भारतीय क्रिकेट टीम में युवा प्रतिभाओं की कमी नहीं है। पिछले कुछ समय से शुभमन गिल जैसे कई युवा खिलाड़ी टीम इंडिया में लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। लेकिन, इसके बाद भी उन्हें लगातार नजरअंदाज किया जा रहा। इस लिस्ट में पृथ्वी शॉ जैसे खिलाड़ियों का भी नाम शामिल है, जो घरेलू क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद भी नजरअंदाज हो रहे हैं। राहुल द्रविड़ के कार्यकाल में भी उन्हें लगातार हर सीरीज में इग्नोर किया जा रहा है। यही वजह है कि गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) का गुस्सा चयनकर्ताओं पर फूट पड़ा है। इसे लेकर उन्होंने अपनी जमकर भड़ास भी निकाली है।
टीम मैनेजमेंट की कमी से बाहर हैं शॉ- Gautam Gambhir
पृथ्वी शॉ को लगाातार बीसीसीआई और चयनकर्ताओं के द्वारा नजरअंदाज किया जा रहा है। उन्होंने घरेंलू लीग सैयद और विजय हजारे ट्रॉफी में शानदार प्रदर्शन कर अपनी वापसी की दावेदारी ठोकी थी। वहीं आईपीएल में भी पिछले साल उनके बल्ले से रनों की बरसात हुई थी। इसी बीच गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) ने शॉ के बारे में खुलकर बातचीत की।गंभीर ने स्टार स्पोर्ट्स पर बात करते हुए कहा,
“वहां कोच किस लिए हैं? वहां चयनकर्ता किस लिए हैं? ना केवल टीम का चयन करने के लिए, ना सिर्फ उनको थ्रो-डाउन देने के लिए या उन्हें खेल के लिए तैयार करने के लिए। अन्यथा ये चयनकर्ता और कोच के साथ-साथ प्रबंधन का काम है कि उन्हें इन लोगों की मदद करनी चाहिए। पृथ्वी शॉ जैसा कोई खिलाड़ी, हम सभी जानते हैं कि उसके पास किस तरह की प्रतिभा है। संभवत: उन्हें उसे सही रास्ते पर लाना चाहिए और यही प्रबंधन का एक काम है।”
बीसीसआई को शॉ से क्लैरिटी करनी चाहिए- Gautam Gambhir
युवा खिलाड़ी पृथ्वी शॉ ने टीम इंडिया से बाहर होने के बाद अपनी फिटनेस और टेक्निक पर बहुत जोर दिया है। उन्होंने टीम के हिसाब से अपने आप को ढ़ालने की भी कोशिश की है। हाल हीं में, सभी सीनियर खिलाड़ियों को श्रीलंका के खिलाफ टी20 सीरीज से आराम दिया गया है। इसी बीच लग रहा था कि शॉ को टीम में जगह मिलेगी लेकिन, उन्हें इस बार भी 15 सदस्यीय टीम से बाहर ही रखा गया। अंत में बोलते हुए गंभीर (Gautam Gambhir) ने कहा,
"मुझे लगता है कि अगर पृथ्वी शॉ के साथ ऐसा है (फिटनेस और लाइफस्टाइल के मुद्दे) किसी को चाहे वो राहुल द्रविड़ हो या चयनकर्ताओं का अध्यक्ष, वास्तव में उसके शॉ के साथ बात करनी चाहिए, उसे क्लैरिटी दें और उसे टीम इंडिया के ग्रूप के चारों ओर रखें। जिन लोगों को सही रास्ते पर होना चाहिए उन्हें ग्रुप के आसपास होना चाहिए, ताकि उन पर बेहतर निगरानी रखी जा सके। क्योंकि जिस क्षण आप उन्हें अलग छोड़ देते हैं, वो हर जगह जा सकते हैं।”
बता दे कि शॉ को जिम्बाब्वे, आयरलैंड, टी20 विश्व कप, न्यूजीलैंड और अंत में श्रीलंकाई दौरे से लगातार नजरअंदाज किया जा रहा है। शॉ ने टीम इंडिया के लिए केवल एक मात्र टी20 मुकाबला खेला है। जिसमें वह शून्य के स्कोर पर आउट हो गए थे। इसके बाद उन्हें टीम इंडिया में खेलने का मौका नहीं दिया गया।