भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या (Hardik Pandya) आज दुनियाभर में अपने खेल के लिए मशहूर हो चुके हैं। उनके पास नेम और फेम दोनों है और सीमित ओवर टीम का अहम हिस्सा हैं। मगर क्या आप जानते हैं कि हार्दिक के करियर के शुरुआती दौर में एक वक्त ऐसा आया था, जब पांड्या का करियर मानो डूब रहा था, लेकिन तब उन्हें उनकी किस्मत का सहारा मिला था।
Hardik Pandya ने 2015 में किया था डेब्यू
भारत के स्टार तेज गेंदबाजी ऑलराउंडर खिलाड़ी हार्दिक पांड्या (Hardik Pandya) आज विश्व के सीमित ओवर क्रिकेट के सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडर खिलाड़ियों में से एक हैं। हार्दिक ने 2015 आईपीएल सीजन में मुंबई इंडियंस से खेलते हुए डेब्यू किया था।
डेब्यू सीजन में हार्दिक ने 9 मैच में खेलने का मौका मिला था, जिसमें उन्होंने 180.64 के औसत से 112 रन बनाए थे और 1 विकेट भी चटकाया था। इतना ही नहीं इसके बाद उन्होंने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी खेली थी, जिसमें वह सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज बने थे। बता दें, हार्दिक को मुंबई के स्कॉट टैलेंट जॉन राइट ने खोजा था और आईपीएल 2015 में मौका दिया था। वह तब से आज तक मुंबई का हिस्सा हैं।
हार्दिक के करियर में आया खराब पैज
अभी हार्दिक पांड्या का करियर शुरु ही हुआ था, कि उनके करियर का खराब पैज भी शुरु हो गया। दरअसल, आईपीएल 2016 में पांड्या 11 मैचों में सिर्फ 44 रन ही बना सके और 3 विकेट चटकाए। इस फ्लॉप प्रदर्शन के बाद उस वक्त तो ऐसा लग रहा था कि Hardik Pandya का करियर पता नहीं किस ओर जाएगा।
लेकिन हार्दिक पांड्या पर मुंबई इंडियंस के टीम मैनेजमेंट और कप्तान रोहित शर्मा ने भरोसा बरकरार रखा। इस भरोसे ने हार्दिक को अगले सीजन में फॉर्म में आने में काफी मदद की और आज परिणाम आपके सामने है कि Hardik स्टार हैं।
हार्दिक को मिला किस्मत का साथ
आईपीएल 2016 के एक खराब सीजन के बाद भारतीय क्रिकेट टीम, वेस्टइंडीज के साथ अमेरिका में T20I सीरीज खेलने गए थे। सीरीज के पहले ही मैच में एक ऑलराउंडर का करियर खत्म हुआ था, जिसका नाम स्टुअर्ट बिन्नी था। जी हां, ईविन लुईस ने बिन्नी के ओवर की 5 गेंदों पर लगातार छक्के लगाए थे।
जिसके बाद भारतीय चयनकर्ताओं ने 2016 में हार्दिक पांड्या (Hardik Pandya) को स्क्वाड का हिस्सा बनाया और यहीं से बदली हार्दिक की किस्मत। इसलिए अब ये कहना गलत नहीं होगा कि हार्दिक की किस्तम बुलंद थी, तभी तो चयनकर्ताओं ने उनके खराब आईपीएल सीजन को भुला कर उन्हें टीम में मौका दिया। तब से फिर तो हार्दिक ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और वह तीनों फॉर्मेट्स में डेब्यू करने में सफल रहे और अब वह भारत की सीमित ओवर टीम का अभिन्न हिस्सा बन चुके हैं।