हर साल सैंकड़ों युवा खिलाड़ी अपनी-अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करते हुए देश का प्रतिनिधित्व करते हैं। इनमें से कुछ तो बहुत ही अच्छा प्रदर्शन कर टीम के नाम रोशन करते हैं। इन्हीं प्रतिभाशाली क्रिकेटरों को और प्रोत्साहित करने के लिए इमर्जिंग प्लेयर अवार्ड से सम्मानित किया जाता है। एक कैलेंडर सीजन में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले युवा होनहार क्रिकेटर को ICC इमर्जिंग प्लेयर अवार्ड से सम्मानित किया जाता है।
2004 में शुरू हुए इस पुरस्कार के पहले विजेता भारतीय आलराउंडर खिलाड़ी इरफ़ान पठान थे। इसके बाद कई और प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को यह पुरस्कार मिल चुका है। इसके उलट आज हम ऐसे खिलाड़ियों की बात करेंगे जिन्होंने इमर्जिंग प्लेयर का ख़िताब तो जीता, लेकिन अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वो ज्यादा सफलता नहीं हासिल कर सके।
ये पांच ICC इमर्जिंग प्लेयर हैं इस लिस्ट में
1. शॉन टैट (Shaun Tait, 2007)
पूर्व ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज ने जिस तरह से अपने करियर की शुरुआत की थी, सभी को लगा कि वो क्रिकेट के दिग्गजों में शुमार हो जाएंगे। संन्यास से पहले इस तेज गेंदबाज ने अपने देश के लिए सिर्फ 3 टेस्ट, 35 एकदिवसीय और 21 T20 ही खेले थे। 2007 विश्व कप में वह ऑस्ट्रेलिया के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज थे, लेकिन उसके बाद उन्हें सफलता नहीं मिली।
2007 विश्व कप में अच्छे प्रदर्शन की वजह से ही उन्हें इमर्जिंग प्लेयर का ख़िताब मिला था। 25 साल की उम्र में उन्होंने फैसला किया कि वह प्रथम श्रेणी क्रिकेट नहीं खेलेंगे. बीबीएल में कुछ अच्छे प्रदर्शनों को छोड़कर, टैट को फिर कभी बड़ी लीग में नहीं देखा गया।
2. अजंता मेंडिस (Ajantha Mendis, 2008)
श्रीलंका के पूर्व स्पिन गेंदबाज अजंता मेंडिस को जादुई स्पिनर कहा जाता था। वो एक समय बेहद घातक स्पिनरों में से एक थे। एशिया कप 2008 फाइनल में भारतीय लाइन अप की धज्जियां उड़ाने के बाद अजंता ने सुर्खियां बटोरी थीं। जिसके बाद उन्हें ICC इमर्जिंग प्लेयर का अवार्ड मिला था।
लेकिन, जल्द ही इस खिलाड़ी ने अपनी लय खो दी। मुरलीधरन के साथ कुछ वर्षों तक खेलने के बाद यह खिलाड़ी भी अपनी मिस्ट्री गेंदबाजी को भूल गया और प्लेइंग इलेवन से ही बाहर हो गया। मेंडिस ने 2019 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया है।
3. स्टीवन फिन (Steven Finn, 2010)
2010 में हुए एशेज सीरीज में बेहतरीन प्रदर्शन करने पर इंग्लैंड के पूर्व तेज गेंदबाज स्टीवन फिन को 2010 में ही ICC इमर्जिंग प्लेयर का अवार्ड मिला था। उस समय उन्होंने अपनी तेज गेंदबाजी से सभी को बहुत ही प्रभावित किया था।
करियर की ऊचाईयों में पहुंचते ही उन्होंने अपनी गेंदबाजी शैली में बदलाव करने की सोची और पूरी तरह से नाकाम रहे। उनके गेंदबाजी आंकड़े तो अच्छे रहे, लेकिन फिर भी वो सिर्फ 36 टेस्ट, 69 वनडे और 21 टी20 मैच ही खेल सके। फिन ने अपना अंतिम अंतरर्राष्ट्रीय मैच 2017 में खेला था।
4. देवेन्द्र बिशू (Devendra Bishoo, 2011)
वेस्टइंडीज के स्पिन गेंदबाज देवेंद्र बिशू घरेलू मैचों में शानदार प्रदर्शन के बाद सुर्ख़ियों में आए थे। जिसके बाद 2011 में उन्हें टीम की तरफ से विश्व कप में अंतरराष्ट्रीय पदार्पण का मौका मिल गया। उन्होंने पहले कुछ मैचों में भी अच्छा प्रदर्शन किया, जिसके कारण उन्हें ICC इमर्जिंग प्लेयर का अवार्ड मिला।
हालांकि एक पारंपरिक लेग स्पिनर होने से उन पर प्रदर्शन करने का भारी दबाव था। वो ऐसे स्पिन गेंदबाज थे जिसकी तलाश वेस्टइंडीज टीम को काफी सालों से थी। लेकिन, कुछ समय बाद वो चोटिल हो गए, जिसका असर उनके प्रदर्शन पर भी पड़ा। बिशू ने अपना अंतिम अंतरराष्ट्रीय मैच 2019 में खेला था।
5. गैरी बैलेंस (Gary Ballance, 2014)
2013 में अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत करने वाले इंग्लैंड के दाएं हाथ के मध्यक्रम के बल्लेबाज गैरी बैलेंस को 2014 में ICC इमर्जिंग प्लेयर का अवार्ड मिला था। लेकिन, जल्द ही वो बल्ले से अच्छा प्रदर्शन करने में कामयाब नहीं हो सके थे। वैसे अपने शुरुआती मैचों में उन्होंने बेहतरीन शतक जरूर जड़े।
जल्दी ही फ्लॉप होने के बाद से उन्हें टीम में जगह मिलनी ही बंद हो गई। गैरी ने टीम के लिए सिर्फ 23 टेस्ट और 16 ही एकदिवसीय मैच खेले हैं। अब तो नए खिलाड़ियों के आने और मैच जिताऊ प्रदर्शन करने से उनका टीम में वापसी करना मुश्किल ही है।