टेस्ट मैच से नहीं खत्म होगा टॉस, आईसीसी की क्रिकेट समिति ने लगाई मुहर

Published - 30 May 2018, 04:32 AM

खिलाड़ी

अनिल कुंबले की अगुवाई वाली आईसीसी की क्रिकेट समिति ने खेल के पारपंरिक प्रारूप से टॉस हटाने के खिलाफ फैसला करते हुए इसे खेल का अभिन्न हिस्साकरार किया जिससे, टेस्ट मैच में खेल से पहले बल्लेबाजी और फील्डिंग तय करने के लिए आगे भी सिक्के से फैसला हेागा.

पूर्व भारतीय कप्तान की अगुवाई में समिति ने खिलाड़ियों के व्यवहार के संबंध में सिफारिशें की और विश्व क्रिकेट संचालन संस्था से कड़े कदम उठाने तथा खिलाड़ियों और प्रतिस्पर्धी टीम के बीच ‘सम्मान की संस्कृति’ को बरकरार रखने की वकालत की. इसने गेंद से छेड़छाड़ में शामिल होने के लिए कड़ी सजा की भी बात कही.

दरअसल, अब आईसीसी टेस्ट क्रिकेट से टॉस की परंपरा को खत्म नहीं करेगा. इसका फैसला अनिल कुंबले की अगुवाई वाली समिति ने किया. समिति ने टॉस को टेस्ट क्रिकेट का अभिन्न हिस्सा बताया है. इस दौरान इस बात को लेकर भी चर्चा हुई कि क्या टेस्ट मैच में घरेलू पिचों में मिलने वाले फायदा को देखते हुए टॉस को खत्म करना सही है. हालांकि बाद में समिति ने इसे खेल का अभिन्न हिस्सा माना और इसे खत्म करने पर रोक लगा दिया है.

मैदान के अंदर खिलाड़ियों को छोटी सी गलती भारी पड़ सकती है. मुंबई में हुई आईसीसी समिति की बैठक में कई नए नियमों में बदलाव के लिए सुझाव दिए गए हैं. समित ने गेंद से छेड़छाड़ करने पर प्रतिबंध की समय-सीमा बढ़ने को लेकर सुझाए दिए हैं.

वहीं मैदान के अंदर व्यक्तिगत टिप्पणी करना,गाली देना या फिर अपशब्द का प्रयोग करना खिलाड़ियों को भारी पड़ सकता है. अनिल कुंबले की अगुवाई वाली समिति ने कहा कि आईसीसी आचार-सहिंता में कई बदलाव के लिए सुझाव दिए गए हैं. इस दौरान कुंबले ने कहा कि,

'हमने खिलाड़ियों के बर्ताव को लेकर काफी अच्छी चर्चा की. डेविड बून और माइक गैटिंग का हमसे जुड़ने और चर्चा करने में अहम योगदान रहा है. इसलिए शुक्रिया करना चाहता हूं.'

बता दें कि टॉस को टेस्ट क्रिकेट से हटाया जाना एक विवादास्पद मुद्दा बन गया था, क्योंकि ज्यादातर पूर्व खिलाड़ियों और हिस्सेदारों ने इसे नकारात्मक कदम बताया था. अंतिम दो दिन में ज्यादातर समय खिलाड़ियों के बुरे बर्ताव पर चर्चा करने में निकला जिससे खेल पिछले कुछ समय से जूझ रहा है जबकि गेंद से छेड़छाड़ का मुद्दा भी अहम रहा.

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