भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चल रही टेस्ट सीरीज के दौरान टम इंडिया में शामिल तेज गेंदबाज उमेश यादव (Umesh Yadav) पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है. उमेश यादव का ये दुख इतना बड़ा है कि वे अगले दो टेस्ट मैचों के लिए टीम इंडिया से अपना नाम वापस ले सकते हैं और घर लौट सकते हैं. उमेश यादव को ऐसी निजी क्षति हुई है जिसकी भरपाई संभव नहीं है. दरअसल, उमेश यादव (Umesh Yadav) के पिता का निधन हो गया है जिसके बाद टीम इंडिया के लिए शायद वे अगले दो टेस्ट मैचों के लिए उपलब्ध न हों.
लंबी बीमारी के बाद Umesh Yadav के पिता का हुआ निधन
उमेश यादव के पिता तिलक यादव लंबे समय से बीमार चल रहे थे. उनका लंबे समय तक प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज लेकिन स्वास्थ्य में सुधार न होने की वजह से उन्हें घर लाया गया था. लेकिन डॉक्टरों ने स्वास्थ्य में सुधार न हो पाने की वजह से उन्हें घर जाने की सलाह दी थी. जिसके बाद उनकी घर पर ही देखभाल चल रही थी जहां 74 वर्ष की अवस्था में उन्होंने नागपुर में अपने घर मिलनचौक खापड़खेरा में आखिरी सांस ली.
यूपी से संबंध रखता है Umesh Yadav का परिवार
उमेश यादव के पिता तिलक यादव उत्तरप्रदेश के देवरिया जिले के रहने वाले थे और वर्षों पहले रोजी रोटी की तलाश में नागपुर आए थे. दो बेटी और एक बेटे के पिता तिलक यादव कोयले के खदान में काम किया करते थे और अब रिटायर हो चुके थे. तिलक यादव की इच्छा थी कि उमेश यादव बड़े होकर पुलिस में शामिल हों लेकिन उमेश ने क्रिकेट में करियर बनाने का फैसला किया जिसके बाद उन्हें पिता का सहयोग मिला.
क्या आखिरी दो टेस्ट में भी नहीं मिलेगी Umesh Yadav को जगह
उमेश यादव (Umesh Yadav) भारतीय क्रिकेट टीम के सीनियर गेंदबाजों में से एक हैं लेकिन उन्हें टीम इंडिया की तरफ से खेलने का ज्यादा मौका नहीं मिला है. हाल के वर्षों में वे सिर्फ टेस्ट क्रिकेट में ही टीम इंडिया प्लेइंग में दिखते रहे हैं. ऑस्ट्रेलिया के साथ जारी बॉर्डर-गावस्कर सीरीज में भी वे भारतीय टीम का हिस्सा हैं लेकिन उन्हें पिछले दोनों टेस्ट मैचों में खेलने का मौका नहीं मिला.
पहला टेस्ट जो नागपुर में खेला गया था, जो उनका होम टाउन भी है, उसमें भी उन्हें प्लेइंग XI में शामिल नहीं किया गया था. 35 वर्षीय यादव कई बार टीम से बाहर होने के बाद जोरदार वापसी कर चुके हैं. लेकिन जो निजी क्षति उन्हें हुई उससे उबरने में उन्हें समय लग सकता है.