अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में खिलाड़ियों के साथ होने वाले भेदभाव जैसे व्यवहार को लेकर इन दिनों सोशल मीडिया पर चर्चा ने जोर पकड़ लिया है. इंग्लैंड के क्रिकेटर ओली रॉबिनसन के खिलाफ हुई कार्रवाई के बाद अब कई खिलाड़ी इस पर खुलकर बोल रहे हैं. कईयों ने जहां अपने साथ हुए गलत बर्ताओं को लेकर खुलासा किया है तो वहीं कई दिग्गज क्रिकटरों ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया साझा की है. इसी बीच अब भारतीय टीम (India team) के एक पूर्व क्रिकेटर ने बड़ा खुलासा किया है.
भारतीय पूर्व क्रिकेटर को इंडिया में करना पड़ा था रंगभेद का सामना
दरअसल क्रिकेट जगत में कई ऐसे खिलाड़ी रहे हैं, जिन्हें अपने रंग के आधार पर भद्दे कमेंट का शिकार होना पड़ा. इस सिलसिले का अंत अभी तक पूरी तरह से नहीं हुआ है. यही वजह है कि, ईसीबी इसके खिलाफ सख्ती कदम उठा रही है. ऐसे में अब पूर्व लेग स्पिनर लक्ष्मण शिवरामकृष्णन (Laxman Sivaramakrishnan) ने भी खुलासा करते हुए बताया है कि, उन्हें अपने करियर में रंगभेद (Colour Discrimination) का सामना करना पड़ा था.
उनका कहना है कि, अपने ही देश में उन्हें मुंबई के एक होटल में अंदर जाने से रोका गया था. द क्विंट के हवाले से आई एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत (India) के इस खिलाड़ी ऐसी जिल्लतें सहनी पड़ी थी. ओली रॉबिनसन के मामले को लेकर पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए लक्ष्मण बताया कि, मैं महज 16 साल की ही उम्र में भारतीय टीम का हिस्सा बन गया था. मेरे पहले दौरे से पहले मुंबई के एक पांच सितारा होटल में मुझे एंट्री करने से मना कर दिया गया था.
ऐसे बर्ताव का असर आपके करियर पर पड़ता है
आगे इसी बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि,
"होटल के एक कर्मचारी को लगा कि वो 16 साल का लड़का भारत के लिए कैसे खेल सकता है और उन्हें इस वजह से भी पहचानने में दिक्कत हो रही थी क्योंकि मेरा रंग काला था. चाहे भारत (India) हो या पाकिस्तान या फिर ऑस्ट्रेलिया, मुझे अपने पूरे क्रिकेट करियर करियर के दौरान रंगभेद का सामना करना पड़ा. मेरा अपमान किया गया".
लक्ष्मण शिवरामकृष्णन (Laxman Sivaramakrishnan) ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि,
"एक खिलाड़ी के तौर पर ये चीजें उस वक्त आपके लिए मुसीबत नहीं खड़ी करतीं, जब तक कि आप अच्छा प्रदर्शन कर रहे होते हैं. लेकिन, जब आप खराब फॉर्म से गुजर रहे होते हैं तब इसका बुरा असर आप पर पड़ता है. जब मैंने अपना आखिरी टेस्ट मैच खेला उस वक्त मैं महज 21 साल का था. ये कई चीजों का मिश्रण था. साधारण फॉर्म, आत्मविश्वास की कमी और दर्शकों की ओर से आपके साथ किया गया खराब बर्ताव".
सिराज के साथ ऑस्ट्रेलिया में हुए बर्ताव पर जैसे भारतीय टीम ने रिएक्ट किया मुझे खुशी हुई
लक्ष्मण ने इस मसले पर चर्चा करते हुए कहा कि,
"सभी क्रिकेट बोर्ड को अपने खिलाड़ियों को इसके बारे में जागरूक करना चाहिए. खासतौर पर एशियाई देशों के क्रिकेट बोर्ड को अपने हर खिलाड़ी के साथ बैठना चाहिए और उसे बताना चाहिए कि किस देश के दौरे पर उन्हें किन परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है.
ऐसा हुआ तो उस हालात से वो कैसे निपटेंगे. मुझे ये देखकर खुशी मिली कि, किस तरह ऑस्ट्रेलिया दौरे पर मोहम्मद सिराज के मामले में भारतीय टीम ने एक साथ आवाज उठाई".
मौजूदा दौर में भी ऐसा होता है- लक्ष्मण
इस दौरान जब लक्ष्मण से ये सवाल किया गया कि, क्या भारत (India) में भी रंगभेद का सामना करना पड़ा. तो इस सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने बताया कि,
"बिल्कुल. जब मैं देश के उत्तरी हिस्से के दौरे पर पहुंचा था तब मुझे हिंदी में ऐसे नामों से बुलाया गया जिसका इंग्लिश मीनिंग ब्लैक होता है. मौजूदा दौर में भी ऐसा होता है. कुछ साल पहले एक ब्रॉडकास्टर के तौर पर काम करते हुए मुझे एक पुलिसकर्मी ने ही रोक दिया था.
यहां तक कि उस वक्त मेरे पास आधिकारिक दस्तावेज भी थे. लेकिन, मेरे से आगे चल रहे एक दूसरे सदस्य को बिना कुछ पूछे सीधे अंदर एंट्री करने दिया, जिसका केवल रंगभेद से लेना देना है और किसी चीज से नहीं".