1 फैसला, 1 नो-बॉल और 1 रन OUT...,जब टीम इंडिया को पाकिस्तान से मिला कभी नहीं भूलने वाला जख्म
Published - 18 Jun 2022, 07:27 AM

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IND vs PAK Final: भारत और पाकिस्तान जब भी क्रिकेट के मैदान में आमने-सामने होते हैं तो ये मुकाबला सिर्फ गेंद और बल्ले का ही नहीं बल्कि फैंस का भी होता है। जब भी ये दोनों टीमें एक दूसरे के खिलाफ खेलती है तो रोमांच अपने चरम पर होता है, जिसके चलते खेल में भी जंग जैसा माहौल बन जाता है।
भारत-पाकिस्तान (IND vs PAK Final) के करोड़ों क्रिकेट दीवाने मुकाबले की एक-एक गतिविधि पर बारीकी से नजर बनाए रहते हैं और अगर भिड़ंत किसी आईसीसी टूर्नामेंट के फाइनल में हो तो बात ही अलग है। आज से 5 साल पहले यानी 18 जून 2017 को भारत और पाकिस्तान के बीच चैंपियंस ट्रॉफी का फाइनल खेला गया था, जिसमें पाकिस्तान ने भारत को करारी हार थमाई थी।
विराट कोहली ने टॉस के वक्त लिया गलत फ़ैसला
टीम इंडिया की इस मैच में हार की सबसे बड़ी वजह तत्कालीन कप्तान विराट कोहली का फैसला रहा था। IND vs PAK Final मुकाबले में उन्होंने टॉस जीतने के बाद पहले गेंदबाजी करने का निर्णय किया था। जबकि इससे पहले उन्होंने पाकिस्तान को पहले बल्लेबाजी करते हुए मात दी थी। ये फैसला फाइनल के दिन भारत के पक्ष में नहीं गया क्योंकि पाकिस्तान ने फखर जमान ने शतक जड़कर अपनी टीम को सिर्फ 4 विकेट के नुकसान पर 338 रनों पर पहुंचा दिया था।
जसप्रीत बुमराह की नो-बॉल पड़ी भारी
इसी बीच भारतीय तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह से भी बहुत बड़ी गलती हो गई थी। दरअसल बुमराह ने पारी की शुरुआत में फखर को कैच आउट करवा दिया था। लेकिन ये गेंद नो-बॉल करार दी गई थी। इसके बाद पाकिस्तान के किसी भी बल्लेबाजी ने रुकने का नाम नहीं लिया और भारतीय गेंदबाजों की हंवाइयां उड़ा दी।
पहले विकेट के लिए फखर और अजहर अली की सलामी जोड़ी ने मिलकर 128 रन जोड़े। बाबर आजम और मोहम्मद हफीज ने भी यहां योगदान दिए। जिसके चलते पाकिस्तान ने भारत को 339 रनों का विशालकाय लक्ष्य दिया था।
मोहम्मद आमिर ने भारतीय बल्लेबाजी को किया तहस-नहस
IND vs PAK Final में इतना बड़ा लक्ष्य किसी भी टीम के लिए मुश्किल होने वाला था और पाकिस्तान तेज गेंदबाजों के अटैक के सामने ये लक्ष्य नामुमकिन सा नजर आने लगा था। लेकिन इस बीच भारत को शानदार फॉर्म में चल रहे अपने बल्लेबाजों पर भरोसा था, लेकिन टीम इंडिया की गलत फहमी को दूर करने में तूफ़ानी गेंदबाज मोहम्मद आमिर ने बड़ी भूमिका निभाई। उन्होंने भारत के टॉप-3 बल्लेबाज रोहित शर्मा, शिखर धवन और विराट कोहली को पवेलियन की राह दिखाई।
हार्दिक पांड्या के रन आउट से टूटी भारत की उम्मीदें
इसके बाद भारतीय बल्लेबाजी ताश के पत्तों की तरह बिखरने लगी। युवराज सिंह, केदार जाधव और महेंद्र सिंह धोनी भी कुछ कमाल नहीं कर सके। ऐसे में रवींद्र जडेजा और हार्दिक पांड्या ने लड़ने का जज्बा दिखाया, दोनों बल्लेबाजों ने पलटवार करना शुरू किया। जिसमें से आक्रमक अंदाज में हार्दिक ने बल्लेबाजी की, उन्होंने 43 गेंद पर 4 चौके, 6 छक्के लगाते हुए 76 रन की पारी खेली।
लेकिन जडेजा के साथ तालमेल में गड़बड़ होने के चलते वे रनआउट हो गए। जिसके बाद टीम इंडिया मैच में पूरी तरह से बाहर हो गई और 30.3 ओवर में सिर्फ 158 रनों पर सिमट गई। पाकिस्तान ने 180 रनों के बड़े मार्जिन से फाइनल मुकाबला अपने नाम किया। ये पाकिस्तान की आईसीसी वनडे टूर्नामेंट में 1992 विश्वकप के बाद दूसरी जीत थी।