भारत-इंग्लैंड (IND vs ENG) के बीच जारी 5 मैचों की टेस्ट सीरीज का दूसरा मुकाबला जीतकर भारतीय टीम (India Team) ने सीरीज पर 1-0 से बढ़त बना ली है. पहला मुकाबला दोनों टीमों के बीच नॉर्टिंघम में खेला गया था. जो बेहद रोमांचक मोड पर पहुंचने के बाद भी बारिश की वजह से ड्रॉ कर दिया गया था. दूसरा मैच लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर खेला गया था, जो की कगार पर था. लेकिन, टीम इंडिया के खिलाड़ियों ने शानदार वापसी करते हुए इस मुकाबले को अपने नाम कर लिया.
तीसरा टेस्ट मैच 25 अगस्त से हेडिंग्ले में खेला जाएगा. जिसमें किसी भी तरह से जीत हासिल कर भारत श्रृंखला पर कब्जा करना चाहेगा. लेकिन, इसके लिए टीम में कुछ कमियां हैं जिसमें सुधार करने की बेहद जरूरत है. यदि यह सुधार हो जाता है तो टीम इंडिया सीरीज को अपने नाम कर सकती है.
1. विराट का फॉर्म में आना
इस लिस्ट में सबसे पहले हम टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) की बात करेंगे, जो लगातार आउट ऑफ फॉर्म में चल रहे हैं. बीते कुछ टेस्ट मैचों में उनका बुरा हाल रहा है. शतक तो दूर की बात अब अर्धशतक के भी लाले पड़ गए हैं. उनके बल्ले से 20, 40 से ज्यादा रन निकल ही नहीं रहे हैं. कुल पारियों में तो वो बिल्कुल फ्लॉप रहे हैं. उनका इस तरह से फेल होना टीम इंडिया के मध्यक्रम की चिंता को और बढ़ा रहा है. नॉर्टिंघम की पहली पारी में वो जेम्स एंडरसन की गेंद पर गोल्डन डक आउट हुए. दूसरी पारी में बारिश की वजह से उन्हें बल्लेबाजी का मौका नहीं मिला.
इसके लॉर्ड्स में उनसे फैंस को खासा उम्मीद थी. लेकिन, यहां भी पहली पारी में 42 रन बनाकर आउट हो गए. तीसरी पारी में जब बल्ले से उनकी टीम को सबसे ज्यादा जरूरत थी, तब अच्छी शुरूआत करने के बाद भी सैम करन गेंद पर 20 रन बनाकर अपना विकेट दे बैठे. शरीर से दूर निकलती गेंद को छेड़ना उनकी कमजोरी बन चुकी है. लेकिन, अपनी इसी गलती को वो बार-बार दोहरा रहे हैं. ऐसे में अगर वो फॉर्म में वापसी करते हैं तो यकीनन भारतीय टीम (India Team) सीरीज पर कब्जा कर सकती है.
2. पंत और पुजारा से बड़ी पारी नहीं देखना
टीम इंडिया की दूसरी सबसे बड़ी समस्या ऋषभ पंत (Rishabh Pant) और चेतेश्वर पुजारा (cheteshwar pujara) के बल्ले से निकल रही छोटी पारियां हैं. टॉप ऑर्डर और मिडिल ऑर्डल के इन बल्लेबाजों का बड़ी पारी खेलना टीम की जीत के लिए बेहद जरूरी है. इस तरह से अगर यह दोनों खिलाड़ी 35-45 रन बनाकर अपना विकेट देते रहे तो भारत की समस्या और बढ़ जाएगी. विकेटकीपर पंत की बात करें तो नॉर्टिंघम टेस्ट की पहली पारी में वो सिर्फ 25 रन बनाकर आउट हो गए थे. दूसरी पारी में उनकी बल्लेबाजी नहीं आई थी. लॉर्डेस टेस्ट मैच की पहली पारी में उनसे काफी उम्मीद थी.
लेकिन, 37 रन बनाकर वो अपना विकेट दे बैठे थे. दूसरी पारी में उनके बल्ले से एक बड़ी पारी की जरूरत थी तो वहां पर सिर्फ 22 रन बनाकर पंत पवेलियन लौट गए थे. तो वहीं बात करें चेतेश्वर पुजारा की तो नॉर्टिंघम की पहली पारी में फ्लॉप होने के बाद दूसरी पारी में बानाद 12 रन बनाए थे. जबकि लॉर्ड्स की पहली पारी में वो सिर्फ 9 और दूसरी पारी में 45 रन बनाकर पवेलियन लौट गए थे. ऐसे में इन दोनों बल्लेबाजों का बड़ी पारी खेलना बेहद जरूरी है. यदि ऐसा हुआ तो भारतीय टीम (India Team) श्रृंखला को आसानी से जीत सकती है.
3. जो रूट का अब तक तोड़ ना मिलना
इंग्लिश कप्तान जो रूट को भारत के खिलाफ रनों की बरसात करना हमेशा से ही बेहद पसंद रहा है. टीम इंडिया के खिलाफ खेले गए 22 मैचों में उन्होंने 58.22 की जबरदस्त औसत से 2038 से ज्यादा रन बनाए हैं. इस दौरान उनके बल्ले से 6 शतक और 11 अर्धशतक निकले हैं. इंग्लैंड की कंडीशन में उनके आंकड़े और भी ज्यादा मजबूत नजर हैं. अपने घरेलू मैदान पर जो रूट ने भारत के खिलाफ लगभग 68 की औसत के साथ 1086 रन बनाए हैं. मौजूदा दौर में जो रूट (Joe Root) टेस्ट क्रिकेट के दिग्गज बल्लेबाजों की लिस्ट में आते हैं.
उन्हें आउट करना किसी भी गेंदबाज के लिए जल्दी आसान नहीं होता. खासकर भारतीय गेंदबाजों के लिए, जिसका उदाहरण शुरूआत के दो मैचों में देखने को मिल चुका है. इसके पीछा के कारण यह है कि, तकनीकी रूप से बेहद मजबूत बल्लेबाज हैं. यही वजह है कि, भारतीय गेंदबाज अभी तक उन्हें आउट करने का तोड़ नहीं निकाल सके हैं. टेस्ट सीरीज में वो भारतीय गेंदबाजों के सामने बड़ी चुनौती साबित हो रहे हैं. भारतीय गेंदबाज की हर रणनीति उनके सामने फेल हो रही है. यदि भारतीय टीम (India Team) ने इसका तोड़ निकाल लिया, तो सीरीज अपने नाम कर सकती है.