भारतीय टीम के तीन दिग्गज कप्तान, जिन्होंने इंग्लैंड को उसी की धरती पर हमेशा दिया मात
Published - 01 Jul 2018, 04:48 PM

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इंग्लैंड एक ऐसा देश जिसे क्रिकेट में हराना काफी मुश्किल माना जाता है. इनकी शानदार जीत की वजह वहां की पिचें और इनकी ज़बरदस्त तैयारी होती है. क्रिकेट के खेल में इंग्लैंड एक ऐसा देश है जिसे उसी के घर में हराना आसान नहीं है। इसी कारण इंग्लैंड का दौरा करने वाली हर टीम घुटने टेक कर वापस आती है।
भारतीय क्रिकेट के इतिहास में कई ऐसे महान कप्तान हुए हैं, जिन्होंने टीम इंडिया को बुलंदियों पर पहुंचाया। क्रिकेट के खेल में किसी टीम के लिए दौरा करते हुए मेजबान टीम को हराना बिलकुल आसान काम नहीं है।
आज हम आपको भारतीय क्रिकेट के उन कप्तानो के बारे में बताएँगे जिन्होंने इंग्लैंड की टीम को ज़बरदस्त शिकस्त दी.
कपिल देव
भारतीय क्रिकेट के इतिहास में कपिल देव एक ऐसा जाना माना नाम है, जिन्होंने क्रिकेट की एक नई दास्तां लिखी. कपिल देव की कप्तानी में भारत ने 1983 में पहली बार विश्व कप जीता था।
कपिल देव ने अपने समय में सफलता का नया स्तर तैयार किया। साल 1978 में भारतीय टीम का हिस्सा बने कपिल देव ने गेंद और बल्ले दोनों से बेहतरीन प्रदर्शन किया। टेस्ट और एकदिवसीय मैचो में कपिल देव ने केवल देश में ही नहीं बल्कि विदेश में भी कामयाबी के झंड़े गाड़े।
साल 1986 में भारतीय टीम इंग्लैंड के दौरे पर थी। वहाँ भारत ने तीन टेस्ट मैचों की सीरीज में शानदार प्रदर्शन किया और इंग्लैंड को उसी के घर में धूल चटा दी थी। इस टेस्ट सीरीज में इंग्लैंड की टीम भारत के खिलाफ एक भी टेस्ट मैच जीतने में नाकाम साबित हुई और भारत ने इस सीरीज को 2-0 से जीत लिया था। क्रिकेट के इतिहास में यह भारत की दूसरी टेस्ट सीरीज थी, जिसमें टीम ने जीत दर्ज की।
मोहम्मद अजहरुद्दीन
भारतीय क्रिकेट में यदि सबसे कलात्मक बल्लेबाज की बात की जाती है तो मोहम्मद अजहरुद्दीन का नाम सबसे पहले आता है। मोहम्मद अजहरुद्दीन को कलाई का जादूगर भी कहते थे और साथ ही अजहर क्रिकेट की दुनिया में सबसे सफल कप्तान भी माने जाते हैं। अजहर ने 1985 में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में एंट्री मारी थी.
तीन विश्व कप में भारत का नेतृत्व करने वाले और एक दौर में टीम को 90 जीत दिलाने वाले, वह सबसे सफल भारतीय वनडे कप्तान कहलाते थे. अजहर ने वर्ष 1990 से 1999 तक अपनी कप्तानी में 174 मैचों में भारत को 90 मैच में जीत दिलाई.
महेन्द्र सिंह धोनी
महेन्द्र सिंह धोनी ने कप्तानी की एक नई मिसाल हमेशा कायम की है. वह जितने अच्छे खिलाड़ी है उससे कही ज्यादा अच्छे कप्तान साबित हुए है.
इंग्लैंड के खिलाफ चौथे वनडे में नौ विकेट की शानदार जीत दर्ज करने के साथ ही पूर्व भारतीय कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन को पीछे छोड़कर देश के नंबर एक वनडे कप्तान बन गए.
धोनी ने तीसरा वनडे जीतकर एकदिवसीय क्रिकेट सर्वाधिक 90 मैच जीतने के भारतीय रिकार्ड की बराबरी की थी. धोनी ने 2007 से 2014 तक अपनी कप्तानी में 162 मैचों में भारत को 91 मैच में जीत दिला दी है।
धोनी इस सीरीज में लगातार तीसरी जीत दर्ज की और 5 मैचों की सीरीज पर कब्जा भी कर लिया। इसके साथ ही वह टेस्ट के बाद एकदिवसीय फार्मेट में भी देश के सफलतम कप्तान बन गए।
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