भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह (Harbhajan Singh) इन दिनों अपने बयानबाजी को लेकर चर्चाओं में हैं. उन्होंने कुछ वक्त पहले ही अंतर्राष्ट्रीय करियर को अलविदा कहा था. इसके बाद से ही किसी न किसी वजह से वो सुर्खियों में हैं. हाल ही में उन्होंने ऐसे संकेत दिए थे कि वो बतौर कोच अपने करियर में आगो बढ़ना चाहते हैं. भारत के लिए कुंबले और अश्विन के बाद सबसे ज़्यादा टेस्ट विकेट लेने वाले हरभजन सिंह (Harbhajan Singh) ने कई बड़े खुलासे किए हैं.
अभी नई पारी के बारे में ज्यादा कुछ नहीं सोचा है
दरअसल न्यूज 18 के साथ हुए इंटरव्यू में जब भज्जी से ये सवाल किया गया कि क्या वो अपने आगे करियर की शुरूआत मैदान से ही करते हुए नजर आएंगे. तो इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा,
नई पारी तो जरूर शुरू करनी है क्योंकि क्रिकेट वाला पहलू अब पीछे रह गया है. क्रिकेट वाला पहलू का मतलब है कि खिलाड़ी के तौर पर खेलने वाली पारी खत्म हो चुकी है. लेकिन, इस खेल के साथ अब तक जुड़ा हूं. अब दूसरा पहलू है कि क्रिकेट के सथ जुड़ा रहूं और इसका रास्ता कोचिंग से होकर जा सकता है. जो आप सुनना चाहते हैं यानी राजनीति के बारे में तो इस पर मैं बता दूं कि मैंने इस बारे में कोई निर्णय नहीं लिया है. क्या करना है. क्यों करना है. तय नहीं किया है. लेकिन, जब फैसला लूंगा तो आपको जरूर बताऊंगा.
इंटरनेशनल टीम से जुड़ा तो 12 महीने व्यस्त रहूंगा
इसके बाद जब हरभजन सिंह (Harbhajan Singh) से सवाल किया गया वो कोचिंग में किस तरह से अपने करियर को आगे बढ़ाना चाहेंगे तो इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा,
"देखिये, मैं अभी हाल ही में रिटायर हुआ हूं. काफी लंबे वक्त तक मैं घर से बाहर रहा हूं. एक क्रिकेटर की ज़िदंगी फौजियों की ही तरह होती है. हमेशा उनका सामान बंधा ही रहता है. जब भी घर पर आता था तो हफ्ते-दस दिन बाद निकलना पड़ता था. अब मैं अपना वक्त परिवार को देना चाहता हूं. पुराने लोगों से मिलना चाहता हूं. बीते 20-22 सालों में मैनें बहुत चीजें मिस करी हैं.
लेकिन, क्रिकेट मेरी ज़िंदगी है और हमेशा रहेगी. बिना क्रिकेट के मेरा वजूद है ही नहीं और कोचिंग से कितने वक्त जुड़ा रहा रहूंगा इसे लेकर भी कोई प्लान नहीं किया है. लेकिन, अभी अंतरराष्ट्रीय टीम के साथ उतना वक्त नहीं दे पाऊंगा. क्योंकि इटंरनेशनल टीम के साथ 12 महीने वक्त देना पड़ता है. जबकि आईपीएल में 2-3 महीने किसी भी टीम के काम आ सकता हूं."
ऑस्ट्रेलियाई जैसी टीमों के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन करना बड़ी बात होती थी
आगे जब हरभजन सिंह (Harbhajan Singh) से कप्तानी को लेकर सवाल किया गया कि उनको लेकर कभी किसी ने ऐसा नहीं सोचा तो इसका जवाब देते हुए भज्जी ने कहा,
"अच्छा होगा कि आप इस बात को न ही छेड़ें कि मैं कप्तान क्यों नहीं बना. मैंने खेलते हुए देश की सेवा की. कप्तान बनता तो भी कोई बड़ी बात नहीं होती और नहीं भी बना तो इसका किसा भी तरह का अफसोस नहीं है."
आगे बेहतरीन टीम के खिलाफ हुए शानदार प्रदर्शन को लेकर जब ये पूछा गया कि रिकी पोंटिंग जैसे खिलाड़ी जब आपको ये बोलते हैं कि आप उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती रहे हैं तो कैसा महसूस होता है. तो इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा,
"रिकी पोंटिंग बहुत बड़े खिलाड़ी हैं और आप जब उनसे या मैथ्यू हेडेन जैसे खिलाड़ियों से इस तरह की बातें सुनते हैं तो अच्छा लगता है. ऐसे तो कोई किसी की तारीफ नहीं करता है. जरूर मैदान में छाप छोड़ी होगी. मैदान में खुद को टेस्ट करने के लिए ऑस्ट्रेलियाई टीम से बेहतर कोई और नहीं होता था. क्योंकि वो उस दौर के बॉस होते थे. मैं उनके खिलाफ यही सोचकर उतरता और अच्छा खेलकर बताता था कि मैं भी क्रिकेट में सस्टेन कर सकता हूं."
एमएस धोनी से मेरे रिश्ते बहुत अच्छे हैं- भज्जी
आगे पूछा गया कि धोनी के साथ आपके रिश्ते कैसे हैं तो इसके जवाब में उन्होंने कहा, "बहुत अच्छा है. मेरी उनसे शादी तो नहीं हुई". जब ये सवाल किया गया कि कुछ ऐसी खबरें आई थीं कि आप धोनी से नाराज हैं तो इसके जवाब में हरभजन सिंह (Harbhajan Singh) ने कहा,
"हर शख्स की सोच अलग होती है. मैं सिर्फ यह कह रहा हूं कि 2012 के बाद कुछ चीजें बेहतर हो सकती थीं. वीरू (सहवाग), गौतम (गंभीर), युवी (युवराज सिंह) का करियर 35-36 साल तक आईपीएल खेलते हुए चला. वो सब खेलते हुए रिटायर हो सकते थे. क्या मैं 2011 के बाद अचानक ही खराब हो गया और ये सारे खिलाड़ी एक साथ कभी नहीं खेले. मैं सिर्फ 31 साल का था. युवी छोटा है. गौतम तो और छोटा है.
2015 के लिए ये सभी उपलब्ध थे. लेकिन, इनमें से कोई नहीं आया. एक बड़ा सवाल है. उस समय BCCI में कौन से लोग थे. वो कैसे इस बात को सही साबित करेंगे. क्यों ऐसा बर्ताव किया गया. क्यों हम लोगों का भविष्य में चयन नहीं हो पाया? ऐसा तो नहीं था कि हम 2011 में क्वार्टर फाइनल में हार गए थे. हम तो वर्ल्ड कप जीते थे. ये बात हजम नहीं होती है. समझ से परे है."
एमएस धोनी से नहीं है कोई शिकायत
इस जवाब के बाद जब आखिरी सवाल में ये पूछा गया कि इसका मतलब तो साफ है कि आप धोनी से नाराज हैं तो जवाब देते हुए हरभजन सिंह (Harbhajan Singh) ने कहा,
"बिल्कुल नहीं. धोनी (MS Dhoni) से कोई नाराजगी नहीं है. शिकायत नहीं है. वो अच्छा दोस्त भी रहा है. बढ़िया कप्तान रहा है. मेरी शिकायत बोर्ड से है. जो सरकार थी. मैं बीसीसीआई को सरकार कहता हूं. जो सरकार में उन दिनों चयनकर्ता थे उन्होंने ठीक से काम नहीं किया.
टीम की एकता को तोड़ दिया. नए लड़कों को लेकर आना. जब पुराने औजार ही तीखे थे तो नए की जरूरत नहीं. हम फुंके तो नहीं थे. 38 साल के भी नहीं हुए थे. 32 साल के ही थे और आज भी खेलेंगे तो दम लगा देंगे. ये अलग बात है कि अब खेलेंगे नहीं! चयनकर्ताओं से जब हमने ये पूछा तो उन्होंने कहा कि हमारे बस की बात नहीं थी तो फिर आप चयनकर्ता क्यों थे भाई?"