IND vs SA: सेंचुरियन टेस्ट में भारतीय क्रिकेट टीम को शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा है। 5 दिन के लिए निर्धारित टेस्ट मैच सिर्फ 3 दिन के भीतर ही सिमट कर रह गया। गेंदबाजी और बल्लेबाजी दोनों ही खेमे से भारत को सिर्फ निराशा के अलावा कुछ हाथ नहीं लगा। टॉस हारने के बाद पहले बल्लेबाजी करते हुए टीम इंडिया ने पहली पारी में केएल राहुल के बूते 245 रन बनाये थे।
वहीं इसके जवाब में दक्षिण अफ्रीका ने 408 रन बनाये और 163 रनों की बढ़त भी हासिल की। लेकिन दूसरी पारी में इसका जवाब देते हुए भारतीय पारी बुरी तरह से लड़खड़ाई और सिर्फ 131 रन पर सिमट कर रह गई। नतीजतन मेजबानों ने पारी और 32 रनों से भारत को हार थमाई।
रबाडा के पंजे पर राहुल का शतक भारी
पहली पारी में ही भारत की लचर बल्लेबाजी की पोल खुल गई थी। रोहित शर्मा, यशस्वी जायसवाल और शुभमन गिल के रूप में भारत ने पहले 3 विकेटों को खोया। इसके बाद विराट कोहली और श्रेयस अय्यर ने बीच 68 रनों की साझेदारी हुई। 92 रन के संयुक्त स्कोर पर पहले श्रेयस अय्यर(31) आउट हुए तो अगले 15 रन के भीतर विराट कोहली(38) भी चलते बने। 107 के स्कोर पर भारत की आधी टीम पवेलियन लौट चुकी थी। इसके बाद केएल राहुल ने मोर्चा संभाला और एक ऐतिहासिक पारी खेली।
उन्होंने 137 गेंदों में 101 रन बनाये, सेंचुरियन में 2 टेस्ट जड़ने वाले केएल राहुल दूसरे बल्लेबाज बने। उनकी इस पारी के बूते भारत ने 245 रन का स्कोर खड़ा किया। दूसरी ओर कगीसो रबाडा ने इस पारी में 5 बल्लेबाज को आउट किया, उनके अलावा नान्द्रे बर्गर ने 3 तो मार्को यानसेन और जेराल्ड कोइट्जे को 1-1 विकेट हासिल किया।
डीन एल्गर और मार्को यान्सेन ने उड़ाई धज्जियां
245 रनों का जवाब देते दक्षिण अफ्रीका की शुरुआत तो कुछ खास नहीं हुई थी। एडन मारक्रम को मोहम्मद सिराज ने महज 5 रन के स्कोर पर चलता कर दिया था। लेकिन इसके बाद युवा टोनी डी जॉर्जी और डीन एल्गर के बीच 93 रन की साझेदारी हुई, जिसने टीम इंडिया को पूरी तरह से बैकफुट पर धकेल दिया। लगभग 2 सेशन तक भारतीय गेंदबाज विकेट के लिए तरसते हुए नजर आए। जिसका नतीजा ये रहा कि डीन एल्गर ने तीसरे दिन के पहले सेशन तक बल्लेबाजी करते हुए 185 रन की शानदार पारी खेली।
दूसरे छोर से उनका साथ निभाते हुए मार्को यानसेन ने भी 84 रन बनाये। इन दोनों बल्लेबाजों के तालमेल के चलते दक्षिण अफ्रीका ने 408 रन बनाये और 163 रन की बड़ी बढ़त हासिल की। इस पारी में जसप्रीत बुमराह के 4 विकेटों के अलावा मोहम्मद सिराज ने 2 तो प्रसिद्ध कृष्णा, रविचन्द्रन अश्विन और शार्दुल ठाकुर 1-1 विकेट ही हासिल कर पाए।
फ्लॉप हुआ भारत का टॉप ऑर्डर
163 रन की बढ़त का जवाब देने के लिए उतरी टीम इंडिया की एक बार फिर निराशाजनक शुरुआत हुई। कप्तान रोहित शर्मा बिना खाता खोले कगीसो रबाडा के हाथों क्लीन बोल्ड हो गए। तेज गेंदबाज ने उन्हें लगातार दूसरी पारी में आउट किया। इस बार रबाडा ने रोहित को गुड लेंथ की गेंद से ऑफ स्टंप पर क्लीन बोल्ड कर दिया।
इसके बाद नान्द्रे बर्गर ने यशस्वी जायसवाल(5) को चलता कर दिया। लगातार 2 विकेट के बाद विराट कोहली और शुभमन गिल के बीच साझेदारी पनप रही थी दोनों ही बल्लेबाज बड़ा स्कोर करने को देख रहे थे। लेकिन 14वें ओवर की आखिरी गेंद पर मार्को यान्सेन ने राउंड द विकेट आकर यॉर्कर फेंकी जिससे शुभमन गिल(26) का काम तमाम हो गया। कुछ इसी अंदाज में श्रेयस अय्यर(6) भी चलते बने।
तीसरे सेशन में अकेले पड़े विराट कोहली
लगातार विकेटों के पतन के बीच विराट कोहली एक छोर संभालकर खड़े रहे। लेकिन उन्हें दूसरी ओर से किसी भी बल्लेबाज का साथ नहीं मिला। पहली पारी के शतकवीर केएल राहुल इस बार 24 गेंदों में 4 रन बनाकर आउट हुए आलम ये रहा कि 96 के स्कोर पर भारत ने अपनी आधी टीम को गंवा दिया।
उनके बाद आए ऑल राउंडर रविचन्द्रन अश्विन और शार्दुल ठाकुर क्रमश: 0 और 2 रन ही बना पाए। विराट कोहली ने आखिरी गेंद तक लड़ाई लड़ी और 82 गेंदों में 76 रन बनाये। लेकिन ये उनका ये प्रयास भारत को जीत दिलाने के लिए काफी नहीं था। जिसका नतीजा ये हुआ कि दक्षिण अफ्रीका ने पारी और 32 रन से भारत को हार थमाई।
प्रसिद्ध कृष्णा को मौका देना पड़ा भारी
सेंचुरियन टेस्ट में भारत की गेंदबाजी बेहद साधारण रही। जहां भारतीय बल्लेबाज रन बनाने में संघर्ष कर रहे थे वहां मेजबानों ने 408 रन बना डाले थे। गेंदबाजी में भारत की सबसे कमजोर कड़ी प्रसिद्ध कृष्णा रहे उन्होंने 20 ओवर गेंदबाजी करते हुए सिर्फ 1 विकेट लिया और 93 रन खर्च कर दिए। ऐसे में मुकेश कुमार की जगह उनको मौका देना रोहित शर्मा की बड़ी गलती साबित हुई।
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