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रोहित शर्मा (Rohit Sharma) के कप्तान बनने के बाद भारतीय टीम काफी बदलाव देखने को मिले हैं। उनकी अगुवाई में युवा खिलाड़ियों को अपना जलवा बिखेरने का सुनहरा मौका मिला है। लेकिन इस दौरान कई खिलाड़ियों को लगातार नजरअंदाज किया गया है, जिसके कारण उन्हें टीम से अपनी जगह गंवानी पड़ी है।
इस बीच एक ऐसे खिलाड़ी पर भी गाज गिरी, जिसको टीम इंडिया का आने वाला ‘राहुल द्रविड’ माना जा रहा था। वहीं, अब कोच गौतम गंभीर और कप्तान रोहित शर्मा (Rohit Sharma) के दौर में इस खिलाड़ी का टीम में जगह बनाना नामुमकिन लग रहा है।
Rohit Sharma की कप्तानी में बर्बाद हो रहा है इस खिलाड़ी का करियर!
- भारतीय क्रिकेट टीम को इतिहास में कई धाकड़ मिले हैं, जिन्होंने अपने प्रदर्शन से प्रशंसकों को काफी खुश किया। इस दौरान कुछ खिलाड़ी टीम के लिए दीवार भी साबित हुए, जिन्हें गिराना विपक्षी टीमों के लिए मुश्किल रहता था।
- ऐसा ही एक खिलाड़ी विराट कोहली की कप्तानी के दौर में सामने आया था, जिसका रोहित शर्मा (Rohit Sharma) के टीम इंडिया की कमान संभालने के बाद से ही पत्ता कट गया।
- इन खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन कर यह साबित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी कि उनमें राहुल द्रविड़ की विरासत को आगे बढ़ाने की क्षमता है।
Rohit Sharma के युग में खेले हैं सिर्फ इतने मैच
- इस खिलाड़ी के पास किसी भी क्रम में बल्लेबाजी करने का माद्दा था। जब भी भारतीय गेंदबाजी इकाई दबाव में नजर आई तो इसने अपनी ऑफ स्पिन गेंदबाजी से टीम को मुश्किलों से निकाला।
- विराट कोहली के कप्तानी के युग में यह खिलाड़ी भारतीय टेस्ट टीम का स्तम्भ हुआ करता था, लेकिन रोहित शर्मा (Rohit Sharma) और राहुल द्रविड के मोर्चा संभालने के बाद इसको टीम में मौका मिलना कम हो गया।
- दरअसल, हम जिस खिलाड़ी की बात कर रहे हैं वह कोई और नहीं बल्कि खतरनाक टेस्ट क्रिकेट खिलाड़ी हनुमा विहारी हैं। रोहित शर्मा और राहुल द्रविड की जोड़ी ने श्रेयस अय्यर को मौका देने के लिए उनका करियर मुश्किल में डाल दिया।
इस वजह से कहते हैं टीम इंडिया की 'दीवार'
- विराट कोहली को हनुमा विहारी पर काफी भरोसा हुआ करता था। उनकी अगुवाई में उन्होंने 10 टेस्ट मैच खेले, जिसमें से उनके बल्ले से एक शतक और चार अर्धशतक की मदद से 576 रन निकले।
- जबकि रोहित शर्मा (Rohit Sharma) की कप्तानी में हनुमा विहारी ने सिर्फ दो मैच खेलते और 124 रन बनाए, जिसमें एक अर्धशतक शामिल है। साल 2022 के बाद से ही वह भारत की जर्सी में नजर नहीं आए हैं।
- गौरतलब है कि जनवरी 2021 में सिडनी में ऑस्ट्रेलिया के साथ खेले गए टेस्ट मैच में हनुमा विहारी ने यादगार प्रदर्शन कर खुद को भारतीय टीम की दीवार साबित किया।
ऐसा रहा है करियर
- चोटिल होने की बावजूद वह चट्टान की तरह मैदान पर खड़ी रहे और ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों के छक्के छुड़ा दिए। उन्होंने 23 रनों की नाबाद पारी खेल मैच ड्रॉ करवाया।
- एक इंटरव्यू में हनुमा विहारी ने खुद बताया था कि वह मैच में पैनकिलर का इन्जेक्शन लेने के बाद पैर में पट्टी बांधकर खेल रहे थे। उनका मकसद अपनी टीम के लिए अंत तक खड़े रहने का था।
- हनुमा विहारी के पास शानदार बल्लेबाजी के साथ-साथ ऑफ स्पिन गेंदबाजी करने की भी काबिलियत है। 16 टेस्ट मैच में उनके नाम पांच विकेट दर्ज है।
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