कहते है अगर व्यक्ति कुछ ठान ले तो उसे अपने लक्ष्य को प्राप्त करने से दुनिया की कोई ताकत नहीं रोक सकती है। एक खिलाड़ी के जीवन में ऐसे कई मौके आते है जब नतीजे उसके पक्ष में नहीं जाते और विरोधियों को सिर पर चढ़ने का मौका मिल जाता है। कुछ ऐसा ही टीम इंडिया के दिग्गज ऑल राउंडर हार्दिक पांड्या (Hardik Pandya) के साथ हुआ था,
अब उन्होंने दमदार वापसी करते ही अपने आलोचकों को करारा जवाब दिया है। आगामी भारत के आयरलैंड दौरे पर हार्दिक पांड्या (Hardik Pandya) को टीम की कप्तानी सौंपी गई है, ये पहला मौका है जब वो इंटरनेशनल स्तर पर कप्तानी करेंगे। आइए जानते हैं हार्दिक पांड्या का अर्श से फर्श तक का सफर कैसा रहा है,
T20 WC में चयन को लेकर उठे सवाल
बीते कुछ महीनों में हार्दिक पांड्या (Hardik Pandya) ने अपने करियर के लिहाज से उतार चढ़ाव भरे दिन देखे हैं, विश्वकप 2021 भारतीय टीम के लिए एक डरावने सपने की गुजरा, इस टूर्नामेंट में बुरी गर्त का सारा जिम्मा हार्दिक पांड्या के कंधों पर डाल दिया गया। हार्दिक इस दौरान अपनी खराब फिटनेस से जूझ रहे थे।
जिसके चलते उनके चयन को लेकर आलोचकों ने बीसीसीआई को भी खूब धुत्कारा, एक ऑल राउंडर के लिहाज से टीम का हिस्सा बनने वाले हार्दिक इस पूरे टूर्नामेंट में सिर्फ आखिरी मैच में गेंदबाजी करते हुए नजर आए थे। खबर थी कि इस दौरान वे पीठ में इंजेक्शन और दर्द निवारक गोलियां लेकर मैदान पर उतरते थे।
जब लगा खत्म हो गया Hardik Pandya का करियर
विश्वकप खत्म होने के बाद से हार्दिक पांड्या (Hardik Pandya) क्रिकेट से 6 महीनों के लंबे ब्रेक पर चले गए। इस दौरान भारतीय टीम ने न्यूज़ीलैंड, दक्षिण अफ्रीका, वेस्टइंडीज और श्रीलंका के साथ टी20 सीरीज खेली। इन सीरीज में टीम इंडिया ने हार्दिक पांड्या का विकल्प भी तलाश करना शुरू कर दिया था।
जिसमे सबसे आगे नाम वेंकटेश अय्यर का रहा, अय्यर ने गेंद और बल्ले से अच्छा प्रदर्शन कर दिखाया तो सबको लगा कि अब हार्दिक पांड्या का नैशनल टीम से पत्ता कट चुका है, लेकिन हार्दिक क्रिकेट के मैदान से दूर थे और वापसी करने का जज्बा लिए वे घटों पसीना बहा रहे थे।
गुजरात टाइटंस को पहले ही सीजन में बना दिया चैंपियन
आखिरकार आईपीएल 2022 में हार्दिक पांड्या (Hardik Pandya) को अपनी तैयारी दुनिया के सामने दिखाने का मौका मिला। एक नई नवेली टीम के साथ पहली बार इतने बड़े मंच पर कप्तानी कर रहे इस खिलाड़ी को शुरुआत में सभी ने नकार दिया था, साथ ही टीम पर हजार प्रकार की तोहमतें गढ़ी गई, लेकिन इन सबके बावजूद अपने ऊपर पूरा विश्वास जताते हुए हार्दिक ने भारतीय लीग के इतिहास में वो कारनामा कर दिखाया जो दिग्गजों के बसकी भी नहीं था।
उन्होंने पहले सीजन में ही गुजरात टाइटंस को खिताबी जीत दिलाई। वे सबसे कम मैचों में कप्तानी कर ट्रॉफी जीतने वाले दूसरे कप्तान बने। इसी कौशल के मद्देनजर हार्दिक पांड्या (Hardik Pandya) को अब टीम इंडिया की भी कप्तानी सौंपी गई है। देखना दिलचस्प होगा कि इंटरनेशनल लेवल पर वे अपनी कप्तानी से कैसी छाप छोड़ते हैं।