भारत-इंग्लैंड (INDvsENG) के बीच जारी 5 मैचों की टी-20 सीरीज का 5वाँ मुकाबला आज भारतीय टीम (India Team) नरेंद्र मोदी स्टेडियम में जीत के इरादे से खेलने के लिए उतरेगी. हालांकि श्रृंखला पर जीत हासिल करने के लिए आखिरी के मुकाबलें में टीम इंडिया को जीत दर्ज करनी होगी. लेकिन अभी तक 2 मैच में मिली शिकस्त के साथ 2-2 से सीरीज बराबर.
ऐसे में अब सवाल यह उठता है कि, आखिर 3-1से इंग्लैंड (England) को टेस्ट सीरीज में शिकस्त देने के बाद भारत टी-20 सीरीज में क्यों वापसी नहीं कर पा रहा है? लोगों के मन में इस तरह की भी सवाल उठ रहे हैं कि, आखिर से कौन से कारण रहे हैं, जिसके चलते मेहमान टीम टीम इंडिया पर भारी पड़ रही है. इस रिपोर्ट में हम उन्हीं 3 कारणों की बात करेंगे...
इंग्लैंड की तेज गेंदबाजी आगे फ्लॉप रहे भारतीय बॉलर
भारतीय टीम (India Team) के खिलाफ अब तक इंग्लिश टीम के तेज गेंदबाज पूरी तरह से सफल साबित हुए हैं, तो वहीं टीम इंडिया ने प्लेइंग 11 में बल्लेबाजी को ज्यादा अहमियत देते हुए गेंदबाजों को कम दिया है, खासकर तेज गेंदबाजी को, ऐसे में यह टीम की बड़ी कमजोरी साबित हो रहा है.
एक तरफ इंग्लैंड टीम से जहां मार्क वुड, जोफ्रा आर्चर, सैम करन और क्रिस जॉर्डन जैसे तेज गेंदबाज अटैकिंग कर रहे हैं, तो वहीं टीम इंडिया की तरफ से सिर्फ भुवनेश्वर कुमार (Bhuvneshwar kumar) और शार्दुल ठाकुर (Shardul thakur) को उतारा गया है. जिन्हें कुछ खास सफलता नहीं मिल रही है.
हालांकि तेज गेंदबाजों के मुकाबले हार्दिक पांड्या (Hardik Pandya) की बॉलिंग में ज्यादा पेस दिख रहा है. लेकिन यह कह सकते हैं कि, टी नटराजन, मोहम्मद शमी या फिर जसप्रीत बुमराह जैसे खिलाड़ी टीम इंडिया का हिस्सा हिस्सा होते तो इस कदर इंग्लिश टीम, भारत पर हावी नहीं हो सकती थी.
टीम इंडिया की टॉप ऑर्डर की बल्लेबाजी का पूरी तरह से फ्लॉप होना
टी-20 सीरीज के दौरान हर मैच में कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) और टीम मैनेजमेंट लगातार ओपनिंग पारी में बदलाव कर रहे हैं. पहले मुकाबले में केएल राहुल के साथ शिखर धवन को पारी शुरूआत के लिए उतारा गया था, दूसरे मुकाबले में केएल राहुल (KL Rahul) के साथ इशान किशन को और तीसरे मैच में केएल के साथ रोहित शर्मा को ओपनिंग के लिए उतारा गया था.
लगातार खिलाड़ियों का रोटेशन भारतीय टीम (India Team) की हार का बड़ा कारण रही है, जिसके चलते विरोधी टीम भारत पर दबाव बनाने में कामयाब रही है. क्योंकि लंबी पारी खेलने के लिए टॉप ऑर्डर में 60 से 70 प्रतिशत रन बनना जरूरी होता है, और ऐसा करने में टीम इंडिया के शीर्ष बल्लेबाज लगातार अंदर-बाहर होने की वजह से फेल रहे हैं.
तीन मैच और तीनों मुकाबलों में ओपनिंग जोड़ी के साथ ही मीडिल ऑर्डर की बल्लेबाजी में भी कप्तान ने बदलाव किया, जिसके चलते आसानी से अंग्रेजी गेंदबाज भारत पर दबाव बनाने में कामयाब रहे.
पावर प्ले का फायदा उठाने में पूरी तरह से फेल रही टीम इंडिया
पावर प्ले की बात करें तो, अब तक तीनों मुकाबलों में शुरू के 6 ओवर में भारतीय टीम (India Team) रन बनाने में पूरी तरह से फेल रही है. जबकि वहीं विरोधी टीम के बल्लेबाजों के बल्ले से शुरूआत में जमकर रनों की बरसात हुई है. लेकिन टीम इंडिया पावर प्ले का फायदा उठाने में नाकामयाब साबित रही है.
पावर प्ले के तौर पर मिलने वाले 6 ओवर में भारतीय बल्लेबाज लंबे शॉट्स खेलकर 50 से 60 रन आसानी से बना सकते हैं, लेकिन अब तक शुरूआती के होने तीनों मुकाबलों में टीम इंडिया के बल्लेबाज ऐसा नहीं सके हैं, जिसके चलते टीम का हार का मुंह ताकना पड़ा है.
इसके साथ ही पावर प्ले में लगातार टीम इंडिया के खिलाड़ियों के विकेटों का पतन भी होता रहा है. जबकि मेहमान टीम शुरूआत से ही ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करती रही है. ऐसे में यह कह सकते हैं कि,यह टीम की हार का सबसे बड़ा कारण तो रहा ही है, साथ ही शुरू से ही इंग्लैंड के तेज गेंदबाज भारत पर दबाव बनाने में कामयाब रहे हैं.