भारत में 14 मार्च से इंडियन प्रीमियर लीग 2025 (IPL 2025) की शुरुआत होने जा रही है. इस टूर्नामेंट के जरिए टीम इंडिया से बाहर चल रहे भारतीय प्लेयर्स के पास सुनहरा मौका होता है कि परफॉर्म कर भारतीय टीम का दरवाजा खटखटा सके. ऐसे में आईपीएल के इस 18वें सीजन में भारत के 3 इन खिलाड़ियों की नजर वापसी पर होगी. अगर, आईपीएल में फ्लॉप साबित होते हैं तो भविष्य में भारत की जर्सी में खेल पाने का सपना टूट सकता है. आइए जानते हैं उन 3 प्लेयर्स के बारे में...
1. उमरान मलिक
प्रीमियर लीग 2025 (IPL 2025) में अपनी रफ्तार से कहर भरपाने वाले 25 वर्षीय उमरान मलिक लंबे समय से लंबे समय से भारतीय टीम का हिस्सा नहीं है. उन्हें खराब बॉलिंग के चलते बाहर का रास्ता दिखा दिया गया. हालांकि उमरान ने अपनी लाइनलेंथ पर काफी काफी किया है. बता दें कि उन्होंने अपना आखिरी इंटरनेशनल मुकाबला जुलाई में वेस्टइंडीज के खिलाफ खेला था. आईपीएल 2025 में उमरान मलिक कोलकाता नाइट राइजर्स की टीम का हिस्सा बने हैं. इस दौरान उनकी पूरी कोशिश रहेगी कि शानदार प्रदर्शन कर भारतीय टीम में वापसी की जाए. उन्होंने भारत के लिए 10 वनडे और 8 टी20 मैच खेले हैं. जिसमें 13 और 11 विकेट अपने नाम करने में सफल रहे.
2. देवदत्त पडिक्कल
टीम इंडिया के बाएं हाथ के विस्फोटक बल्लेबाज देवदत्त पडिक्कल का घरेलू क्रिकेट करियर शानदार रहा है. फर्स्ट क्लास और आईपीएल में भी ठीक ठाक आकंड़े हैं. लेकिन, इंटरनेशनल क्रिकेट में अपनी छाप नहीं छोड़ पाए. उन्हें इस साल जनवरी में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट में डेब्यू करने का मौका मिला था. इस दौरान पडिक्कल ने 2 टेस्ट मैच खेले. जिनकी 3 पारियों में 30 की औसत से सिर्फ 90 रन ही बना सके. अगर देवदत्त पडिक्कल दोबारा भारतीय टीम जगह बनाना चाहते हैं तो उन्होंने IPL 2025 में अच्छा प्रदर्शन करना होगा. तभी उनके लिए वापसी के दरवाजे खुल पाएंगे.
3. दीपक हुड्डा
इस लिस्ट में तीसरा और आखिरी नाम ऑल राउंडर दीपक हुड्डा का है जो लंबे समय से टीम इंडिया में वापसी की राह देख रहे हैं. लेकिन, उसमें सफल नहीं हो पाए हैं. उसके पीछे उनका निराशाजनक प्रदर्शन रहा है. सैयद मुश्कात अली ट्रॉफी और अब विजय हजारे ट्रॉफी के शुरुआत 2 मैचों में फ्लॉप साबित रहे हैं. हालांकि IPL 2025 से पहले उन्हें चेन्नई सुपर किंग्स ने 1.70 करोड़ में खरीद लिया है. ऐसे में उनके पास अपने आप को साबित करने का सुनहरा मौका होगा. इस बड़े टूर्नामेंट में भी फेल साबित होते हैं तो उनका भविष्य भारतीय जर्सी में खेला पाना मुश्किल हो सकता है.