भारतीय क्रिकेट टीम के दिग्गज स्पिनर हरभजन सिंह (Harbhajan Singh) ने पिछले महीने ही अपने क्रिकेट करियर को अलविदा कहा है। हालांकि वह लंबे वक्त से भारतीय टीम से बाहर चल रहे थे। मगर अब संन्यास के बाद भज्जी ने BCCI पर उनके करियर को खत्म करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि बीसीसीआई के कुछ अधिकारी थे, जिनके चलते उनका करियर जल्दी खत्म हो गया।
मैं ले सकता था 100-150 और विकेट
Harbhajan Singh का नाम भारत के दिग्गज स्पिनर्स में गिना जाता है। मगर वह 2016 के बाद से भारत की जर्सी नहीं पहन सके। उन्होंने टेस्ट में 417, वनडे में 269 और T20I क्रिकेट में 25 विकेट अपने नाम किए। हालांकि फिर उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया। भज्जी का कहना है कि यदि उन्हें मौके मिलते, तो वह 100-150 विकेट और ले सकते थे। उन्होंने कहा,
‘लक हमेशा मेरे साथ रहा है। सिर्फ कुछ बाहरी तत्व ही थे, जो मेरे पक्ष में नहीं थे। कह सकते हैं कि वे पूरी तरह मेरे खिलाफ थे। इसकी वजह यह थी कि मैं जिस तरह से गेंदबाजी कर रहा था और शानदार तरीके से आगे बढ़ रहा था। मैं 31 साल का था, तब तक मैं 400 विकेट ले चुका था। तब मेरे दिमाग में अगले 4-5 साल और खेलने का विचार था। मैं ज्यादा नहीं मेरे स्तर के हिसाब से यह कह सकता हूं कि 100 या 150 और विकेट तो लेता ही।’
BCCI अधिकारी नहीं चाहते थे मुझे मिले समर्थन
पूर्व भारतीय स्पिनर Harbhajan Singh ने आगे बताया कि कुछ बीसीसीआई अधिकारी थे, जो नहीं चाहते थे कि उन्हें कप्तान का सपोर्ट मिले। भज्जी ने आगे कहा,
‘एमएस धोनी तब कप्तान थे लेकिन मुझे लगता है कि यह बात धोनी के स्तर से ऊपर थी। कुछ हद तक, कुछ बीसीसीआई अधिकारी थे जो इसमें शामिल थे और वे नहीं चाहते थे कि मुझे कप्तान से कोई समर्थन प्राप्त हो, लेकिन एक कप्तान कभी भी बीसीसीआई से ऊपर नहीं हो सकता। बीसीसीआई का पलड़ा हमेशा कप्तान, कोच या टीम से बड़े रहे हैं।"
देश की जर्सी पहनकर संन्यास लेना चाहते हैं खिलाड़ी
Harbhajan Singh ने 24 दिसंबर को संन्यास लेकर अपने क्रिकटे करियर को अलविदा कह दिया। हालांकि भज्जी ने बताया कि जो भी खिलाड़ी भारत के लिए खेलता है, वह अपनी टीम की जर्सी पहनकर ही संन्यास लेना चाहता है। पूर्व स्पिनर ने कहा,
‘धोनी के पास अन्य खिलाड़ियों की तुलना में बीसीसीआई का ज्यादा समर्थन था और अगर बाकी खिलाड़ियों को भी उसी तरह का समर्थन मिलता, तो वे भी खेलते। ऐसा नहीं था कि बाकी खिलाड़ी बेहतर प्रदर्शन करना भूल गए या किया नहीं। हर खिलाड़ी भारत की जर्सी पहनकर संन्यास लेना चाहता है लेकिन किस्मत हमेशा आपके साथ नहीं होती और कभी-कभी आप जो चाहते हैं वह नहीं होता है।’