भारतीय क्रिकेट में हमेशा से ही बेहतरीन खिलाड़ियों ने प्रदर्शन किया है. जब से भारतीय टीम ने क्रिकेट की दुनिया में पदार्पण किया है तब से कई खिलाड़ियों ने ना सिर्फ अपना नाम बड़ा बनाया है बल्कि टीम का नाम भी रोशन किया है. इन्हीं खिलाड़ियों के खेल से टीम ने सभी देशों के खिलाफ जीत दर्ज की है. भारतीय टीम में जीतने बल्लेबाजों और गेंदबाजों ने जीतना अच्छा खेल दिखाया है.
उतना ही नाम देश के लिए हरफनमौला खिलाड़ियों ने भी कमाया है. अब चाहे वो पूर्व भारतीय कप्तान कपिल देव (Kapil Dev) हों या फिर वर्तमान समय में रविन्द्र जडेजा (Ravindra Jadeja) और हार्दिक पांड्या (Hardik Pandya) ही क्यों ना हों. इन गिने-चुने नामों के अलावा भी भारतीय टीम में और नाम शामिल हो सकते थे. लेकिन, कभी-कभी ऐसा लगता की चयनकर्ताओं ने जितना मौका जडेजा और पांड्या को दिया है उतना ही अगर इस खिलाड़ी को भी दिया होता तो आज एक और आलराउंडर टीम को मिल जाता.
गेंदबाजी आलराउंडर है यह खिलाड़ी
हिमांचल प्रदेश की तरफ से प्रथम श्रेणी और लिस्ट ए क्रिकेट खेलने वाला एक खिलाड़ी है. जो वैसे तो मुख्यतः मध्यम गति तेज गेंदबाजी करते हैं, लेकिन टीम के लिए वो बहुत ही बेहतरीन बल्लेबाजी भी करते हैं. हिमांचल के मंडी जिले में रहने वाले इस गेंदबाजी आलराउंडर खिलाड़ी का नाम है ऋषि धवन (Rishi Dhawan).
धवन ने ना सिर्फ रणजी बल्कि लिस्ट ए में मैचों में खुद के प्रदर्शन से टीम को कई बार जीत दिलाई है. यहाँ तक कि 2018-19 के रणजी ट्रॉफी में ऋषि धवन ने हिमांचल टीम की तरफ से छह अर्धशतकों के साथ ही सबसे ज्यादा 519 रन बनाए थे. यही नहीं धवन ने 18 विकेट भी लिए थे. धवन ने बल्लेबाजी करते हुए टीम के लिए सबसे ज्यादा 70 चौके लगाए थे. वो Hardik Pandya की तरह ही बेहतरीन आलराउंडर खिलाड़ी हैं.
2019-20 के रणजी ट्रॉफी में भी मचाया था धमाल
हिमांचल टीम के लिए घरेलू क्रिकेट खेलने वाले ऋषि धवन (Rishi Dhawan) ने साल दर साल खुद को बेहतर से बेहतरीन बनने की ओर अग्रसर किया है. 2018-19 के रणजी मैचों में टीम के लिए उम्दा प्रदर्शन करने वाले धवन ने 2019-20 के रणजी ट्रॉफी में भी गेंद और बैट दोनों से धमाल मचाया था. इस सत्र में ऋषि ने सिर्फ छह मैचों की दस पारियों में ही 40 चौकों और 3 अर्धशतक के साथ 301 रन बनाए थे.
जिसमें उनका उच्चतम स्कोर 93 रन का रहा. यही नहीं उन्होंने 2.94 की इकॉनमी के साथ दूसरे नंबर पर सबसे ज्यादा टीम के लिए 24 विकेट झटके थे. धवन ने अपने करियर में सिर्फ 79 प्रथम श्रेणी मैचों में 4 शतक और 30 अर्धशतक के साथ ही 3702 रन बनाए हैं और 2.91 की इकॉनमी दर से 308 विकेट भी झटके हैं.
मिल सकता था Hardik Pandya से बेहतर आलराउंडर
17 जून 2016 को ऑस्ट्रेलिया के लिए एकदिवसीय मैच में पदार्पण कर नाबाद रहने वाले ऋषि धवन (Rishi Dhawan) ने भारतीय टीम के लिए कुल 3 मैच खेले हैं. यही नहीं उन्होंने 1 टी20 मैच भी खेला है. वैसे उन्हें जो चार मैच खेलने के लिए मिले वो पूरी तरह से नाकाफी थे. क्योंकि सिर्फ चार मैचों से ही किसी भी खिलाड़ी को ना तो खुद को साबित करने का मौका मिल पाता है और ना ही खुद के खेल को सुधार ही पाएगा. अपने इकलौते टी20 मैच में 1 विकेट लेने के साथ ही पवेलियन भी नाबाद लौटे थे.
उनको भारतीय टीम के लिए मैच खेलने को और भी मौके मिलने चाहिए थे. टीम ने अगर उनको मौके दिए होते तो एक और भरोसेमंद के साथ ही प्रतिभाशाली आलराउंडर खिलाड़ी टीम की सेवा कर रहा होता. सच है कि वर्तमान के अन्य आलराउंडर खिलाड़ियों की तरह ही अगर ऋषि धवन पर भी चयनकर्ताओं ने ध्यान दिया होता तो वो हार्दिक पांड्या (Hardik Pandya))और रविन्द्र जडेजा की तरह ही उम्दा प्रदर्शन कर जीत दिलवा सकते थे. या अभी भी दिलवा सकते हैं.