टीम इंडिया के स्टार ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह (Harbhajan Singh) लम्बे समय से क्रिकेट से दूर चल रहे थे और अब उन्होंने आखिरकार 41 साल के उम्र में सभी तरह के क्रिकेट को अलविदा कह दिया. उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट पर एक सन्देश लिख इस बात की जानकारी दी.
उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा- सभी अच्छी चीजें खत्म हो जाती हैं और आज मैं उस खेल से विदा ले रहा हूं जिसने मुझे जीवन में सब कुछ दिया है, मैं उन सभी को धन्यवाद देना चाहता हूं जिन्होंने इस 23 साल की लंबी यात्रा को सुंदर और यादगार बनाया.
भज्जी ने अपने 23 साल के शानदार क्रिकेट करियर में भारतीय टीम के लिए कई सारे मैच जिताऊ प्रदर्शन किये. भज्जी टेस्ट क्रिकेट में अनिल कुंबले (Anil Kumble), कपिल देव (Kapil Dev) और रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) के बाद चौथे सबसे सफल भारतीय गेंदबाज हैं. इन सबके अलावा हरभजन (Harbhajan Singh) 2007 टी20 वर्ल्ड कप और 2011 वर्ल्ड कप विनिंग टीम इंडिया का हिसा भी रह चुके है. आज के इस आर्टिकल में हम आपको भज्जी के उन 5 प्रदर्शन के बारे में बताएँगे, जब उन्होंने अपने गेंदबाजी के दम पर भारतीय टीम को एक शानदार जीत दिलाई.
Harbhajan Singh के 5 सबसे शानदार प्रदर्शन
कोलकाता टेस्ट 2001 बनाम ऑस्ट्रेलिया
15 मार्च 2001 को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले गए टेस्ट मैच को वीवीएस लक्ष्मण (VVS Laxman) के 281 रन , राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) के साथ उनकी साझेदारी और हरभजन सिंह (Harbhajan Singh) के हैट्रिक को लेकर याद किया जाता है. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ फॉलोऑन में खेलने के बाद भारत ने यह टेस्ट 171 रनों से जीतकर ऑस्ट्रेलिया के लगातार 16 टेस्ट जीत के रिकॉर्ड को तोड़ा था. ऑस्ट्रेलिया ने 2001 के भारत दौरे पर पहले टेस्ट में मुंबई में भारत को हराते हुए लगातार 16वीं टेस्ट जीत दर्ज की थी. कोलकाता में दूसरे टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में 445 रनों का मजबूत स्कोर खड़ा किया.
स्टीव वॉ (Steve Waugh) ने 110 रनों की कप्तानी पारी खेली जबकि मैथ्यू हेडन (Mathew Hayden) ने 97 रन बनाए. हरभजन सिंह (Harbhajan Singh) इस दौरान टेस्ट क्रिकेट में हैट्रिक लेने वाले भारत के पहले गेंदबाज बने. उन्होंने रिकी पोंटिंग (6), एडम गिलक्रिस्ट (0) और शेन वॉर्न (0) को आउट कर हैट्रिक बनाई. उन्होंने 123 रनों पर 7 विकेट लिए. इसके जवाब में भारत की पहली पारी 171 पर सिमट गई. फॉलोऑन खेलने उतरी भारतीय टीम ने लक्ष्मण के 281, राहुल द्रविड़ के 180 और उन दोनों के बीच पांचवें विकेट के लिए हुई 376 रनों की साझेदारी के दम पर दूसरी पारी 7 विकेट पर 657 रन बनाकर घोषित कर दी.
इस तरह भारत ने ऑस्ट्रेलिया के सामने जीत के लिए दो सत्रों से थोड़े ज्यादा समय में 384 रनों का असंभव सा टारगेट रखा. हरभजन सिंह (Harbhajan Singh) की अगुवाई में भारत के गेंदबाजों ने शानदार प्रदर्शन कर ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी को 68.3 ओवरों में 212 रनों पर समेटते हुए अपनी टीम को सबसे यादगार जीत दिलाई. हरभजन ने दूसरी पारी में 73 रनों पर 6 विकेट लिए. भज्जी ने इस मैच में कुल 13 विकेट लेते हुए लक्ष्मण और द्रविड़ के साथ टीम की जीत में अहम भूमिका निभाई.
2. चेन्नई टेस्ट 2001 बनाम ऑस्ट्रेलिया
कोलकाता टेस्ट में शानदार जीत हासिल कर आत्मविश्वास से लबरेज टीम इंडिया सीरीज के अंतिम मुकाबले के लिए चेन्नई पहुंची. ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी का फैसला किया. ऑस्ट्रेलिया के ओपनर मैथ्यू हेडन (Mathew Hayden) ने शानदार दोहरा शतक लगाया और कंगारुओं ने पहली पारी में 391 रन बना लिए. जवाब में भारतीय टीम ने सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) के 126 रनों की बदौलत पहली पारी में 501 रनों का स्कोर खड़ा कर 110 रनों की बढ़त हासिल की.
ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी में मार्क वॉ (Mark Waugh) ने जस्टिस लेंगर (Justin Langer) के साथ मिलकर पहले विकेट के लिए 100 रन की पार्टनरशिप की. एक वक्त ऐसा लग रहा था कि कंगारू बड़ा स्कोर बना लेंगे. लेकिन कोलकाता के बाद अब यहाँ चेन्नई में भी हरभजन सिंह (Harbhajan Singh) टीम के लिए संकटमोचक बनकर उभरे और अपनी स्पिन का जादू चला ऑस्ट्रेलिया के आखिरी 6 विकेट महज 15 रनों के अंदर गिरा दिए और ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी 264 रन पर खत्म हुई. भारत को जीत के लिए 155 रन का लक्ष्य मिला.
जवाब में भारतीय टीम 135 रनों पर अपने 8 विकेट खोकर गावांती नजर आ रही थी. लेकिन गेंदबाजी के बाद हरभजन ने बल्लेबाजी में भी अपना दम दिखाया और अपना पहला मैच खेल रहे समीर दीघे (Sameer Dighe) के साथ मिलकर टीम इंडिया को मैच और सीरीज दोनों जिता दी. भज्जी ने इस मैच की पहली पारी में 7 और दूसरी पारी में 8 विकेट हासिल किये थे.
3. अहमदाबाद टेस्ट 2005 बनाम श्रीलंका
साल 2005 में भारत और श्रीलंका के बीच अहमदाबाद में खेले गए टेस्ट मैच में टीम इंडिया ने श्रीलंका को 259 रनों से हरा दिया था. रनों के लिहाज से यह भारतीय टीम की छठी सबसे बड़ी जीत है. यह मैच पूरी तरह से भज्जी और कुंबले की जोड़ी के नाम रहा था.
हरभजन सिंह (Harbhajan Singh) ने मैच पहली पारी में 7 तो दूसरी पारी में 3 विकेट लिए, जबकि कुंबले ने मैच में 7 विकेट हासिल किये थे. टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम ने लक्ष्मण के शानदार 104 रन और इरफ़ान पठान (Irfaan Pathan) के 82 रनों की बदौलत 398 रनों का स्कोर खड़ा किया.
जवाब में श्रीलंका की पहली पारी 206 रनों पर सिमट गयी. हरभजन सिंह ने 7 विकेट हासिल किये. भारतीय टीम ने दूसरी पारी में 9 विकेट के नुक्सान पर 316 रन बनाकर पारी घोषित कर दी और श्रीलंका को 509 रनों का विशाल सा लक्ष्य दिया. जवाब में श्रीलंका की दूसरी पारी 249 रनों पर सिमट गयी और टीम इंडिया ने इस मैच को 259 रनों के भारी अंतर से जीत लिया. पहली पारी में 7 विकेट लेने वाले हरभजन ने दूसरी पारी में भी 3 विकेट हासिल किये.
4. न्यूलैंड्स टेस्ट 2011 बनाम साउथ अफ्रीका (मैच ड्रा)
2010-11 में भारतीय टीम के साउथ अफ्रीका दौरे पर खेले गए टेस्ट सीरीज का तीसरा और आखिरी मैच केपटाउन के न्यूलैंड्स मैदान पर खेला गया. यह मैच अंत में ड्रा पर समाप्त हुआ था. लेकिन भारतीय टीम के दिग्गज ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह (Harbhajan Singh) ने शानदार गेंदबाजी कर काफी चर्चा बटोरी थी.
भज्जी ने साउथ अफ्रीका की दूसरी पारी में 7 बल्लेबाजों का शिकार किया था. टॉस हार कर पहले बल्लेबाजी करने उतरी साउथ अफ्रीका ने जैक कैलिस के 161 रनों की बदौलत 362 रनों का स्कोर खड़ा किया. जवाब में भारतीय टीम ने सचिन तेंदुलकर के शानदार शतकीय पारी और गौतम गंभीर के 93 रनों की बदौलत पहली में 364 रन बनाए.
दूसरी पारी खेलने उतरी साउथ अफ्रीका को हरभजन सिंह ने शुरुआत में एक के बाद एक झटके दिए और साउथ अफ्रीका एक समय में 130 रनों पर 6 विकेट गवांकर पूरी तरह से मुश्किल में फंस चुकी थी. लेकिन जैक कैलिस एक बार फिर, टीम के लिए संकटमोचक बनकर उभरे. उन्होंने दूसरी पारी में फिर से शतक लागाया और निचले क्रम के बल्लेबाजों के साथ मिलकर साउथ अफ्रीका का स्कोर 341 रनों तक पहुंचा दिया. भारतीय टीम ने अपनी दूसरी पारी में 3 विकेट गवांकर 166 रन बना लिए थे, जब खेल को आपसी सहमती से ड्रॉ पर समाप्त कर दिया गया.
5. हैमिलटन, बनाम न्यूजीलैंड 2009
साल 2009 में न्यूजीलैंड के दौरे पर गयी भारतीय टीम ने हैमिल्टन में खेले गए 3 टेस्ट मैचों की सीरीज के पहले मैच में 10 विकेट से एक शानदार जीत हासिल की थी. इस जीत के नायक रहे थे टीम के दिग्गज ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह (Harbhajan Singh). भज्जी ने न्यूजीलैंड की दूसरी पारी में 28 ओवर में सिर्फ 63 रन देकर छह विकेट लिए. जिसके कारण न्यूजीलैंड की दूसरी पारी 279 के स्कोर पर ही सिमट कर रह गयी. भज्जी के स्पिन के जादू के आगे सारे किवी बल्लेबाज नाचते नजर आये.
उससे पहले टॉस हार कर पहले बल्लेबाजी करने उतरी न्यूजीलैंड जेसी राइडर और कप्तान डेनियल विटोरी की शतकीय पारी के वावजूद 269 रन ही बना पायी. जवाब में भारतीय टीम ने सचिन तेंदुलकर के 160 रनों की बदौलत 520 रनों का स्कोर खड़ा किया था.