भारतीय टीम बीते कुछ सालों घर में नहीं बल्कि बाहर भी जबरदस्त प्रदर्शन के दम पर छाई हुई. लेकिन, इस बीच टीम में कुछ कमजोरियां हैं जिसे लेकर गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) ने बड़ी प्रतिक्रिया दी है. यूं तो भारत के पास विराट कोहली (Virat Kohli), रोहित शर्मा (Rohit Sharma) और केएल राहुल तौर पर कई शानदार बल्लेबाज हैं. साथ ही तेज गेंदबाजी गेंदबाजी आक्रमण भी पहले के मुकाबले और भी ज्यादा निखरकर सामने आया है. लेकिन, अभी भी टीम की एक कमजोरी समस्या बनी हुई. इस पर गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) ने क्या कुछ कहा है इसके बारे में भी आपको बता देते हैं.
तेज गेंदबाजी ऑलराउंडर बनी टीम इंडिया की समस्या
दरअसल इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया को हराकर टीम इंडिया ने अुपनी मजबूती का सबूत दिया है. लेकिन, टीम की फास्ट बॉलिंग ऑलराउंडर की परेशानी खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही है. इरफान पठान के बाद हार्दिक पंड्या (Hardik Pandya) जरूर इस कमी को पूरा कर सकते थे. लेकिन, 3 साल पहले पीठ में लगी चोट ने उनकी गेंदबाजी की धार और रफ्तार दोनों को ही कम कर दिया है.
हार्दिक पंड्या की चोट के बाद उनकी जगह विजय शंकर और अब वेंकटेश अय्यर (Venkatesh Iyer) को तेज बॉलिंग ऑलराउंडर के तौर पर परखा गया. लेकिन, जिस तरह की उम्मीद थी रिजल्ट उसके मुताबिक नहीं आया. अब इसे लेकर पूर्व भारतीय ओपनर गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) का कहना है कि टीम इंडिया को अब तेज गेंदबाजी करने वाले ऑलराउंडर को ही ढूंढना बंद कर देना चाहिए.
कपिल देव की तलाश बंद करें
इस बारे में स्पोर्ट्स टुडे से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा,
“अगर आपके पास कुछ नहीं है तो उसके लिए मत जाओ. आपको ये स्वीकार करके आगे बढ़ना चाहिए. वो बनाने की कोशिश मत करो जो तुम नहीं बना सकते. सारी दिक्कत की जड़ ही यही है.”
इतना ही नहीं आगे गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) ने यह भी कहा,
“हम लगातार यह बात करते हैं कि कपिल देव के बाद हमारे पास ऑलराउंडर नहीं है. ईमानदारी से कहूं तो हमें आगे बढ़ना चाहिए और रणजी ट्रॉफी से ही खिलाड़ियों को तैयार करना चाहिए और जब आपको लगे कि वो तैयार हो गए हैं तो उन्हें सीधे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में ले आएं. उन्हें लगता है कि अब वो वक्त आ गया है कि बीसीसीआई इसे स्वीकार करे और घरेलू और इंडिया-ए स्तर पर युवाओं को तैयार करने के तरीके तलाशे.”
अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट प्रदर्शन सिखाने का नहीं प्रदर्शन का है मंच
भारतीय पूर्व क्रिकेटर नए खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में मौके देकर उन्हें सिखाने वाली योजना से सहमति नहीं जताते. इस बारे में गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) ने कहा,
“मैं हमेशा से मानता हूं कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट सिखाने का नहीं प्रदर्शन का मंच है. आप किसी भी खिलाड़ी को घरेलू क्रिकेट या इंडिया-ए लेवल पर तराश सकते हैं. जब आप अपने देश के लिए खेलते हैं तो आपको सीधे प्रदर्शन के लिए तैयार रहना चाहिए.”