Sachin Tendulkar: भारत के पिछले कुछ दसक से एक से बढ़कर एक कोच मिले है। किसी ने टीम इंडिया को ऊंचाईयो तक पहुंचाया तो किसी ने टीम को नीचे ले गिराया। लेकिन, जब बेहतरीन मुख्य कोच की बात आएंगी तो साउथ अफ्रीका के पूर्व खिलाड़ी गैरी कर्स्टन (Gary Kirsten) का नाम सबसे ऊपर पाया जाएगा। उन्होंने भारतीय टीम की बागड़ोर साल 2008 में संभाली थी। इसकी बाद टीम इंडिया की किस्मत में चार चांद लग थे। भारतीय टीम देश-विदेश में जाकर जीत का परचम लहरा रही थी। ऐसे में गैरी ने सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) को लेकर एक बड़ा खुलासा किया है।
Sachin Tendulkar नाखुश थे
भारतीय टीम को देश-विदेश में जीत का ज्ञान देने वाले पूर्व मुख्य कोच गैरी कर्स्टन (Gary Kirsten ) ने जबसे भारत की कमान संभाली है। तब से टीम इंडिया का खेलने का लेवल एक अलग राह पर दौड़ पड़ा था। जहां टीम इंडिया महेद्र सिंह धोनी की कप्तानी में खिताबी जीत दर्ज करने में कामयाब रही थी।
एडम कोलिंस के साथ द फाइनल वर्ड क्रिकेट पॉडकास्ट में गैरी कर्स्टन ने याद किया कि जब उन्हें दिसंबर 2007 में भारतीय टीम के मुख्य कोच के रूप में नियुक्त किया गया था, तो उन्होंने टीम में बहुत सारी निराशा और नाखुशी महसूस की थी। उन्होने कहा कि,
"मेरे लिए तब स्टैंडआउट यह था कि इस प्रतिभाशाली टीम को आगे ले जाने और इसे विश्व की बेहतर टीम में बदलने के लिए किस तरह के नेतृत्व की आवश्यकता थी। उस स्थिति में जाने वाले किसी भी कोच के लिए यह पहेली थी। जब मैंने कमान संभाली थी तो निश्चित तौर पर टीम में काफी डर था। बहुत सारी नाखुशी थी और इसलिए मेरे लिए यह समझना अधिक महत्वपूर्ण था कि प्रत्येक व्यक्ति को यह समझना चाहिए कि वे टीम में कहां फिट बैठते हैं और उन्हें किस तरह से खुशी के लिए क्रिकेट खेलना चाहिए।"
Gary Kirsten से बेहद दुखी थे Sachin Tendulkar
इसी बीच उन्होंने यह भी बताया कि क्रिकेट तके भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर ज्यादा दुखी थे और उस समय रिटायरमेंट पर विचार कर रहे थे। इसी को लेकर गैरी (Gary Kirsten) ने कहा कि,
"सचिन (Sachin Tendulkar) शायद मेरे लिए सबसे अलग थे, क्योंकि जब मैं टीम में शामिल हुआ तो वह बहुत नाखुश थे। उसने महसूस किया कि उसके पास ऑफर करने के लिए बहुत कुछ है, लेकिन वह अपने क्रिकेट का आनंद नहीं ले पा रहे थे और उन्हें अपने करियर में एक समय ऐसा भी लगा, जब उन्हें लगा कि उन्हें संन्यास ले लेना चाहिए। मेरे लिए उनके साथ जुड़ना और उन्हें यह महसूस कराना महत्वपूर्ण था कि टीम को बनाने के लिए उनका बहुत बड़ा योगदान था और उनका योगदान उससे कहीं अधिक था जो उन्हें करने की आवश्यकता थी।"
Gary Kirsten ने धोनी को बताया सर्वश्रेष्ठ कप्तान
गैरी महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में बेहद शानदार महसूस कर रहे है। गैरी (Gary Kirsten) धोनी का विश्व का सबसे अच्छा कप्तान मानते है। वहीं धोनी और गैरी की दोस्ती को हर कोई फैन जमकर पसंद करता था। जिसका मुजायरा 2011 के एकदिवसीय विश्व कप में देखने को मिला। इसको लेकर अंत में उन्होंने कहा कि,
"कोई भी कोच चाहेगा कि खिलाड़ियों का एक समूह देश के लिए खेल रहा हो, न कि शर्ट के पीछे छपे अपने नाम के लिए। भारत एक कठिन जगह है, जहां बड़े खिलाड़ी के बारे में बहुत अधिक प्रचार किया जाता है और आप अक्सर अपनी व्यक्तिगत जरूरतों में खो जाते हैं। ऐसे में धोनी इस बीच एक नेता के रूप में असाधारण थे, क्योंकि उनका ध्यान टीम के लिए अच्छा प्रदर्शन करने पर था, वह ट्राफियां जीतना चाहते थे और बड़ी सफलता हासिल करना चाहते थे और वह इसके बारे में बहुत सार्वजनिक थे। धोनी की इस सोच ने बहुत सारे खिलाड़ियों को अपनी लाइन में खींच लिया और काफी सरलता से सचिन (Sachin Tendulkar) ने भी क्रिकेट का आनंद लेना शुरू कर दिया।"
बता दे कि गैरी ने जब भारत को 2011 का विश्व कप जीताया था। वह उनका कोचिंग का आखिरी साल था। इस खिताबी जीत के साथ ही उन्होंने भारत में अपने करियर को अलविदा कह दिया था।