टी20 क्रिकेट में भारत के कप्तान रोहित शर्मा और विराट कोहली का स्ट्राइक रेट वर्तमान समय में बाकी खिलाड़ियों के मुकाबले बेहद फीका रहा है। जहां कप्तान हिटमैन पूरे टी20 विश्व कप में खराब फॉर्म से जूझते रहे तो दूसरी ओर किंग कोहली का बल्ला जमकर गरजा। हालांकि इस दौरान उनके स्त्रीकेत रेट को लेकर 2 मत रहे हैं। लेकिन, हाल ही में एक भारतीय पत्रकार ने टर्मिनेटर हरभजन सिंह (Harbhajan Singh) से इन दोनो दिग्गज खिलाड़ियो के टी20 प्रारूप से संन्यास लेने और उनके भविष्य के बारे में एक सवाल पूछा। इसके बाद उन्होंने पत्रकार को मुहतोड़ जवाब दिया।
खिलाड़ियों को टी20 क्रिकेट में अपना नज़रिया बदलना होगा- Harbhajan Singh
भारत के महानतम स्पिनर गेंदबजो में शुमार हरभजन सिंह (Harbhajan Singh) अपने बयानो को लेकर सुर्खियो में बने रहते है। उन्हें उनकी गेंदबाजी के अलावा कमेंट्री करने के लिए भी जाना जाता है। उन्हें अक्सर क्रिकेट से जुड़ी जानकारी और सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव पाया जाता है। हाल ही भज्जी ने पीटीआई से बातचीत करते हुए कहा कि,
"टी20 प्रारूप में दृष्टिकोण बदलना होगा। पहले छह ओवर महत्वपूर्ण हैं। यदि ऐसा नहीं होता है तो आप 20 गेंदों में 50 रन बनाने के लिए हार्दिक या सूर्या पर निर्भर होंगे। यदि वो नहीं चलते हैं, तो आप फिर खत्म हो जाएंगे।"
खिलाड़ियों को तेज करनी होगी बल्लेबाजी- Harbhajan Singh
अपने क्रिकेट करियर में 450 से ज्याद विकेट ले चुके हरभजन सिंह (Harbhajan Singh) दुनिया भर में अपनी छाप छोड़ चुके हैं। वहीं वो किसी भी खिलाड़ी के बारे में नेगेटिव प्रतिक्रिया देने से हमेशा से बचते हुए आए है। भज्जी ने आगे कहा कि,
"इंग्लैंड ने अपना रवैया बदला और उन्होंने दो विश्व कप जीते। टी20 को वनडे की तरह नहीं बल्कि टी20 की तरह खेला जाना चाहिए। सभी शीर्ष-तीन (रोहित, विराट, केएल) को अपनी स्ट्राइक रेट बढ़ाने की जरूरत है। जब आप 110 या 120 के स्ट्राइक पर बल्लेबाजी करते हैं और 180 बनाने की कोशिश करते हैं तो ये कठिन होता है। उन्हें प्रति ओवर कम से कम 9 रन बनाने होंगे। पहले 10-12 ओवर तक ऐसे खेलना होगा।"
खिलाडि़यों की फिटनेस को देखकर तय करे- Harbhajan Singh
हरभजन सिंह (Harbhajan Singh) ने आखिरी में बातचीत करते हुए इस बात खंडन किया कि वो कौन होते है किसी खिलाड़ी के भविष्य के बारे में तय करने वाले। इन सब के लिए बीसीसीआई बनी हुई है। भज्जी ने कहा,
"मैं कमेंट करने वाला कोई नहीं हूं कि उन्हें टी-20 खेलना चाहिए या नहीं। वो गुणवत्ता वाले खिलाड़ी हैं यदि वो फिट रह सकते हैं तो क्यों नहीं, बशर्ते दृष्टिकोण अलग हो। खिलाड़ियों को रातोंरात नहीं बदला जा सकता है, नजरिए को बदलना होगा।"