मोहम्मद शमी को अब गंभीर कभी नहीं देंगे टीम इंडिया में मौका, उनकी इस एक बात ने हेड कोच हुए हैं गुस्सा

Published - 10 Nov 2025, 04:39 PM | Updated - 10 Nov 2025, 04:43 PM

Mohammed Shami

भारतीय क्रिकेट में मोहम्मद शमी (Mohammed Shami) का नाम उन तेज गेंदबाजों में शामिल है जिन्होंने अपनी रफ्तार और सटीकता से कई यादगार जीत दिलाई हैं। लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि टीम इंडिया में उनके दिन गिने-चुने रह गए हैं।

मौजूदा रणजी ट्रॉफी में भले ही शमी ने 93 ओवर फेंके हों, लेकिन राष्ट्रीय टीम में उनकी वापसी की संभावना बेहद कम दिख रही है। एक समय टीम के मुख्य हथियार रहे शमी अब चयनकर्ताओं की योजनाओं से बाहर होते जा रहे हैं, और हेड कोच गौतम गंभीर का रवैया भी उनके प्रति खासा सख्त बताया जा रहा है।

Mohammed Shami की फिटनेस पर उठे गंभीर सवाल

मोहम्मद शमी (Mohammed Shami) की फिटनेस लंबे समय से चिंता का विषय रही है। 2023 विश्व कप के बाद उनकी एड़ी की सर्जरी हुई, जिसके चलते उन्हें काफी समय तक मैदान से दूर रहना पड़ा। अब जब उन्होंने रणजी में वापसी की है, तो यह साफ दिख रहा है कि वह अपने पुराने लय में नहीं हैं।

उनकी औसत गेंदबाजी गति 130 किमी/घंटा से अधिक नहीं जा रही, जबकि अपने चरम पर वह 140 किमी/घंटा तक की रफ्तार से गेंद फेंकते थे।

बंगाल के लिए खेलते हुए भी वे लंबे स्पेल नहीं डाल पा रहे हैं और चार-चार ओवर के छोटे स्पेल में गेंदबाजी कर रहे हैं। यही वजह है कि चयनकर्ता और कोच दोनों ही यह सोचने पर मजबूर हैं कि क्या उनका शरीर अब भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की कठिनाइयों को झेल सकता है।

कोच और चयनकर्ताओं के बीच बढ़ा मतभेद

सूत्रों के अनुसार, हेड कोच गौतम गंभीर और चयन समिति के बीच मोहम्मद शमी (Mohammed Shami) को लेकर विचारों में मतभेद हैं। चयन समिति चाहती थी कि शमी इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज़ के लिए टीम में लौटें, खासकर जब जसप्रीत बुमराह सीमित मैचों में ही खेलने के लिए उपलब्ध थे।

इसके लिए शमी (Mohammed Shami) से कई बार संपर्क किया गया और उन्हें इंग्लैंड लायंस के खिलाफ एक इंडिया ए मैच खेलने का प्रस्ताव दिया गया ताकि उनकी फिटनेस की स्थिति का आकलन किया जा सके।

लेकिन शमी ने जवाब दिया कि वह अभी अपना वर्कलोड नहीं बढ़ा सकते और फिलहाल चयन के लिए खुद को उपलब्ध नहीं मानते। यह जवाब हेड कोच को बिल्कुल पसंद नहीं आया और माना जा रहा है कि इसी रवैये से गंभीर खासे नाराज हैं।

वनडे करियर पर भी छाया संकट

टेस्ट और टी20 में तो मोहम्मद शमी (Mohammed Shami) पहले ही पीछे छूट चुके हैं, लेकिन अब वनडे में भी उनकी जगह खतरे में दिख रही है। अगले वनडे विश्व कप में अभी दो साल का समय है, और 37 वर्षीय शमी के लिए उस टूर्नामेंट तक पहुंचना मुश्किल माना जा रहा है। उनकी उम्र और बार-बार चोटों का इतिहास देखते हुए चयनकर्ता अब युवा गेंदबाजों पर भरोसा जता रहे हैं।

प्रसिद्ध कृष्णा और आकाश दीप जैसे तेज गेंदबाजों ने हाल के दिनों में शानदार प्रदर्शन किया है, जिससे टीम प्रबंधन को नए विकल्प मिल गए हैं। शमी की स्थिति अब इतनी कठिन हो गई है कि उनका अगला लक्ष्य अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट नहीं, बल्कि आईपीएल 2026 में एक अच्छा कॉन्ट्रैक्ट हासिल करना बताया जा रहा है।

भविष्य की राह और अंतिम उम्मीदें

मोहम्मद शमी (Mohammed Shami) इस समय रणजी ट्रॉफी में बंगाल की ओर से खेल रहे हैं, हालांकि सूरत में रेलवे के खिलाफ नहीं उतरे। अब उनका ध्यान 16 नवंबर से असम के खिलाफ मैच और सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी पर है, जहां वे अपने प्रदर्शन से आईपीएल टीमों को प्रभावित करना चाहेंगे।

बीसीसीआई सूत्रों के मुताबिक, चयनकर्ताओं का उनसे संपर्क बना हुआ है और उनकी फिटनेस रिपोर्ट पर नजर रखी जा रही है। फिर भी, टीम इंडिया की भविष्य की योजनाओं में उनका नाम अब प्राथमिकता में नहीं है।

कभी भारत के प्रमुख तेज गेंदबाज रहे शमी अब करियर के अंतिम दौर में हैं। उनका अनुभव भले अमूल्य हो, लेकिन फिटनेस और उम्र अब उनके रास्ते में सबसे बड़ी चुनौती बन चुके हैं। गौतम गंभीर की नजरें नई पीढ़ी पर हैं, जिससे शमी की टीम इंडिया में वापसी लगभग नामुमकिन लगती है।



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सूत्रों के अनुसार, जब चयन समिति ने शमी से इंग्लैंड सीरीज़ के लिए फिटनेस पर प्रतिक्रिया मांगी तो उन्होंने खुद को उपलब्ध नहीं बताया, जिससे हेड कोच गौतम गंभीर नाराज बताए जा रहे हैं।

वर्तमान स्थिति को देखते हुए शमी की टीम इंडिया में वापसी की संभावना बेहद कम है। उनकी फिटनेस और उम्र को देखते हुए चयनकर्ता अब युवा गेंदबाजों पर भरोसा जता रहे हैं।