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Gautam Gambhir: गौतम गंभीर को BCCI ने टीम इंडिया का हेड कोच नियुक्त कर दिया है। गंभीर के कोच बनते ही अन्य कोचिंग स्टाफ को लेकर चर्चा शुरू हो गई है कि पूर्व ओपनर बल्लेबाज के साथ कोचिंग स्टाफ में कौन-कौन शामिल होगा। इस पर भी सस्पेंस बना हुआ है।
क्योंकि राहुल द्रविड़ के कोचिंग पद से इस्तीफा देने के साथ ही विक्रम राठौड़ बैटिंग कोच, पारस महाम्ब्रे बॉलिंग कोच और टी दिलीप फील्डिंग कोच भी अपने पद से हट गए हैं। अब नए हेड कोच के पास अपने मुताबिक कोचिंग स्टाफ चुनने की आजादी है। लेकिन BCCI की इस मामले पर गौतम गंभीर के साथ सहमति बन नहीं रही है। क्या है मामला, आइए आपको बताते हैं?
Gautam Gambhir की मांग को BCCI ने फिर किया खारिज
- दरअसल, गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) ने नए बॉलिंग कोच और फील्डिंग कोच के लिए BCCI को नाम सुझाए थे।
- बॉलिंग कोच को लेकर गंभीर ने विनय कुमार के नाम कि पेशकश की थी।
- लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, BCCI ने विनय कुमार पर कोई सहमति नहीं जताई है। सिर्फ गेंदबाजी कोच ही नहीं, बीसीसीआई ने फील्डिंग कोच की मांग भी खारिज कर दी है।
विदेशी कोच नहीं रखना चाहती बीसीसीआई
- हिंदुस्तान टाइम्स को बीसीसीआई सूत्रों ने बताया कि गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) ने फील्डिंग कोच के तौर पर जोंटी रोड्स का नाम सुझाया था।
- लेकिन कहा जा रहा है कि बीसीसीआई ने उनकी मांग खारिज कर दी। जोंटी रोड्स की क्षमता पर कोई सवाल नहीं है।
- इसमें कोई शक नहीं कि वह सर्वश्रेष्ठ क्षेत्ररक्षकों (फील्डरों) में से एक हैं। वह आईपीएल में लखनऊ सुपर जाइंट्स के फील्डिंग कोच भी हैं।
- लेकिन बीसीसीआई सहयोगी स्टाफ में किसी विदेशी को नियुक्त करने को इच्छुक नहीं है।
- पिछले सात सालों से टीम इंडिया में सभी सपोर्ट स्टाफ भारतीय ही हैं, इसलिए बीसीसीआई इसमें कोई बदलाव नहीं करना चाहता।
टी दिलीप दोबारा बन सकते हैं फील्डिंग कोच
- गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) कि फील्डिंग कोच कि मांग को खारिज करने के बाद भारतीय सपोर्ट स्टाफ की मांग के साथ टी दिलीप के लिए कोचिंग के दरवाजे एक बार फिर खुल गए हैं।
- उनके कार्यकाल में टीम इंडिया ने फील्डिंग में अच्छा प्रदर्शन किया है, इसलिए बैक स्टाफ के सदस्यों को मुख्य कोच के साथ काम पर रखने में कोई दिक्कत नहीं होगी।
- ऐसा पहले भी हो चुका है। 2019 वनडे विश्व कप के बाद, विक्रम राठौड़ ने सपोर्ट स्टाफ में संजय बांगर की जगह ली।
- उन्होंने रवि शास्त्री के नेतृत्व में भूमिका निभाई। इसके बाद द्रविड़ के कार्यकाल में भी राठौड़ इस पद पर बने रहे ।
- तो टी दिलीप के साथ ऐसा हो सकता है।
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