बड़ी सफलता हासिल की. मैदान पर तनाव के समय भी वह कूलनेस बनाए रखते हैं. हाल ही में टीम इंडिया के पूर्व बल्लेबाजी कोच संजय बांगर ने धोनी को लेकर कई बातें शेयर की.
संजय बांगर ने धोनी के बारे में क्या बताया?
टीम इंडिया के पूर्व बल्लेबाजी कोच संजय बागर ने धोनी को लेकर स्टार स्पोर्ट्स के साथ एक बातचीत के दौरान कई बड़ी बाते शेयर करते हुए कहा कि
"धोनी ग्रेट फिनिशर हैं, जब भी वह थाई पैड पहनते हैं तो वह सिंगल और दो रन अधिक लेते हैं. इसके बाद चौके लगाते हैं. वह कप्तान से भी अधिक ग्रेड लीडर हैं. खिलाड़ियों के लिए उनके द्वार हमेशा खुले रहते हैं. वह अपने विचार किसी खिलाड़ी पर खुले रहते हैं. वह इस बात का इंतजार करते हैं कि युवा खिलाड़ी अपने आप अपनी ट्रिक्स खोजें."
धोनी अपने थाई पैड पर लिखते क्या थे?
संजय बांगर ने आगे बताते हुए बताया कि
"मुझे यह पता चला कि कैसे अपने रचनात्मक सैलून में. बड़े हिट लगाने वाला धोनी ने अपनी स्वाभाविक योग्यता को प्रतिबंधित किया हैं. वह अपने थाई पैड पर लिखते थे- 1..2..टिक..टिक 4..6...जब भी वह बल्लेबाजी के लिए जातें हैं कि अपनी थाई पर लिखे को पढते हैं..वह पढते हैं कि उन्हें भी यही प्रोग्रेस अपनाना है. इसलिए सिंगल्स और डबल्स इस ग्रेट फिनिशर के लिए जरुरी हो गए हैं."
"यही सिंगल्स और डबल्स उन्हें बेस्ट फिनिशर बनाते हैं. दुनिया में अधिकांश फिनिशर सिंगल्स और डबल्स की महंता जानते हैं. आप माइकल बेवन को देखिए, धोनी को देखिए. दोनों में यही बात कॉमन है. इसी की वजह से वे मैच जीतते हैं. ये चौके और छक्कों की वजह से मैच नहीं जीतते. धोनी इसी प्रोसेस को अपनाते हैं."
एमएस धोनी अब अपनी छवि में धुंधले नज़र आते हैं
आईपीएल के इस सीजन में धोनी के बल्ले से अभी तक रन निकलते हुए नहीं देखे हैं, जिसपर टीम इंडिया के पूर्व बल्लेबाजी कोच संजय ने कहा कि
"इस सीजन में मैंने धोनी में यह बात देखी कि उनका प्री डिलिवरी मूवमेंट रुक गया है. इसलिए वह गेंद को देखते में देरी कर देते हैं. जब आपकी उम्र 38-39 हो तो आपको पेस गेंदबाजों को अधिक समय देना पड़ता है. यदि वह इस दरार को भर लेंगे तो गेंद उनके बल्ले के बेचींबीच आने लगेगी."