IND vs SA: भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच खेली जा रही 3 मैचों की टेस्ट शृंखला अब समाप्त हो गई है. दक्षिण अफ्रीका ने भारत को केपटाउन के न्यूलैंड्स मैदान पर 7 विकेटों से हराकर श्रृंखला 2-1 से अपने नाम कर ली है. इसी के साथ भारत का साउथ अफ्रीकी ज़मीन पर टेस्ट श्रृंखला जीतने का सपना एक बार फिर अधूरा रह गया है.
अब सवाल उठता है कि किन कारणों की वजह से टीम इंडिया इस सीरीज़ को जीतने में असफल रही है. तो आइये नज़र डालते हैं कुछ मुख्य कारण पर जिसकी वजह से एक बार फिर टीम इंडिया साउथ अफ्रीका में सीरीज़ जीतने में नाकाम रही है.
1) मिडल ऑर्डर का लगातार फ्लॉप होना
भारत की ये टेस्ट श्रृंखला हारने की मुख्य वजह रही है उनके मिडिल ऑर्डर का ना चल पाना. आपको बता दें कि, चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे टेस्ट में इंडियन टीम की बल्लेबाज़ी में एक बेहद ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.
इस श्रृंखला में इन दोनों बल्लेबाज़ों की औसत (Average) तकरीबन 25 के आसपास की रही है. जो इस बात को दर्शाता है कि टीम के दो बहुत अनुभवी बल्लेबाज़ कितनी खराब फॉर्म में चल रहे हैं. इसी के साथ पुजारा और रहाणे ने इस सीरीज़ में 6-6 इनिंग खेलने के बाद सिर्फ एक ही अर्धशतक जड़ा है.
मिडिल ऑर्डर का साउथ अफ्रीका में लगातार फ्लॉप होना भारत को बहुत महंगा पड़ा है. अगर ये दोनों बल्लेबाज़ अपनी फॉर्म में होते तो टीम इंडिया जोहानिसबर्ग समेत केपटाउन में भी साउथ अफ्रीका को ज़्यादा रनों का लक्ष्य देने में कामियाब रहती.
2) भारत द्वारा खराब फील्डिंग का प्रदर्शन
टीम इंडिया की ये सीरीज़ हारने की दूसरी सबसे बड़ी वजह उनकी खराब फील्डिंग रही. कई महत्वपूर्ण मौकों पर भारतीय फील्डर ने खराब फील्डिंग की है. गेंदबाज़ों की मेहनत को भारतीय टीम के क्षेत्ररक्षकों ने बखूबी ज़ाया किया है. आपको बता दें कि, टीम इंडिया से अधिकतर कैच विकेट के पीछे छूटे हैं. स्लिप में इस समय इंडिया के लिए विश्व के ज़बरदस्त फील्डरों में से एक विराट कोहली खड़े होते हैं, उसके बावजूद भी भारत विकेट के पीछे कैच पकड़ने में काफी बार नाकाम रही.
इसी के साथ चेतेश्वर पुजारा और सलामी बल्लेबाज़ केएल राहुल ने भी फील्डिंग करते समय काफी सुस्ती दिखाई. अगर केपटाउन टेस्ट की दूसरी पारी की बात करें तो, पुजारा ने साउथ अफ्रीकी बल्लेबाज़ कीगन पीटरसन का आसान सा कैच छोड़ दिया था. जिस समय पुजारा से कैच छूटा, उस समय दक्षिण अफ्रीका को जीत के लिए 86 रनों की दरकार थी.
वो कैच भारत को इतना महंगा पड़ा की पीटरसन ने उसके बाद 82 रनों की शानदार पारी खेली और टीम इंडिया को केपटाउन टेस्ट मैच से पूरी तरीके से बाहर कर दिया. इसके अलावा पहली पारी की बात करें तो, पहली पारी में भारतीय विकेटकीपर ऋषभ पंत ने टेम्बा बवुमा का एक बहुत ही एहम कैच छोड़ा था. जिसका नतीजा ये हुआ कि दक्षिण अफ्रीका पहली पारी में भारत के स्कोर के पास पहुंचने में सफल रही थी.
3) पांच गेंदबाज़ों के साथ मैदान पर उतरना
भारतीय टीम इस श्रृंखला में एक अलग टीम कॉम्बिनेशन के साथ खेलती हुई नज़र आई. टीम इंडिया इस सीरीज़ में केवल 6 बल्लेबाज़ों (विकेटकीपर बल्लेबाज़ समेत) और एक अतिरिक्त गेंदबाज़ के साथ खेलती हुई नज़र आई है. टीम इंडिया की ये स्ट्रेटेजी अफ्रीका में पूरी तरीके से फ्लॉप हो गई. हालांकि भारत ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड में भी इसी टीम कॉम्बिनेशन के साथ उतरा था और वहां सफलता भी प्राप्त हुई थी.
लेकिन उन दोनों जगहों पर स्पिन गेंदबाज़ी को बखूबी मदद मिल रही थी. लेकिन ऐसा साउथ अफ्रीका में नहीं हुआ, अफ्रीका में स्पिनर्स को इतनी मदद मिलती हुई नहीं दिखाई दी. ऐसे में भारतीय टीम रविचंद्रन आश्विन को ड्रॉप करके हनुमा विहारी को प्लेइंग-11 में शामिल कर सकती थी.
इससे टीम इंडिया को एक अतिरिक्त बल्लेबाज़ मिल जाता. साथ ही हनुमा विहारी स्पिन गेंदबाज़ी भी करते हैं, तो जितने ओवर आर अश्विन कर रहे थे उतने ओवर विहारी भी बखूबी कर सकते थे. हनुमा विहारी दक्षिण अफ्रीका में एक अच्छा विकल्प रहते.
4) गेंदबाज़ी में भारत को नहीं मिला लक का साथ
ऐसा माना जाता है कि पूरे विश्वभर में भारत के पास सबसे सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज़ी यूनिट है. जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी, मोहम्मद सिराज आदि की बदौलत भारतीय टीम में विदेश में जाकर भी अपनी अच्छी गेंदबाज़ी के दम पर कई टेस्ट मैच जीते हैं और सबको काफी प्रभावित भी किया है.
ऐसा ही कुछ करने की कोशिश भारतीय गेंदबाज़ों की दक्षिण अफ्रीका में भी थी. इसमें कोई दोहराय नहीं की भारीतय गेंदबाज़ों ने अफ्रीका के खिलाफ गेंदबाज़ी करते समय अपनी पूरी जान फूंक दी. टीम इंडिया के गेंदबाज़ लगातार साउथ अफ्रीकी बल्लेबाज़ों से अपनी गज़ब की गेंदबाज़ी से सवाल पूछते दिखाई दे रहे थे. इस बात को अफ्रीकी बल्लेबाज़ों ने भी बखूबी माना है कि टीम इंडिया का फ़ास्ट बॉलिंग यूनिट काफी चुनौतीपूर्ण है.
शानदार गेंदबाज़ी का प्रदर्शन करने के बाद भी टीम इंडिया को सही वक्त पर विकेट नहीं मिल पाई, लक भारतीय टीम के गेंदबाज़ों के साथ नहीं रहा. कई मौके श्रृंखला में ऐसे आए कि गेंद बल्ले के बेहद पास से निकली लेकिन बल्ला का किनारा लेने में असफल रही. ऐसे में अगर भारतीय टीम के गेंदबाज़ों के हित में थोड़ा भी लक होता तो शायद श्रृंखला का नतीजा कुछ और ही होता.
5) विराट कोहली का आउट ऑफ़ फॉर्म रहना पड़ा टीम इंडिया को भारी
विश्व के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज़ों में से एक विराट कोहली ने दुनिया के हर एक कोने में जाकर रनों की झड़ी लगाई है और भारत को अपने दम पर कई मुकाबले जितवाए हैं. लेकिन विराट पिछले कुछ समय से अपनी बेस्ट फॉर्म में नहीं चल रहे हैं. विराट को अफ्रीका में लगभग हर इनिंग में अच्छी शुरुआत मिली, लेकिन वह इसके बावजूद भी उसको बड़ी पारी में तब्दील करने में नाकाम रहे हैं.
इस श्रृंखला में कोहली ने सिर्फ एक अर्धशतक बनाया है. उन्होंने पिच पर खड़े होकर अपनी छोटी पारी को बड़ी पारी में तब्दील करने की बेहद मेहनत और मशक्कत की लेकिन ऐसा हो ना सका. ऐसे में अगर विराट कोहली अपनी कुछ समय पहली वाली फॉर्म में होते तो इस बात में कोई संदेह नहीं की टीम इंडिया जोहान्सबर्ग और केपटाउन टेस्ट मैच में दक्षिण अफ्रीका को और ज़्यादा रनों का लक्ष्य दे पाती.
जिसके चलते भारतीय गेंदबाज़ों के पास थोड़ा और समय रहता. उम्मीद करते हैं कि विराट का बल्ला जल्दी एक बार फिर बोलेगा, और वह एक बार फिर टीम इंडिया के लिए मैच विनर के रूप में निखर कर आएंगे.