गौतम गंभीर ने हेड कोच बनते ही दिखाई दादागिरी, फ्लॉप चल रहे इस खिलाड़ी को सौपी ऑस्ट्रेलिया दौरे की उपकप्तानी
Published - 14 Oct 2025, 02:48 PM

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Gautam Gambhir : भारतीय क्रिकेट में इस समय सबसे बड़ी चर्चा अगर किसी को लेकर हो रही है, तो वो है शुभमन गिल की ऑस्ट्रेलिया दौरे पर उपकप्तान के तौर पर नियुक्ति। टीम इंडिया के नए हेड कोच गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) ने अपना कार्यकाल शुरू करते ही कई अहम फैसले लिए हैं, लेकिन इस फैसले ने क्रिकेट फैंस और विशेषज्ञों दोनों को हैरान कर दिया है।
सवाल ये उठ रहा है कि जब गिल हाल के टी20 मैचों में कुछ खास नहीं कर पाए, तो आखिर क्यों उन्हें इतने अहम पद पर बिठाया गया?
एशिया कप 2025 में शुभमन गिल की नाकामी ने बढ़ाई चिंता
एशिया कप 2025 में शुभमन गिल से टीम को बड़ी उम्मीदें थीं। पिछले कुछ वर्षों में उन्होंने वनडे और टेस्ट में शानदार प्रदर्शन कर भारतीय टीम में अपनी जगह पक्की की थी, लेकिन टी20 फॉर्मेट में उनकी कमजोरी एक बार फिर उजागर हो गई।
इस टूर्नामेंट में उन्होंने 7 मैचों में केवल 127 रन बनाए, औसत रहा करीब 18 के आसपास, और स्ट्राइक रेट भी मुश्किल से 115 से ऊपर गया। कई बार गिल ने पावरप्ले में धीमी बल्लेबाज़ी की वजह से टीम पर दबाव बढ़ाया।
टी20 फॉर्मेट में जहां हर गेंद पर रन बनाना जरूरी होता है, वहीं गिल की यह धीमी बल्लेबाज़ी टीम के लिए मुश्किल साबित हुई। उनकी यह कमजोरी अब बार-बार सामने आ रही है — न तो वे स्ट्राइक रोटेट कर पा रहे हैं और न ही बड़े शॉट्स खेल पा रहे हैं।
Gautam Gambhir का भरोसा या “फेवरिटिज़्म” का मामला?
हालांकि, जब शुभमन गिल का टी20 फॉर्म लगातार गिरावट पर है, तब उन्हें ऑस्ट्रेलिया जैसे अहम दौरे पर उपकप्तान बनाना कई लोगों को समझ नहीं आ रहा। आलोचकों का मानना है कि यह चयन प्रदर्शन के आधार पर नहीं, बल्कि पसंद और भरोसे के आधार पर किया गया है।
पूर्व खिलाड़ियों और फैंस का कहना है कि ऐसे समय में जब रिंकू सिंह, तिलक वर्मा और अभिषेक शर्मा जैसे युवा खिलाड़ी शानदार लय में हैं और लगातार बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं, वहां गिल को प्राथमिकता देना बाकी प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के साथ नाइंसाफी जैसा है।
टी20 इंटरनेशनल में शुभमन गिल का प्रदर्शन उम्मीदों से कम
शुभमन गिल का टी20 इंटरनेशनल सफर अब तक उतना प्रभावशाली नहीं रहा है, जितनी उनसे उम्मीदें की जाती हैं। उन्होंने अब तक 28 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में 705 रन बनाए हैं, जिसमें उनका औसत मात्र 28.2 और स्ट्राइक रेट 141.29 रहा है।
हालाँकि ये आंकड़े सतही तौर पर बुरे नहीं लगते, लेकिन जब इन्हें अन्य टॉप टी20 बल्लेबाज़ों से तुलना की जाती है, तो गिल का प्रदर्शन निरंतरता और प्रभाव दोनों में पीछे दिखता है।
उनके नाम टी20I में सिर्फ 1 शतक और 3 अर्धशतक हैं, जो उनके अनुभव और बल्लेबाज़ी क्षमता को देखते हुए काफी कम हैं। कई मैचों में वे अच्छी शुरुआत के बाद बड़ी पारी नहीं खेल पाए — जो उनकी सबसे बड़ी कमजोरी बनकर उभरी है।
गिल के स्ट्राइक रेट में सुधार जरूर दिखता है (141.29), लेकिन यह स्ट्राइक रेट अक्सर शुरुआती ओवरों में धीमी बल्लेबाज़ी से प्रभावित होता है। वे पावरप्ले में स्ट्राइक रोटेट करने की बजाय टिकने की कोशिश करते हैं, जिससे टीम पर रन गति बनाए रखने का दबाव बढ़ता है।
ऑस्ट्रेलिया दौरे पर उपकप्तानी — मौका या दबाव?
अब जबकि उन्हें टी20 टीम का उपकप्तान बना दिया गया है, शुभमन गिल पर प्रदर्शन का दबाव कई गुना बढ़ गया है। यह जिम्मेदारी या तो उन्हें और बेहतर बना सकती है, या फिर उनके करियर की सबसे बड़ी चुनौती साबित हो सकती है।
गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) के इस फैसले को “दूरदर्शी कदम” कहा जा सकता है अगर गिल यहां अपनी खोई हुई फॉर्म वापस पा लेते हैं। लेकिन अगर उनका बल्ला फिर खामोश रहा, तो यह निर्णय टीम मैनेजमेंट की सोच पर भी सवाल खड़ा कर देगा।