World Cup 2011 की विजय का एक-एक लम्हा आज भी हर इंडियन क्रिकेट फैन के जहन में ताजा है। 28 साल बाद विश्व कप जीतने की खुशी में बहे आंसुयो की नमी सदियों तक बरकरार रहेगी। लेकिन World Cup 2011 के बाद टीम इंडिया के कुछ खिलाड़ियों को मलाल के साथ टीम से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। इसको लेकर टीम इंडिया के पूर्व स्पिन गेंदबाज और वर्ल्ड चैम्पियन हरभजन सिंह ने खुलकर अपने दिल की बात कही है।
किसी भी टीम को वर्ल्डकप जीतने के लिए जरूरी है कि मैदान पर मौजूद टीम के सभी 11 खिलाड़ी अपने दिल और जान से सिर्फ जीत के लिए खेले। साल 2011 में दिग्गजों से सजी टीम इंडिया ने World Cup 2011 में ये कारनामा कर के दिखाया। इस टूर्नामेंट के हर मैच में टीम इंडिया को एक नए मैच विनर ने मैच जिताए। उसमें से स्पिन गेंदबाज हरभजन सिंह (Harbhajan Singh) की भी अहम भूमिका थी।
BCCI पर जमकर बरसे Harbhajan Singh
World Cup 2011 के बाद भारत को वर्ल्डकप जिताने वाले तमाम दिग्गज खिलाड़ियों को बाहर का रास्ता दिखाया गया उससे हरभजन काफी नाराज हुए। एक इंटरव्यू के दौरान हरभजन बीसीसीआई पर जमकर बरसे थे। हरभजन ने कहा कि
“आप जानते हैं कि वे अधिकारी क्या कर रहे थे, उस समय भारतीय क्रिकेट में क्या हो रहा था और किस वर्ग के लोग खेल रहे थे, और दूसरों को कैसे नजरअंदाज किया जा रहा था। अगर हम 2011 में विश्व कप जीतने के लिए काफी अच्छे थे, तो उसके बाद हमने एक भी मैच क्यों नहीं खेला? क्या वह टीम सिर्फ विश्व कप जीतने के लिए काफी अच्छी थी और उसके बाद और खराब हो गई?”
हमें इस्तेमाल करके छोड़ दिया गया - Harbhajan Singh
बीसीसीआई और टीम मैनेजमेंट पर निशान साधते हुए पूर्व दिग्गज स्पिनर ने इशारों इशारों में बड़ी बात कह डाली। हरभजन का कहना है कि उनके समेत युवराज सिंह, गौतम गंभीर, वीरेंद्र सहवाग को इस्तेमाल करके छोड़ दिया गया। हरभजन का कहना है कि
"क्या 31 वर्षीय हरभजन सिंह, 30 वर्षीय युवराज सिंह, 32 वर्षीय वीरेंद्र सहवाग, 29 वर्षीय गौतम गंभीर जो 2011 में खेले थे, 2015 की विश्व कप टीम में खेलने के लिए पर्याप्त नहीं थे। ? उन्हें एक-एक करके टीम से क्यों हटाया गया? उनके साथ 'यूज एंड थ्रो' जैसा व्यवहार क्यों किया गया? यह भारतीय क्रिकेट की एक दुखद कहानी है। मुझे नहीं पता कि अब क्या हो रहा है लेकिन 2011 तक बहुत से लोगों ने मेरी मदद की, बहुतों ने मेरी टांग खींची। लेकिन 2012 के बाद उन्होंने मुझे पूरी तरह से बाहर निकालने के लिए मेरी टांग खींच दी।"
World Cup 2011 के बाद भारत के लिए एक साथ नहीं खेले ये खिलाड़ी
World Cup 2011 के बाद साल 2015 के विश्वकप में इन खिलड़ियों को टीम में जगह नहीं दी गई थी । इन सभी दिग्गज खिलाड़ियों को टीम से बाहर कर रोहित शर्मा, शिखर धवन और भुवनेश्वर कुमार जैसे युवा खिलाड़ियों को इस वर्ल्डकप में टीम में शामिल किया था। टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ही थे, लेकिन टीम इंडिया साल 2015 में वर्ल्डकप जीतने में नाकाम रही थी। जिसके बाद युवराज, सहवाग और गंभीर जैसे दिग्गज खिलाड़ियों को कभी एक साथ भारत के लिए खेलते हुए नहीं देखा गया।